Yeh Jawaani Hai Deewani :दोस्ती, प्यार और यात्रा का ताना बाना बुन के एक परफेक्ट स्टोरी सुनाती है रणबीर- दीपिका कि यह फिल्म
ये जवानी है दीवानी की 11वीं सालगिरह पर फिल्म के जरिए सीखे गए अनमोल लाइफ लेसन , दोस्ती, यात्रा, पछतावा, और खुद से प्यार के बारे में जानें.
Yeh Jawaani Hai Deewani: को देखकर हर कोई दिल से जुड़ जाता है. इस फिल्म में रणबीर कपूर, दीपिका पादुकोण, आदित्य रॉय कपूर, कल्कि कोचलिन और फारूक शेख जैसे सितारे हैं. अयान मुखर्जी द्वारा निर्देशित इस फिल्म ने हमें बहुत कुछ सिखाया है. चलिए इस फिल्म के 11 साल पूरे होने पर जानते हैं इसके खास जीवन पाठ.
दोस्ती की अहमियत
फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ में दोस्ती के कई पहलू दिखाए गए हैं. अदीति और बन्नी की दोस्ती हमें सिखाती है कि फर्क होने के बावजूद भी दोस्त हमेशा वही होते हैं. वहीं, बन्नी और अवि की दोस्ती बताती है कि दोस्तों के प्रति उदासीनता कैसे दूरियां पैदा कर सकती है.
खुद को जानने के लिए यात्रा करें
क्या आपको याद है जब नैना (दीपिका) ट्रेन में चढ़ने से पहले नर्वस महसूस कर रही थी? बन्नी (रणबीर) उसकी मदद करता है और उसके संकोच को दूर कर देता है. यात्रा करना खुद को जानने का सबसे अच्छा तरीका है.
एक बार ही जीना है
फिल्म में बन्नी का डायलॉग, “मैं उड़ना चाहता हूं, दौड़ना चाहता हूं. गिरना भी चाहता हूं. बस, रुकना नहीं चाहता.” इस डायलॉग से पता चलता है कि बन्नी अपने सपनों का पीछा कभी नहीं छोड़ता. यही सिखाता है कि हमें एक बार ही जीना है, और उस एक बार को ग्रैंड बनाना हमारे खुद के हाथ में है.
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पछतावा भारी होता है
‘ये जवानी है दीवानी’ दिखाती है कि पछतावा कितना बड़ा होता है. बन्नी अपने पिता के निधन के बाद पछताता है कि उसने कभी उन्हें ठीक से धन्यवाद नहीं दिया. फिल्म का ये हिस्सा हमे यें सिखाता है कि ग्रैटिटूड इस इमोर्टेंट देन कॉम्पेरिजन
पर्सनल और प्रोफैशनल लाइफ मी बैलेंस करना
एक रोमांटिक रिश्ते को करियर के साथ बैलेंस करना मुश्किल होता है. अक्सर लोगों को प्यार या करियर में से एक को चुनना पड़ता है. यह फिल्म हमें दिखाती है कि कभी-कभी हमें अपने प्यार को त्यागना पड़ता है या अपने सपनों को छोड़ना पड़ता है.
युवा अवस्था में यात्रा करें
फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ ने पूरी पीढ़ी को यात्रा करने और खुद को जानने के लिए प्रेरित किया है. यात्रा हमें जीवन के कई लाइफ के लेसन सिखाती है और हमे अपनी कमियों के साथ साथ पोटेंशियल के बारे में भी बताती है.
खुद से प्यार करें
जैसा कि बन्नी कहता है, “खुद पे दया करना बंद करो, और खुद से प्यार करना सीखो.” सेल्फ सेंसेशन एक प्राइसलेस फीलिंग है इसलिए हमेशा खुद कि दुसरों से पहले रखो और अपनी इम्पोर्टेंस को समझो
फिल्म ‘ये जवानी है दीवानी’ ने हमें बहुत सारे लाइफ के लेसन सिखाए हैं
इस फिल्म ने हमें दोस्ती की अहमियत, यात्रा के महत्व, खुद से प्यार करने और अपने सपनों का पीछा करने के बारे में बताया है. बन्नी और नैना की कहानी ने हमें सिखाया कि जिंदगी में पछतावा करने से अच्छा है कि हम अपने दिल की सुनें और अपनी इच्छाओं को पूरा करें. इस फिल्म ने यह भी दिखाया कि कैसे प्यार और करियर के बीच संतुलन बनाना जरूरी है. कुल मिलाकर, ‘ये जवानी है दीवानी’ एक ऐसी फिल्म है जिसने हमें जीवन के अनमोल लाइफ लेसन सिखाए हैं, जो हमें हमेशा याद रहेंगे.