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Tunisha Sharma death: FWICE ने ‘अली बाबा’ के मेकर्स को लगाई फटकार, कहा- सेट पर कोई डॉक्टर नहीं…

एफडब्ल्यूआईसीई (फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडियन सिने एम्प्लॉइज) के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने पूछा कि, “शो की फीमेल लीड की डेथ हो गई है और एक लीड जेल में हैं. लेकिन मेकर्स रिप्लेस कर रहे हैं और शूट जारी रखे हुए हैं.

By Budhmani Minj | January 10, 2023 12:52 PM

टीवी एक्ट्रेस तुनिशा शर्मा की आत्महत्या ने पूरी इंडस्ट्री को झकझोर कर रख दिया है. अब हाल ही में FWICE (Federation of Western Indian Cine Employees) ने तुनिशा शर्मा के शो अली बाबा: दास्तान-ए-काबुल के निर्माताओं को लापरवाही के लिए फटकार लगाई क्योंकि सेट पर कॉल पर कोई डॉक्टर या एम्बुलेंस नहीं थी. उन्होंने इस बारे में बातचीत की है कि क्या शो के सेट पर एंबुलेंस अनिवार्य किया जाना चाहिए.

सेट पर कोई एंबुलेंस या डॉक्टर नहीं?

एफडब्ल्यूआईसीई (फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडियन सिने एम्प्लॉइज) के अध्यक्ष बीएन तिवारी ने पूछा कि, “शो की फीमेल लीड की डेथ हो गई है और एक लीड जेल में हैं. लेकिन मेकर्स रिप्लेस कर रहे हैं और शूट जारी रखे हुए हैं. इससे पता चलता है कि वे जुड़े कलाकारों के बजाय केवल पैसे पर केंद्रित हैं. शीजान खान पिछले महीने आत्महत्या करने के बाद तुनिशा को एक निजी वाहन में अस्पताल ले गया था. सेट पर कोई एंबुलेंस या डॉक्टर नहीं था. क्यों?”

सेट पर एंबुलेंस अनिवार्य कर दी जानी चाहिए

उन्होंने आगे कहा,“हमने बार-बार कहा है कि सेट पर एंबुलेंस अनिवार्य कर दी जानी चाहिए. कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में लोग इसका पालन करते थे और अब बस बंद कर दिया है. हमारे एसोसिएशन के कलाकार अब से ऐसे किसी भी सेट पर नहीं जाएंगे, जहां एंबुलेंस न हो.”

मदद मिलने में काफी समय लगता है

अभिनेत्री दलजीत कौर का मानना है कि ऐसे सुरक्षा उपाय अनिवार्य किए जाने चाहिए. उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स से खास बातचीत में कहा, “कभी-कभी, हम ऐसी अजीब जगहों पर शूटिंग करते हैं कि अगर कोई गिर जाता है या चोट लग जाती है, तो मदद मिलने में काफी समय लगता है. मैंने खुद देखा है कि जहां लोगों को चोट लगती है और डॉक्टर तक पहुंचने में कभी-कभी उम्र लग जाती है. इसलिए डॉक्टर होने और एम्बुलेंस होने से जीवन बचाने में मदद मिल सकती है.”

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200 एंबुलेंस को इस तरह रोकना तर्कसंगत नहीं है

निर्माता निवेदिता बसु कहती हैं, “एक्शन बेस्ड शो के साथ-साथ पौराणिक शो में निश्चित रूप से एम्बुलेंस होनी चाहिए क्योंकि वे अधिक गहन दृश्यों पर काम करते हैं.” हालाँकि मुंबई में हर सेट पर एक एम्बुलेंस होना कई निर्माताओं के लिए एक तार्किक समाधान नहीं है. IFTPC के टीवी डिवीजन के अध्यक्ष जेडी मजेठिया कहते हैं, “मुंबई में किसी भी समय लगभग 200 शॉट्स चल रहे होते हैं, 200 एंबुलेंस को इस तरह रोकना तर्कसंगत नहीं है कि कुछ हो सकता है. डॉक्टर के सेट पर खाली बैठने का कोई मतलब नहीं है.”

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