यश चोपड़ा: कैसे इंजीनियर बनने वाले लड़के ने रोमांस को बनाया कूल
Yash Chopra Birth Anniversary: यश चोपड़ा की कहानी पूरी तरह से फिल्मी है, उनका परिवार चाहता था कि वह इंजीनियर बने, लेकिन उन्होंने तो फिल्मों में अपना दिल खो दिया था. और बस, यही से उनकी रोमांटिक फिल्मों का जादू शुरू हुआ. तो चलिए, जानते हैं कैसे वह “किंग ऑफ रोमांस” बन गए!
इंजीनियरिंग छोड़ फिल्मों में कैसे आए?
यश चोपड़ा का जन्म पाकिस्तान के लाहौर में हुआ था. उनका परिवार तो यही चाहता था कि वह इंजीनियर बनें, लेकिन यश को तो फिल्मों का क्रेज था, 19 साल की उम्र में, जब उनके बड़े भाई बी आर चोपड़ा पहले से एक फेमस डायरेक्टर थे, यश ने ठान लिया कि वह भी फिल्म डायरेक्टर बनेंगे. वह मुंबई आए, और इंजीनियरिंग छोड़कर फिल्म इंडस्ट्री में एंट्री मार दी.
छोटे से कमरे से डायरेक्टर बनने का मजेदार सफर
मुंबई आने के बाद यश चोपड़ा ने एक छोटे से कमरे से शुरुआत की. वो वक्त आसान नहीं था, लेकिन उनकी मेहनत ने उन्हें बॉलीवुड का सबसे बड़ा रोमांटिक डायरेक्टर बना दिया. 70 के दशक में उन्होंने दीवार, त्रिशूल,और दाग जैसी धांसू फिल्में बनाईं, जिसने बॉलीवुड में उनकी जगह पक्की कर दी. और हां, यश चोपड़ा ने अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाने में भी बड़ा रोल निभाया.
बदलाव का फैसला: चांदनी’ की कहानी
80 के दौर में यश चोपड़ा को यह एहसास हुआ कि उनकी फिल्मों में कुछ नया नहीं हो रहा था. उन्हें लगा कि बस चेहरे बदल रहे हैं, पर कहानियां वही हैं, तब उन्होंने चांदनी” बनाई, जिसने रोमांस को एकदम नया ट्विस्ट दिया. चांदनी से यश चोपड़ा ने रोमांस को ऐसा टच दिया कि हर कोई उनकी फिल्मों का दीवाना हो गया.
ब्यूटी को नए तरीके से दिखाने वाले मास्टर
यश चोपड़ा की खास बात यह थी कि वह फिल्मों में खूबसूरती को एकदम अलग तरीके से दिखाते थे. उनकी फिल्मों में हुस्न, रोमांस और इमोशंस का जादू ऐसा था कि हर पीढ़ी उनकी फिल्में देखकर खुश हो जाती. चाहे वो स्विट्जरलैंड के बर्फीले पहाड़ हो या सफेद साड़ी में नायिका, यश चोपड़ा की फिल्मों ने हर चीज़ को स्टाइलिश बना दिया.
यश चोपड़ा आज हमारे साथ नहीं है, लेकिन उनकी बनाई फिल्में और उनका आर्ट हमारे साथ है,आज उनकी जन्मथिति पर प्रभात खबर की पूरी टीम उन्हें दिल से याद करती है.
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