Hindi Diwas 2021, गढ़वा न्यूज (जितेंद्र सिंह) : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गढ़वा जिला संयोजक मंजुल शुक्ला ने झारखंड की नियोजन नियमावली के विरोध में हिंदी दिवस 14 सितंबर को काली पट्टी लगाकर विरोध जताने की अपील की है. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद हिंदी दिवस पर नियोजन नियमावली में हिंदी, मगही, भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा में जगह नहीं दिए जाने के विरुद्ध काली पट्टी/रिबन बांध कर राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश प्रकट करने का आवाह्न करती है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गढ़वा जिला संयोजक मंजुल शुक्ला ने कहा कि पलामू प्रमंडल का आम जनमानस हिंदी भाषी है. साथ ही साथ यहां के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई में भी भाषा के पेपर में हिंदी का ही चयन करते हैं और पढ़ते हैं. राज्य सरकार द्वारा नियोजन नियमावली में क्षेत्रीय भाषा के तौर पर हिंदी हटाये जाने से पलामू प्रमंडल के युवाओं में आक्रोश व्याप्त है. जिन भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की सूची में रखा गया है, वर्तमान समय या पूर्व में यहां के युवाओं को उसकी शिक्षा नहीं दी गयी और अचानक हिंदी, मगही को हटाने से यहां के युवा ठगे हुए महसूस कर रहे हैं. इस छलावा से युवा आक्रोशित हैं.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य शशांक कुमार ने कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है और संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा की मान्यता दी है और हमें राष्ट्र की राजभाषा हिंदी के अलावा किसी दूसरी भाषा को जानना या पढ़ना अनिवार्य नहीं है. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय भाषा को जानना और पढ़ना चाहिये, लेकिन जानने के लिए किसी प्रकार से मजबूर नहीं किया जा सकता. स्थानीय विश्वविद्यालय में क्षेत्रीय भाषा की सूची में से एक या दो भाषा को छोड़ दें तो न तो अन्य की यहां पढ़ाई होती है और न ही शिक्षक की व्यवस्था है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर सह मंत्री रोबिन कश्यप ने कहा कि हिंदी दिवस पर युवाओं और जिलेवासियों से आग्रह है कि हिंदी को क्षेत्रीय भाषा की सूची से हटाए जाने के विरुद्ध काली पट्टी जरूर बांधें और झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को सूची में हिंदी को जोड़ने के लिए मजबूर करने को लेकर कड़ा संदेश दें ताकि पलामू प्रमंडल के युवाओं को न्याय मिल सके.
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Posted By : Guru Swarup Mishra