Jharkhand news, Garhwa news, गढ़वा (पीयूष तिवारी) : भूमि माफिया व अंचल के गठजोड़ से सरकारी व सार्वजनिक जमीन की लूट की जा रही है. इससे करोड़ों रुपये के वारे- न्यारे किये जा रहे हैं. माफिया द्वारा जाली कागजात बनाकर श्मशान घाट की जमीन को भी बेच दिया गया. इस बेचे गये श्मशान घाट की जमीन पर घर- दुकान आदि बनाने की भी तैयारी की जा रही है. वर्तमान गढ़वा सदर ब्लॉक अंचल पदाधिकारी जेके मिश्रा की गहन जांच के बाद इस मामले में गंठजोड़ का पर्दाफास हुआ है. यह मामला शहर के उंचरी मुहल्ला के खाता संख्या 62, प्लॉट 457 व रकबा 1.31 एकड़ से संबंधित है.
जांच व सुनवाई के बाद अंचल पदाधिकारी श्री मिश्रा ने इस भूमि पर बसे 16 लोगों की मांग को रद्द करने की अनुशंसा की है. उन्होंने अनुशंसित रिपोर्ट एसडीओ सह भूमि सुधार उप समाहर्ता को प्रेषित कर दिया है. जिन लोगों के डिमांड रद्द करने की अनुशंसा की गयी है, उसमें उमस्मान अख्तर, नुरूलहोदा सिद्दिकी, मो समसुल होदा, उसमान अख्तर, नौशाद खान, ऐसा खातून, सुलताना खातून, मोख्तार आलम, आवदा खातून, एलाही खान, शकीला बीबी, अलीजान अंसारी, इसहाक अंसारी, रहमतुल्लाह खान के नाम शामिल है.
जांच रिपोर्ट में चौंकानेवाला यह तथ्य सामने आया है कि सरकारी दस्तावेज पंजी- 2 में भूमि माफिया द्वारा ब्लेड आदि से खरोंचकर पंजी- 2 में दर्ज मांग (डिमांड) एवं रकबा को बदल दिया गया है तथा उसमें मांग पुराने पंजी से नकल किया गया, लिखा गया है. जमीन के ब्योरे को अलग-अलग स्याही (कलम) से लिखा गया है. प्राधिकार कॉलम में किसी भी पदाधिकारी का आदेश दर्ज नहीं किया गया है, जबकि नियमानुसार पुराने पंजी के फटने या खराब होने की स्थिति में अंचलाधिकारी से आदेश लेकर ही उसे पंजी- 2 के दूसरे पन्ने में दर्ज किया जा सकता है. इस तथ्य के उद्भेदन के बाद से लोगों में यह चर्चा है कि आखिर भूमि माफिया सरकारी दस्तावेज से कैसे छेड़छाड़ कर रहे हैं. इसमें सरकारी कर्मी खासकर राजस्व कर्मचारी आदि की भूमिका भी संदेहास्पद प्रतित हो रही है.
बताया गया कि इस प्रकार का खेल वर्षों से अंचल में बेरोक-टोक चल रहा है और इससे बिना विवादित जमीन को भी विवादित बनाकर भूमि माफिया उसे बेचकर लाखों-करोड़ों रुपये का वारा-न्यारा कर रहे हैं. सीओ ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है कि मांग मदिना शेख वल्द जुड़ावन शेख तथा शरीफ शेख वल्द फतेह शेख के नाम से चलता है. यह अवैध रूप से खोला गया प्रतित होता है. स्थल को देखने से भी यह स्पष्ट होता है कि यहां श्मशान घाट है.
इस जमीन को लेकर ग्रामीणों की ओर से एक आवेदन इसी साल 14 जुलाई को अनुमंडल पदाधिकारी सह भूमि सुधार उप समाहर्ता को दिया गया था. इसमें ग्रामीणों ने कहा था कि अलीजान अंसारी व असगर अंसारी पिता शरीफ अंसारी द्वारा अवैध मांग कायम कराकर बिक्री किया जा रहा है. इसमें से 20 डिसमिल जमीन श्मशान घाट की है. इसी आवेदन के आलोक में जांचोपरांत यह कार्रवाई की गयी है. आवेदन में विनोद प्रसाद, राजेश कुमार, राजेंद्र प्रसाद, रवि कुमार, रामदास राम, प्रिया देवी, अंजना देवी, किशोर कुमार, सोनू कुमार, नमिता देवी, नीतेश कुमार, मनोज राम, अभय कुमार, रोशन कुमार, अनिरूद्ध शरण, विजय कुमार, जय कुमार, दिलीप राम चंद्रवंशी, राजेश कुमार सहित सैकड़ों लोगों के हस्ताक्षर हैं.
Posted By : Samir Ranjan.