World Day Against Child Labour : …और ऐसे इंडियन आइडियल के नायक बने झारखंड के दिवस

World Day Against Child Labour,jharkhand: कहते हैं कुछ करने की ललक मन में हो और कोई मौका दे दे, तो मुश्किल राह भी आसान हो जाती है. गरीबी व आर्थिक संकट के बीच आज भी अधिकतर जगहों पर बचपन में ही कई बच्चों की मासूमियत काम के बोझ तले दब जाती है. बाल श्रम का दंश आज के दौर में भी थम नहीं रहा है, पर कुछ ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने एक बाल श्रमिक के तौर पर अपने जीवन की शुरुआत तो की, पर आज एक अच्छे मुकाम पर हैं. इन्होंने यह बता दिया है कि यदि मौका मिले, तो कोई भी खुद को साबित कर सकता है. बाल श्रमिक निषेध दिवस पर पढ़िए ऐसी ही सक्सेस स्टोरी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 12, 2020 11:50 AM

कहते हैं कुछ करने की ललक मन में हो और कोई मौका दे दे, तो मुश्किल राह भी आसान हो जाती है. गरीबी व आर्थिक संकट के बीच आज भी अधिकतर जगहों पर बचपन में ही कई बच्चों की मासूमियत काम के बोझ तले दब जाती है. बाल श्रम का दंश आज के दौर में भी थम नहीं रहा है, पर कुछ ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने एक बाल श्रमिक के तौर पर अपने जीवन की शुरुआत तो की, पर आज एक अच्छे मुकाम पर हैं. इन्होंने यह बता दिया है कि यदि मौका मिले, तो कोई भी खुद को साबित कर सकता है. बाल श्रमिक निषेध दिवस पर पढ़िए ऐसी ही सक्सेस स्टोरी. सुरेंद्र कुमार/ शंकर पोद्दार की यह खास रिपोर्ट…

यह कहानी रामगढ़ जिला अंतर्गत दुलमी प्रखंड के बयांग गांव निवासी दिवस नायक की है. जिंदगी की शुरुआत बाल श्रमिक के रूप में हुई़ आज गायिकी में अपनी आवाज का जादू बिखेर रहे है़ं दिवस ने 13 वर्ष की उम्र में रामगढ़ जिला के श्रमिक उवि तोपा, पिंडरा से मैट्रिक परीक्षा पास की. शुरू से ही म्यूजिक व पेंटिंग की प्रतिभा थी. 10 वर्ष की उम्र में दुकानों का बोर्ड लिखते थे़ इसी दौरान किसी को बिना बताये घर से निकल गये़ पटना में बच्चों को पेंटिंग की ट्रेनिंग दी़ इसी दौरान 12वीं की पढ़ाई पूरी की. दिवस के पिता दिनेश नायक मजदूर हैं और मां निमी देवी सिलाई का काम करती हैं.

कॉलेज में धोते थे बरतन

दिवस 16 वर्ष की उम्र में पटना से मुंबई पहुंच गये़ यहां रहने की कोई व्यवस्था नहीं थी. तीन-चार रात रेलवे स्टेशन पर ही गुजारी. इसके बाद वह मुंबई के जेजे आर्ट कॉलेज पहुंचे. यहां बरतन धोने का काम किया.

Also Read: World Day Against Child Labour: एक बार मौका देकर, तो देखिए, पढ़ें ये प्रेरणादायी कहानी
इंडियन आइडियल से बनायी पहचान

सोनी मैक्स चैनल पर प्रसारित इंडियन आइडियल सीजन 11 में दिवस नायक इंडिया के टॉप-30 में पहुंचे. बॉलीवुड गायक कैलाश खेर के मशहूर सूफी गीत सैंया तु जो छूले प्यार से… गीत गाकर सबका दिल जीत लिया़ जज अनु मल्लिक, नेहा कक्कड़ व विशाल डडलानी ने खूब तारीफ की़ नेहा कक्कड़ ने दीपावली मनाने के लिए एक लाख रुपये दिये़ इसी वर्ष रजरप्पा महोत्सव में भी अपनी गायिकी का जलवा बिखेरा.

हिंदुजा हॉस्पिटल में दे रहे सेवा

दिवस नायक हिंदुजा हॉस्पिटल मुंबई में कार्यरत हैं. बताया कि मुंबई में भारतीय कामगार सेना के अध्यक्ष सूर्यकांत महाडिक का पूरा सहयोग मिला है. दिवस नायक ने बॉलीवुड म्यूजिक सीखने के लिए मुंबई के शंकर महादेवन एकेडमी में एडमिशन लिया है़ साथ ही द फाइन आर्ट सोसाइटी चेंबूर में सुचित्रा चारी से क्लासिकल म्यूजिक सीख रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version