undekhi webseries का तीसरा सीजन इनदिनों सोनी लिव पर स्ट्रीम कर रहा है. इस सीरीज से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का परिचित चेहरा बन चुके अभिनेता सूर्या शर्मा कहते हैं कि सीजन एक जब हमने शूट किया था तो हमें पता नहीं था कि यह सीरीज इतनी बड़ी हिट होगी कि इसका तीसरा सीजन भी आएगा. सीजन 3 आना अपने आप में बड़ी उपलब्धि है,जिसका मतलब है कि आपको दर्शकों का प्यार मिल रहा है. उर्मिला कोरी से हुई बातचीत
तीसरे सीजन से जुड़ने से पहले आपका क्या होमवर्क था ?
वर्कशॉप हम शूटिंग से पहले करते ही हैं. हम हर सीन को पहले से डिस्कस कर लेते थे.शूटिंग पर हमें डिस्कसन का मौका नहीं मिलता है क्योंकि हमारी सीरीज की शूटिंग मनाली में हुई है और वहां बहुत जल्दी अंधेरा होता है,तो आपको सूरज के साथ तालमेल बिठा के काम करना पड़ता है.आमतौर पर एक्टर सीरीज का नया सीजन शूट करने से पहले पिछले सीजन को देखते हैं. मेरा ऐसा नहीं है, जब सीजन शूट करना होता है उसे वक्त मैं पिछले सीजन को नहीं देखता हूं. सीजन रिलीज के वक़्त ही मैं उसको देख लेता हूं. अपना काम बारीकी से देखता हूं लेकिन इसलिए नहीं कि मैं संतुष्ट हो जाऊं या उसकी बहुत आलोचना करुं.देखता हूं कि मैं यह समझ सकूं कि मैं इस सीन को और अच्छे से कैसे प्ले कर सकता था ताकि दर्शकों को और ज्यादा कनेक्ट हो क्योंकि हमारा काम ही है कि हम एक सीन को दर्शकों के साथ कनेक्ट करें.देखने के साथ मैं एक डायरी में नोट भी करता हूं. मेरे पास पिछले 5 साल से एक नोटबुक है, एक्टिंग से जुड़ी अपनी चीजों को मैं उसी में लिखता हूं. मैंने यह बात लिखी थी अगर सीजन 3 शूट हुआ तो रिंकू में किरदार से यह सब चीजें डिलीट होगी क्योंकि यह सब चीज अब वर्क नहीं करेंगी. शूटिंग शुरू होने से पहले फिर हम डायरेक्टर के साथ बैठते हैं. उनके साथ इन पहलुओं पर डिस्कस किया जाता है फिर तय होता है कि क्या रखना है क्या नहीं.
अनदेखी की शूटिंग में सबसे चुनौतीपूर्ण क्या था?
अनदेखी में एक्शन बहुत सारा है तो बहुत सारी चोटें लगी हैं. मनाली में बहुत ठण्ड थी और इतनी ठंड में गन चलाना आसान नहीं होता है क्योंकि वह लोहे का होता है .गन को लेकर भागने में ही कई बार हमारे हाथों में चोट लग जाती है,तो चोटे लगती रहती हैं
इस सीरीज की सफलता को सेलिब्रेट किस तरह से कर रहे हैं?
मैं बहुत ही इंट्रोवर्ट किस्म का इंसान हूं. मैं घर से बाहर निकालना पसंद नहीं करता हूं. 6 महीने में एक बार घर पर गेट टूगेदर रख लिया तो बड़ी बात है. बर्थडे पर भी एक दो दोस्तों के साथ मिलकर केक काट लिया ,तो मेरे लिए सेलिब्रेशन हो गया.वैसे सफलता और तारीफों पर ज्यादा ध्यान नहीं देता हूं. मैं इसी तरह से बना हुआ हूं. मेरी मिट्टी ही इसी तरह से है. मैं बोर्डिंग में पढ़ा हूं. हिमाचल से हूं तो तारीफों में ज्यादा दिल पर लेता नहीं हूं.तारीफों को अभी से ही सीरियस लेने लगेंगे,तो मुश्किल होगी क्योंकि मेरे गोल्स बहुत बड़े हैं.
आपने कहा कि आपके गोल बहुत बड़े हैं, कभी लगता है कि मुझे उसे तरह का रोल नहीं मिल रहा जो मुझे करना है?
नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता है.आज से 10 साल पहले यहां पहुंचना मेरे लिए बहुत बड़ा गोल था. मैं यहां पहुंच गया,तो जो मैं सोच रहा हूं. वह भी कर लूंगा. मुझे इसका विश्वास है.
अभी संघर्ष क्या है ?
हमारा जो काम है उसमें हमको हर एक प्रोजेक्ट में खुद को साबित करना पड़ता है. कब तक होगा मुझे नहीं मालूम,लेकिन यह करते रहना पड़ेगा. वह दिन अपने आप आएगा,जब मुझे ये फीलिंग आएगी कि मुझे इस सोच के साथ नहीं चलना है कि मुझे खुद को प्रूफ करना है. यह हर आउटसाइडर के साथ होता है. अभी भी रिजेक्ट होता हूं. प्रोजेक्ट के लिए बातचीत चल रही है अचानक से मालूम पड़ता है कि किसी डायरेक्टर या प्रोड्यूसर के परिचित को ले लिया गया है.हां अभी रिजेक्शन कम हो गया है. 11 साल पहले जब मुंबई आया था. उस वक्त बहुत रिजेक्शन झेला था.मेरे पहले ही ऑडिशन में मुझे यह कहते हुए रिजेक्ट कर दिया गया था कि आप क्या एक्टिंग करोगे. उसको मालूम था कि मैं हिमाचल से हूं.उसने मुझे हिमाचल जाकर सेब बेचने की सलाह दे दी थी. इस बात पर मुझे शुरुआत में तोड़ा था ,लेकिन वह समय के साथ इसी बात ने मुझे स्ट्रांग बनाया कि मुझे खुद को साबित करना है.
अभिनय में किसका काम आपको हमेशा प्रभावित करता रहा है?
मैं बच्चन साहब को बहुत बड़ा वाला फैन हूं. मैं बचपन में उनकी फिल्में बहुत देखता था. इसका श्रेय मेरी मां को जाता है. मैंने हाल ही में महसूस किया कि पापा ने थिएटर और स्ट्रीट प्ले से जुड़ने में सपोर्ट किया था,लेकिन फिल्मों को लेकर जो रुचि बनी थी. एक्टिंग को लेकर जो रुझान हुआ था. वह मेरी मां की दिखाई हुई बच्चन साहब और शाहरुख खान की फिल्मों से ही आया है.
आपके आने वाले प्रोजेक्ट्स
दो वेब सीरीज में और नजर आऊंगा लेकिन उसके बारे में अभी कुछ भी बता पाना जल्दबाजी होगी.