दिल्ली उच्च न्यायालय ने आज फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को एक ट्वीट से संबंधित मामले में 10 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया. बता दें कि साल 2018 में निर्देशक ने न्यायमूर्ति एस मुरलीधर के बारे में पोस्ट किया था, जिन्होंने कार्यकर्ता गौतम नवलखा की ट्रांजिट रिमांड को रद्द कर दिया था. न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति तलवंत सिंह की खंडपीठ ने अग्निहोत्री को 10 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया.
पीठ ने छह दिसंबर के उस आदेश का भी संज्ञान लिया, जिसमें अग्निहोत्री को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया गया था. 6 दिसंबर को अंतिम सुनवाई में, अग्निहोत्री ने 2018 में किए गए ट्वीट्स के लिए बिना शर्त माफी मांगी थी. पीठ ने अग्निहोत्री को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा था. यह अवमाननामामला अग्निहोत्री और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर एस गुरुमूर्ति के खिलाफ अदालत ने संज्ञान लेकर शुरू किया था.
विवेक अग्निहोत्री के वकील ने प्रस्तुत किया कि अग्निहोत्री बुखार से पीड़ित हैं और इस प्रकार अदालत के समक्ष उपस्थित होने में सक्षम नहीं थे. इसके बाद पीठ ने उन्हें अगली तारीख पर शारीरिक रूप से पेश होने को कहा. अग्निहोत्री के वकील ने एक हलफनामे के माध्यम से प्रस्तुत किया था कि उनके मुवक्किल द्वारा ट्वीट हटा दिए गए थे. दूसरी ओर, एमिकस क्यूरी ने सबमिशन का विरोध करते हुए कहा कि ट्वीट्स को सोशल प्लेटफॉर्म ट्विटर ने डिलीट किया था, उनके द्वारा कुछ भी नहीं किया गया है. खंडपीठ ने कहा था, “हम उन्हें उपस्थित रहने के लिए कह रहे हैं क्योंकि वह अवमाननाकर्ता हैं. क्या उन्हें व्यक्तिगत रूप से खेद व्यक्त करने में कोई कठिनाई है? पश्चाताप हमेशा एक हलफनामे के माध्यम से व्यक्त नहीं किया जा सकता है.” (एएनआई इनपुट)
Also Read: Pathaan OTT Release Date: शाहरुख खान की ब्लॉकबस्टर फिल्म इस दिन ओटीटी पर होगी रिलीज, नोट कर लें डेट