17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड: गढ़वा नगर परिषद की मनमानी, सरकारी स्कूल के खेल के मैदान में ही बना दिया टाउन हॉल, बच्चे खेलेंगे कहां?

सरकारी स्कूल के इस मैदान में स्थायी मंच बनाने के नाम पर भी काफी स्थान को घेरा जा रहा है. इससे यह मैदान सिकुड़ कर आधा रह गया है और भविष्य में भी इस मैदान में खेल की गतिविधियां संचालित होने की संभावनाएं समाप्त हो गयी हैं.

गढ़वा, पीयूष तिवारी: गढ़वा शहर की हृदयस्थली स्थित गोविंद प्लस टू विद्यालय के मैदान में विद्यालय प्रबंधन की आपत्ति के बावजूद बिना अनापति प्रमाण पत्र के ही बहुउदेशीय सांस्कृतिक भवन (टाउन हॉल) का निर्माण कराया गया है. इसके लिए नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी की ओर से गोविंद उवि के प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर अनापति प्रमाणपत्र मांगा गया था, लेकिन प्रधानाध्यापक ने लिखित रूप से न सिर्फ अनापत्ति प्रमाणपत्र देने से इनकार किया, बल्कि इसके संदर्भ में आपत्ति जताते हुए कई टिप्पणियां की थीं. इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से इस आपत्ति को दरकिनार करते हुए टाउन हॉल का निर्माण कर दिया गया है.

स्कूल का मैदान सिकुड़कर हो गया आधा

सरकारी स्कूल के इस मैदान में स्थायी मंच बनाने के नाम पर भी काफी स्थान को घेरा जा रहा है. इससे यह मैदान सिकुड़ कर आधा रह गया है और भविष्य में भी इस मैदान में खेल गतिविधियां समुचित तरीके से संचालित होने की संभावनाएं समाप्त हो गयी हैं. उल्लेखनीय है कि कन्या मध्य विद्यालय के मैदान में फुटबॉल स्टेडियम बनाये जाने के बाद यही एकमात्र सार्वजनिक खेल मैदान शहर के बीच में बच गया था, जहां सभी तरह की खेल गतिविधियों के अलावा राजनीतिक कार्यक्रम भी होते थे, लेकिन इसमें भी पूर्व में बनाये गये टाउनहॉल से करीब दोगुना स्थान घेरकर बहुउदेशीय सांस्कृतिक भवन एवं उसकी बाउंड्रीवॉल का निर्माण करा दिया गया है.

Also Read: डुमरी उपचुनाव: गाड़ी से 1.70 लाख रुपये जब्त, वाहन जांच के दौरान स्टैटिक सर्विलांस टीम को मिली कामयाबी

क्या है पूरा मामला

गोविंद प्लस टू उच्च विद्यालय के मैदान का कुल रकबा 2.11 एकड़ है, लेकिन इसमें से कुछ जमीन अगल-बगल के लोगों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है. लंबे समय से इस विद्यालय का कभी सीमांकन भी नहीं कराया गया है, लेकिन इस बीच नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी की ओर से पत्रांक 1019, दिनांक 14 अगस्त 2020 के माध्यम से गोविंद प्लस टू उवि के प्रधानाध्यापक को पत्र लिखकर बहुउदेशीय सांस्कृतिक भवन के निर्माण के लिए 92 मीटर लंबे एवं 82 मीटर चौड़े क्षेत्रफल (रकबा करीब 1.86 एकड़ ) जमीन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की मांग की गयी थी, लेकिन इस पत्र के जवाब में तात्कालीन प्रधानाध्यापक ने पत्रांक 148, दिनांक 24 अगस्त 2020 को कार्यपालक पदाधिकारी को पत्र लिखकर अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से इनकार करते हुए कहा कि जिस माप की जमीन के लिए अनापति प्रमाणपत्र की मांग की जा रही है, उसके अंदर पूरा मैदान आ जाता है. यदि वे इतने क्षेत्रफल पर बहुउदेशीय सांस्कृतिक भवन के निर्माण का अनापति प्रमाण पत्र देते हैं, तो उनके अपने विद्यालय के बच्चों के लिए खेल मैदान बचेगा ही नहीं. इसलिए विद्यालय इस भूमि के अनापत्ति प्रमाणपत्र देने में असमर्थ है, लेकिन यदि वर्तमान में जितने रकबे में पुराना टाउनहॉल बना हुआ है, उतने में ही बहुउदेशीय सांस्कृतिक भवन का निर्माण कराया जाता है, तो उन्हें इसमें कोई आपति नहीं है. प्रधानाध्यापक की इस आपत्ति के बाद उतनी जमीन पर तो नहीं, लेकिन पुराने टाउनहॉल से करीब दोगुनी जमीन पर बहुउदेशीय सांस्कृतिक भवन का निर्माण करा दिया गया.

Also Read: डुमरी उपचुनाव: हेमंत सोरेन सरकार अपने कार्यकाल के छठे उपचुनाव में दोहराएगी इतिहास? ये है ट्रैक रिकॉर्ड

झंडोत्तोलन एवं अन्य गतिविधियों के लिए बनाया जा रहा है नया मंच

पुराने टाउनहॉल के बाहर उससे सटे एक सार्वजिनक मंच का निर्माण भी कराया गया था. जिसका उपयोग स्वतंत्रता दिवस एवं गणतंत्र दिवस के झंडोत्तोलन के मुख्य समारोह के साथ-साथ अन्य सभी राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों के लिए किया जाता था, लेकिन इस मंच को तोड़कर उस ओर बढ़ाकर बहुउदेशीय सांस्कृतिक भवन का निर्माण करा दिया दिया गया है. ऐसे में जब सार्वजनिक कार्यक्रमों के लिए मंच की जरूरत महसूस की जाने लगी, तो शेष बची जमीन पर दूसरी ओर स्थायी मंच का निर्माण कराया गया और वर्तमान में इसे भव्य बनाने के लिए निर्माण कराया गया है.

Also Read: कोयला मंत्रालय के किस संशोधन विधेयक को राज्य सरकार ने बताया विकास विरोधी? कहा-झारखंड को होगा भारी नुकसान

अपना मैदान होने के बाद भी विद्यालय की खेल गतिविधियां हैं बंद

गोविंद प्लस टू विद्यालय गढ़वा जिले के सबसे बड़ा उच्च एवं प्लस टू स्तर का सरकारी विद्यालय है. इसका अपना मैदान होने के बावजूद अतिक्रमण एवं दूसरी अन्य गतिविधियां संचालित होने की वजह से विद्यार्थी कभी उस मैदान में खेलने नहीं जाते हैं. विद्यालय में एक फिजिकल शिक्षक भी हैं, लेकिन वह विद्यालय परिसर के अंदर ही कुछ कम स्पेसवाले आउटडोर गेम कराते हैं. गोविंद प्लस टू विद्यालय के मैदान का इतिहास काफी स्वर्णिम रहा है. इस मैदान में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी से लेकर जेपी नारायण एवं उसके पूर्व आजादी के आंदोलन के समय भी कई स्वतंत्रता सेनानियों की सभाएं हुई हैं. हाल के दिनों तक यहां राजनीतिक एवं सामाजिक सभाएं एवं खेल गतिविधियां हुई हैं, लेकिन कोरेाना काल के समय से ही इस मैदान के दुर्दिन शुरू हुए हैं. कोरोना काल में ही टाउनहॉल निर्माण की आधारशीला रखी गयी और उसी दौरान सामाजिक दूरी के नाम पर नगर परिषद द्वारा यहां सब्जी बाजार को सहिजना रोड से लाकर शिफ्ट किया गया था, जो आज तक कोरोना काल समाप्त होने के बाद भी लगाया जा रहा है. इसके अलावा इसका उपयोग टैक्सी स्टैंड के रूप में भी नगर परिषद की ओर से किया जा रहा है.

Also Read: झारखंड के पहले डीजीपी शिवाजी महान कैरे का निधन, शोकसभा में साथ बिताए पल यादकर भावुक हुए सहकर्मी

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें