Zohra Sehgal Death Anniversary: बहुमुखी प्रतिभाओं की धनी थीं जोहरा सहगल, जिसने इस फिल्म से अंतराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान

Zohra Sehgal Death Anniversary: जोहरा सहगल भारतीय सिनेमा की एक ऐसे शक्सियात हैं, जो बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं. आज हम उनके इसी प्रतिभाओं के बारे में बात करेंगे, जो उन्हें इंडस्ट्री की लाडली बनाती है.

By Sheetal Choubey | July 10, 2024 7:00 AM
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मैं खुद को मरने के लिए
तैयार कर रही हूं.
मुस्कुराते हुए ही
सोने की कोशिश करती हूं,
ताकि अगर मर जाऊं,
तो मेरे होठों पर मुस्कुराहट हों.

जोहरा सहगल

Zohra Sehgal Death Anniversary: भारतीय सिनेमा में कई ऐसे कलाकार हैं, जो किसी खजाने से कम नहीं. इन्हीं में से आज हम भारतीय सिनेमा के उस नगीने के बारे में बात करेंगे, जिसे प्यार से इंडस्ट्री की लाडली कहा जाता है. अब लाडली पढ़कर आप जान ही गए होंगे कि इस खिताब को जीतने की हकदार, इंडस्ट्री में केवल एक ही शक्सियत हैं, जिन्होंने अपने जिंदादिली अंदाज से जिंदगी को खुलकर जिया. जी हां, हम बात कर रहे हैं जोहरा सहगल की. जोहरा बेगम भारत की पहली अभिनेत्री और नृतकी थीं. इन्होंने अपनी मेहनत से देश में ही नहीं, बल्कि विदेश में भी अपनी खास पहचान बनाई. आज उनकी 10वीं पुण्यतिथि है. ऐसे में आज हम उनके बारे कई रोचक बातें जानेंगे, जो उन्हें औरों से काफी खास बनाती है.

समाज से बगावत कर विदेश में पढ़ने वाली पहली महिला थीं जोहरा

जोहरा सहगल का जन्म 27 अप्रैल 1912 को उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था. वह बहुत छोटी थी, जब उन्होंने अपनी मां को खो दिया था. जोहरा ने अपनी पढ़ाई क्वीन मैरी कॉलेज, लाहौर से पूरी की थी. आगे की पढ़ाई के लिए वह इसके बाद साल 1930 में यूरोप चली गई थी. यहां उन्होंने जर्मनी के ड्रेसडेन में मैरी विगमैन के बैले स्कूल में एडमिशन लिया. बैले स्कूल में जोहरा ने मॉडर्न डांस की पढ़ाई पूरी की थी. जोहरा पहली भारतीय महिला थीं, जिसने उस दौर में यह कदम उठाया था क्योंकि उस दौर में लड़कियों की जिंदगी केवल शादी करके चूल्हे-बर्तन करने में ही गुजर जाती थी.

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सपनों को पूरा करते करते हमसफर से हुई मुलाकात

जोहरा सहगल ने बैले स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद साल 1935 में अपने  डांस करियर की शुरुआत उदय शंकर के साथ की थी. करीब 5 साल तक उन्होंने जापान, मिस्त्र, यूरोप और अमेरिका जैसे कई देशों में अपने हुनर की प्रस्तुति की. इस बीच उन्होंने भारत में अपने साथी उदय शंकर के साथ एक एकेडमी में डांस क्लास की भी शुरुआत की. इस दौरान उनकी मुलाकात अपने हमसफर कामेश्वर सहगल से हुई थी. दोनों की मुलाकातें बड़ी, प्यार हुआ और कुछ साल बाद दोनों ने शादी कर लाहौर हो गए थे. शादी के बाद इन दोनों ने मिलकर लाहौर में अपने डांस एकेडमी खोला.

इस फिल्म से अंतराष्ट्रीय स्तर पर बनाई पहचान

जोहरा और कामेश्वर बंटवारे के बाद बॉम्बे शिफ्ट हो गए थे. यहां उनकी बहन उजरा बट पृथ्वी थिएटर में काम कर रही थीं. साल 1945 में जोहरा बेगम भी इसी थिएटर के साथ जुड़ गई थीं. इस थिएटर से साल 1945 से लेकर साल 1959 तक जोहरा ने देश के महानगरों का दौरा किया था. उसके बाद साल 1986 में उन्होंने अपना एक्टिंग डेब्यू फिल्म धरती के लाल फिल्म से किया. इस फिल्म के बाद उन्होंने चेतन आनंद की फिल्म नीचा नगर में भी काम किया. इस फिल्म से न सिर्फ उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान हासिल हुई, दुनिया के सबसे प्रसिद्ध कान फिल्म महोत्सव में अवॉर्ड भी जीता. इसके अलावा जोहरा बेगम ने बॉलीवुड फिल्म दिल से, हम दिल दे चुके सनम, वीर जारा, सांवरिया, चीनी कम जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया था.

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बहुमुखी प्रतिभा की धनी थीं जोहरा

जोहरा सहगल ने न केवल अपना करियर एक्टिंग और डांसिंग बनाया बल्कि उन्होंने कोरियोग्राफी में भी अपना हाथ जमाया था. इसकी शुरुआत उन्होंने दिग्गज निर्देशक और अभिनेता गुरुदत्त की फिल्म बाजी और राज कपूर की फिल्म आवारा में कोरियोग्राफी कर की थी. इसके अलावा उन्होंने कई ब्रिटिश टीवी शोज लंदन में डॉक्टर हूं और साल 1984 की मिनी सीरीज द ज्वेल इन द क्राउन में भी काम किया. जोहरा को उनके बहुमुखी प्रतिभा के लिए पद्मश्री, पद्म विभूषण और कालिदास सम्मान से सम्मानित किया गया था. आज से दस साल पहले 10 जुलाई 2014 को सिनेमा की लाडली की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. भले आज वह हम सब के बीच नहीं हैं लेकिन फिर भी वह हमारे दिलों में जिंदा हैं.

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