गढ़वा : कोरोना वायरस की वजह से देश भर में जारी लॉकडाउन की वजह से गढ़वा जिला में पश्चिम बंगाल के 45 मजदूरों के अलावा नवोदय विद्यालय में 3 छात्र भी फंस गये हैं. गढ़वा के नगरउंटारी में रेलवे लाइन दोहरीकरण कार्य में पश्चिम बंगाल 45 मजदूर काम कर रहे थे. नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 14 में फंस गये हैं.
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रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य लॉकडाउन की वजह से बंद हो गया है. इससे फंसे हुए मजदूर परेशान हैं. आर्थिक तंगहाली ने उनकी कमर तोड़ दी है. मजदूरों के फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद भारत ज्ञान विज्ञान समिति के प्रखंड अध्यक्ष श्रवण कुमार पासवान ने वार्ड पार्षद अनिल गुप्ता के साथ मजदूरों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं के बारे में जाना.
उन्होंने मजदूरों को हरसंभव सहयोग करने का आश्वासन दिया. वहीं, मजदूरों ने बताया कि बिहार राज्य के बेगूसराय की कंपनी जयमंगला कंस्ट्रक्शन के लिए काम करने यहां आये थे. लॉक डाउन के कारण अब काम बंद हो गया है. पैसे खत्म हो गये हैं. अब तो खाने के लाले पड़ रहे हैं. इन्होंने बताया कि ये लोग अपने घर जाना चाहते हैं.
इस संबंध में कंपनी के मुंशी साइन अख्तर ने बताया कि कभी-कभी काम हो रहा है. काम में लगे मजदूरों को खाने-रहने की व्यवस्था की गयी है. इस संबंध में अनुमंडल पदाधिकारी कमलेश्वर नारायण ने कहा कि मजदूरों को दूसरे राज्य में जाने की अनुमति नहीं दे सकते. ठेकेदार मजदूरों के खाने की व्यवस्था करे. यदि मजदूरों को रहने-खाने में कोई परेशानी हो रही है, तो हम उनकी मदद कर सकते हैं.
गढ़वा जिला के रंका प्रखंड के बंगाल नवोदय विद्यालय में पढ़ रहे गढ़वा के तीन छात्र शुक्रवार को अपने घर पहुंचे. इनमें अंकुश ठाकुर पिता अनिल ठाकुर (रंका), उज्ज्वल कुमार पिता अजय भाई (श्री बंशीधर नगर), अतुल तिवारी पिता राकेश तिवारी (रपुरा, मझिआंव) शामिल हैं. छात्रों ने बताया कि वे लोग ईस्ट मेदिनीपुर (बंगाल) नवोदय विद्यालय में नौवीं के छात्र हैं.
लॉकडाउन में उक्त सभी छात्र बंगाल में ही फंसे थे. झारखंड सरकार ने उन्हें बस भेज कर अपने गांव वापस लाया. गांव लौटने पर तीनों विद्यार्थियों ने सीएम हेमंत सोरेन को धन्यवाद दिया. छात्रों ने बताया कि गढ़वा पहुंचने पर उनकी जांच की गयी तथा 140 दिन तक हाऊस क्वारेंटाइन में रहने का निर्देश दिया गया है. इनसे कहा गया है कि वे किसी के संपर्क में नहीं आयें.