कोच्चि: ऐसे समय में जब केरल पुलिस बलात्कार के एक प्रकरण में निर्माता-अभिनेता विजय बाबू के विरुद्ध सबूत इकट्ठा कर रही है, मलयालम फिल्म उद्योग में एक महिला समर्थक संगठन ”वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव” (डब्ल्यूसीसी) ने शुक्रवार को इस मुद्दे पर चुप्पी साधने वाले अन्य फिल्म निकायों पर गहरी नाराजगी जाहिर की. संगठन ने राज्य सरकार से पीड़िता की सुरक्षा का आग्रह किया.
फिल्म उद्योग संघ से मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ने का आग्रह करते हुए, संगठन ने मांग की है कि सभी फिल्म निकाय आरोपी की सदस्यता को तब तक निलंबित कर दें जब तक कि मामले में फैसला न आ जाए. डब्ल्यूसीसी ने एक फेसबुक पोस्ट के जरिए आरोप लगाया कि जब तक वे (फिल्म निकाय) ‘सार्वजनिक रूप से पीड़िता को शर्मसार करने के उनके अवैध कृत्य’ के लिए उनके (विजय बाबू के) विरुद्ध कार्रवाई नहीं करते, उद्योग संगठनों को लेकर उनका रुख ‘‘समस्या उत्पन्न करने वाला” रहेगा.
संगठन ने कहा कि निर्माता और अभिनेता विजय बाबू ने यह जानते हुए फेसबुक लाइव सत्र के दौरान जानबूझकर पीड़िता की पहचान जाहिर की कि वह ”सोशल मीडिया की भीड़” का निशाना बनेगी. संगठन ने कहा कि ”हम साइबर सेल और महिला आयोग से इस पर तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं. हम सरकार से पीड़िता की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने का आग्रह करते हैं. ”
फिल्म उद्योग जगत की चुप्पी पर हैरानी जताते हुए डब्ल्यूसीसी ने कहा कि यह केरल उच्च न्यायालय के हालिया फैसले के बावजूद हो रहा है, जिसमें मलयालम फिल्म उद्योग में ‘‘कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न अधिनियम 2013” को लागू करने का निर्देश दिया गया है. इस बीच, कोच्चि के पुलिस आयुक्त नागराजू चकीलम ने कहा कि आरोपी को देश में वापस आना है, और उसके पास कानूनी तरीके से वापस आने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा ”हम उम्मीद कर रहे हैं कि वह जल्द देश लौट सकता है और कानून के समक्ष आत्मसमर्पण कर सकता है. हम यही उम्मीद कर रहे हैं. वह एक जाना-माना व्यक्ति है, उसे वापस आना होगा. हमने पहले ही उसकी यात्रा और पासपोर्ट का विवरण एकत्र कर लिया है. ” उन्होंने यह भी कहा कि साक्ष्य एकत्र करने के लिए गवाहों से पूछताछ और जांच जारी है.
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गौरतलब है कि अभिनेता विजय बाबू के खिलाफ महिला अभिनेत्री का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने और फेसबुक सत्र के दौरान पीड़िता की पहचान जाहिर करने का आरोप है. केरल पुलिस ने बताया ”प्रथम दृष्टया मामला साबित हो चुका है और आरोपी के खिलाफ ”लुकआउट नोटिस” जारी किया गया है, जिसने अपने खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद कथित तौर पर देश छोड़ दिया है. बाबू पर पीड़िता की पहचान उजागर करने के आरोप में भी मामला दर्ज किया गया है. पीड़िता की ओर से 22 अप्रैल को दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर दुष्कर्म का मामला दर्ज होने के बाद से बाबू फरार है. उन्होंने फेसबुक लाइव के जरिये अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया और खुद को वास्तविक पीड़ित करार दिया है.