एक्ट्रेस निया शर्मा (Nia Sharma) अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाईफ को लेकर हमेशा ही सुर्खियों में छाई रहती हैं. वो अक्सर अपनी तसवीरों की वजह से चर्चा में छाई रहती हैं लेकिन कई बार अपनी फोटोज की वजह से ट्रोलर्स के निशाने पर भी रही हैं. लेकिन इससे न कभी वो निराश दिखीं और ना ही इसका असर उनकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ पर पड़ी.
उन्होंने एशिया की सबसे सेक्सी महिलाओं के टॉप 50 के वार्षिक सर्वेक्षण में दूसरी सबसे सेक्सी एशियाई महिला होने का खिताब हासिल किया है, जो इस बारे में बहुत कुछ कहती है कि वह अपनी स्किन कलर को लेकर कितनी आश्वस्त है. इसलिए जब ट्रोर्ल्स उन्हें “डस्की”, “डार्क”, “बदसूरत”, “ओवररेटेड” कहकर उन पर हमला करते हैं, तो निया नाराज हुए बिना इसे स्वीकार करती हैं और उनके पास इस तरह के कमेंट्स से निपटने का एक अद्भुत तरीका है.
कुछ साल पहले एक इंटरव्यू में निया ने उन लोगों के बारे में खुलकर बात की थी जो उनके स्किन कलर के आधार पर उन्हें आंकने के बारे में कमेंट करते हैं. उन्हें लगता है कि लोगों को उन्हें बदसूरत कहने या उनके दिखने के तरीके से समस्या होने में कुछ भी गलत नहीं है. वह यहां तक कहती हैं कि वो औसत दिखती है इसलिए लोग उनके रूप पर अपनी राय रखेंगे. लेकिन खास बात यह है कि लोगों के ऐसे किसी भी राय का निया पर असर नहीं पड़ता क्योंकि वह खुद को उसी तरह स्वीकार करती है जैसे वह किसी और चीज को करती हैं.
उन्होंने पिंकविला को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, “दो साल पहले, मैं अपनी हर छोटी-छोटी बात पर ट्रोल हो रही थी, चाहे वह नीली लिपस्टिक हो या मेरी बिकिनी; जब कोई मुझे ‘बदसूरत या ओवररेटेड’ कहता है, तो मैं इसे स्वीकार करता हूं; वे हैं कुछ भी गलत नहीं कह रहे. इसमें इतना अपमानजनक क्या है? मैं नहीं कह सकती कि लोग हर समय मेरी तारीफ करें.”
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उसी इंटरव्यू में निया ने यह भी कहा था कि वह कभी भी अपने स्किन के कलर को ठीक करने या अपने काले घेरे भरने के लिए डॉक्टर के पास नहीं गई. उन्होंने कहा था, “चाहे मैं सांवली हो या भूरी, मुझे परवाह नहीं है. मैं कभी डॉक्टर के पास नहीं गई और कहा कि मैं “निष्पक्ष” बनना चाहती हूं और उन्हें कभी भी मेरे ‘डार्क सर्कल्स’ भरने के लिए नहीं कहा. एक बार मैं ये चाहती थी लेकिन फिर मैंने सोचा कि मैं मेकअप के साथ ठीक हो सकती हूं. मुझे एहसास हुआ कि ऐसा कुछ नहीं है जिसे मैं बदलना चाहूंगी. मैं खुद के साथ ठीक हूं.”