Undekhi Review : समाज की नाकामी का चेहरा दिखाती ‘अनदेखी’
Undekhi Web Series Review : वेब सीरीज 'अनदेखी' असल घटनाओं से प्रेरित है. शायद यही वजह है कि हमारी जो परदे की कहानियों को लेकर सोच रही है.उसे यह वेब सीरीज झकझोरती है.सच की हमेशा जीत हो यह ज़रूरी नहीं है.सारा खेल पावर और पैसे का है. जिसके पास वो है।उसका झूठ भी सच है.यह सीरीज समाज का वही असली चेहरा दिखाते हुए नाकामी को दर्शाती है.ये सीरीज दो अलग दुनिया की कहानी है. एक कम्युनिटी जो सालों से अन्याय बर्दाश्त कर रही है लेकिन अब वह अन्याय बर्दाश्त नहीं करना चाहती है.
Undekhi Review
वेब सीरीज – अनदेखी
प्लेटफार्म – सोनी लिव
प्रसारण- 10 जुलाई
एपिसोड्स- 10
कलाकार- हर्ष छाया, सूर्या शर्मा, दिब्येंदु भट्टाचार्य, अपेक्षा पोरवाल, अभिषेक और अन्य
रेटिंग- साढ़े तीन
वेब सीरीज ‘अनदेखी’ असल घटनाओं से प्रेरित है. शायद यही वजह है कि हमारी जो परदे की कहानियों को लेकर सोच रही है.उसे यह वेब सीरीज झकझोरती है.सच की हमेशा जीत हो यह ज़रूरी नहीं है.सारा खेल पावर और पैसे का है. जिसके पास वो है।उसका झूठ भी सच है.यह सीरीज समाज का वही असली चेहरा दिखाते हुए नाकामी को दर्शाती है.ये सीरीज दो अलग दुनिया की कहानी है. एक कम्युनिटी जो सालों से अन्याय बर्दाश्त कर रही है लेकिन अब वह अन्याय बर्दाश्त नहीं करना चाहती है.वहीं एक कम्युनिटी जो अपनी अय्याशी और अपने वर्चस्व को बनाए रखने के लिए किसी का भी मर्डर कर सकती है.दोनों की दुनिया आपस में कहानी में टकराती है.
अनदेखी की कहानी सुंदरबन में एक पुलिस अफसर की हत्या से शुरू होती है. डीएसपी घोष (दिब्येंदु) को दो आदिवासी लड़कियों पर शक है. वो आदिवासी लड़कियां सुंदरबन से मनाली एक हाई प्रोफाइल शादी में लोगों का डांस से मनोरंजन करने के लिए गयी हैं. उनके लिए घोष भी मनाली पहुँचता है. यहां इनमें से एक लड़की का मर्डर हो जाता है.
ऋषि के पास मर्डर के सबूत है क्या वह पावर और पैसे के नशे में धुत अटवाल फैमिली को उसके किए की सजा दिला पाएगा या सच का साथ देकर वह सबसे बड़ी भूल कर रहा है क्योंकि रसूख वाले अटवाल फैमिली के साथ साथ भष्ट पुलिस ही नहीं उसके अपने दोस्त भी उसके खिलाफ हैं. क्या होगा ऋषि और उस आदिवासी लड़की का अंजाम. यही सीरीज की कहानी है.
सीरीज का अंत ओपन रखा गया है.सीक्वल की पूरी गुंजाइश है. शुरुआत के एपिसोड में जबरदस्त ट्विस्ट टर्न कहानी को एंगेजिंग बनाते है. इस मूल कहानी के साथ साथ कहानी में कई सारे सब प्लॉट्स भी हैं. लेखन की अच्छी बात ये है कि सीरीज के अंत होते होते तक वह आपस में जुड़ जाते हैं. हां कई दृश्य का दोहराव हुआ हैं और जबरदस्ती खिंचे हुए भी हैं.
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अनदेखी कुछ मुद्दों पर कमज़ोर होने के बावजूद असहज कर जाती है. पावर प्ले, क्लास स्ट्रक्चर इन मुद्दों को सीरीज बखूबी हाई लाइट करती है. रिंकू का किरदार जब आदिवासी लड़की (अपेक्षा )के किरदार के कपड़े अपने दोस्त से उतरवाता है और ऋषि के किरदार से पूछता है कि वह इस लड़की के लिए उसके खिलाफ जाकर सच की लड़ाई लड़ रहा है. ऐसी लड़कियों की औकात क्या है.इनका ना कोई आधार है ना कोई आधार कार्ड.सीरीज में ऐसे कई प्रभावी दृश्य हैं.
एक्टिंग पर आए तो लोकप्रिय चेहरे ना होने के बावजूद एक्टिंग पक्ष इस सीरीज का शानदार पहलू हैं. रिंकू के रोल में सूर्या शर्मा प्रभावित करते हैं. वे अपने किरदार से नफरत पैदा करने में बखूबी कामयाब रहे हैं. उनकी बॉडी लैंग्वेज हो या संवाद सभी से वह अपने किरदार को प्रभावी बनाते हैं. हर्ष छाया एक अलग ही अंदाज़ में परदे पर नज़र आए हैं. जिसे देखकर हंसी भी आती है और कई बार गुस्सा भी.
अपेक्षा पोरवाल आदिवासी लड़की की भूमिका में अपनी छाप छोड़ने में कामयाब रही हैं. उनके हिस्से कुछ एक्शन दृश्य भी आए हैं जिन्हें उन्होने बखूबी निभाया है. दिब्येंदु भट्टाचार्य ने डीएसपी घोष की भूमिका में सराहनीय काम किया है. भ्रष्ट सिस्टम में एक ईमानदार पुलिस वाले का काम करना आसान नहीं.इस जद्दोजहद को उन्होंने बहुत हल्के फुल्के अंदाज़ में अपने किरदार के साथ जिया है जो उनके अभिनय की खासियत है.
अभिषेक ऋषि की भूमिका में जंचे हैं.बाकी के कलाकार ने भी अपनी अपनी भूमिका में न्याय किया है. दूसरे पहलुओं की बात करें तो पंजाबी और बांग्ला टच लिए संवाद अच्छे बन पड़े हैं.हां डिजिटल माध्यम के हर दूसरी वेब सीरीज की तरह यहां भी गालियों की भरमार है. सिनेमाटोग्राफी अच्छी है. कुलमिलाकर अनदेखी एक एंगेजिंग क्राइम थ्रिलर है जो एंटरटेन करने के साथ साथ असहज भी कर जाती है.
Posted By: Budhmani Minj