नई दिल्ली : संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ इंडिया) इंडिया ने बॉलीवुड की जानमानी अभिनेत्री करीना कपूर खान को ‘हर बच्चा पढ़े’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए सेलिब्रिटी एडवोकेट बनाया है. उन्होंने इस अभियान की शुरुआत करने से पहले मुंबई के गोरेगांव (पश्चिम) स्थित मीठा नगर म्युनिसिपल स्कूल का दौरा किया. इस अभियान की शुरुआत अप्रैल, 2023 की जाएगी.
महामारी के बाद बच्चों की क्या थीं कठिनाइयां
यूनिसेफ इंडिया की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, ‘हर बच्चा पढ़े’ अभियान के तहत स्कूलों की बुनियादी शिक्षा (प्रारंभिक कक्षाओं में) को बढ़ावा को बढ़ावा दिया जाएगा. शिक्षकों और प्राइमेसी ग्रेड के बच्चों के साथ अपनी बातचीत में करीना कपूर खान ने यह समझने में गहरी दिलचस्पी दिखाई कि कोरोना महामारी के दौरान और उसके बाद बच्चों ने दोबारा स्कूल जाने और फिर पढ़ाई शुरू करने में किन-किन कठिनाइयों का सामना किया. उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि बच्चों के लिए जल्दी पढ़ना, लिखना और गिनना सीखना कितना जरूरी है और बच्चों की मातृभाषा सीखने के विकल्प प्रदान करने का महत्व क्या है. फिर उन्होंने बच्चों को एक मजेदार कहानी सुनाने के सत्र में शामिल किया, जहां उन्होंने उनकी कल्पना को प्रोत्साहित करने के लिए एक रोचक कहानियां पढ़ी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर डाला प्रकाश
मुंबई के गोरेगांव के स्कूल का दौरा करने के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस बात पर प्रकाश डाला कि अंकों के साथ लिखने और बुनियादी संचालन करने के साथ-साथ समझने के साथ पढ़ने की क्षमता भविष्य की सभी स्कूली शिक्षा और आजीवन सीखने के लिए आवश्यक आधार और एक अनिवार्य शर्त है. रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरसी (एनआईपीयूएन) मिशन का उद्देश्य 2026-27 तक ग्रेड 3 तक प्रत्येक बच्चे के लिए साक्षरता और संख्या ज्ञान में सार्वभौमिक दक्षता के लक्ष्य को प्राप्त करना है.
आठवीं तक 43 फीसदी बच्चे नहीं पढ़ पाते पाठ
यूनिसेफ इंडिया की जानकारी के अनुसार, नवंबर 2021 में किए गए राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वेक्षण के अनुसार महाराष्ट्र में ग्रेड 3 में 30 फीसदी से अधिक बच्चे छोटे पाठ्यक्रम में शामिल पुस्तकों का पाठ भी ठीक ढंग से नहीं पढ़ पाते हैं. अगर कक्षा-5 तक के बच्चों का मूल्यांकन करें, तो यह संख्या 41 फीसदी तक बढ़ जाती है, जो बच्चे अपने ग्रेड स्तर के लिए उपयुक्त पाठ नहीं पढ़ पाते हैं और ग्रेड 8 में यह संख्या 43 फीसदी हो जाती है.
2020 में शुरू हुआ था अभियान
यूनिसेफ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग की ओर से यूनिसेफ और प्रथम बुक्स की साझेदारी में इस अभियान की शुरुआत की गई थी. उस समय उसका नाम ‘पढ़ने का अभियान’ या ‘गोष्ठीचे शनिवार या रीडिंग सैटरडे’ दिया गया था. बच्चों को उनकी भावनात्मक पढ़ाई को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनकी भाषा प्रवीणता का समर्थन के लिए हर हफ्ते एक कहानी की किताब प्रदान करता है. अभियान के तहत मराठी, उर्दू और अंग्रेजी में प्रत्येक शनिवार को कक्षा 1-8 के छात्रों के साथ एक-एक कहानी साझा की जा रही है. अभियान के तहत महाराष्ट्र के सभी 36 जिले के स्कूलों के बच्चों को बढ़ावा दिया जा रहा है और 1 लाख से अधिक स्कूलों में 2.6 लाख शिक्षकों और 31 लाख बच्चों तक पहुंच है.
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कहानी कहने में की अलग है शक्ति : करीना कपूर
इस मौके पर करीना कपूर खान ने कहा कि आज मैं छोटे बच्चों से मिली. पढ़ने और सीखने के लिए उनमें अपार उत्साह देखी. एक मां के रूप में मैं पढ़ने और कहानी कहने की शक्ति को समझती हूं, जो युवा दिमाग को और प्रेरित कर सकता है. खासकर, अगर यह ऐसी भाषा में हो, जिसे वे अच्छी तरह से समझते हैं. उन्होंने कहा कि हमें ऐसा माहौल बनाने की जरूरत है, जहां बच्चे सीखना पसंद करेंगे. स्कूल एक ऐसी जगह है और घर में सीखने का माहौल भी उतना ही महत्वपूर्ण है. हमें इन जगहों को बच्चों के पढ़ने के लिए सहायक और दिलचस्प बनाने की जरूरत है. शिक्षक, माता-पिता, दादा-दादी, सभी छोटे बच्चों को ऐसे कौशल सीखने में मदद कर सकते हैं जो उन्हें जीवन भर मदद करेंगे.