केतार (गढ़वा), संदीप कुमार : गढ़वा जिले के केतार प्रखंड क्षेत्र के पाचाडुमर गांव में 3 करोड़ की लागत से बने 10 बेड वाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भवन बंद रहने के कारण लगातार क्षतिग्रस्त हो रहा है. इस अस्पताल भवन का 20 अक्टूबर 2019 को उद्घाटन हुआ. परंतु उद्घाटन के बाद से चिकित्सक के पदस्थापन नहीं होने के कारण यह पिछले 4 वर्षों से अस्पताल भवन बंद पड़ा है. इस कारण यहां सामाजिक लोगों के द्वारा आधुनिक सुविधाओं से लैश अस्पताल भवन की खिड़कियां, दरवाजे, पानी टंकी, मोटर, शौचालय, मार्बल, अस्पताल के भवन की दीवार एवं गेट को लगातार क्षतिग्रस्त किया जा रहा है. साथ ही साथ उक्त सुनसान स्थान पर लावारिस अवस्था में पड़े अस्पताल गेट के खुला रहने के कारण यहां सामाजिक लोगों का जमावड़ा भी लग रहा है. इधर उक्त अस्पताल के बंद रहने के कारण यहां की 80 हजार की आबादी को सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. दुर्घटना के समय यहां के लोगों को भवनाथपुर से एंबुलेंस मांगनी पड़ती है और एंबुलेंस मिलने के बाद मरीज को पुनः भवनाथपुर भेज कर इलाज करना पड़ता है. उल्लेखनीय है कि केतार प्रखंड में गरीबी रेखा से नीचे बसर कर रहे 43081सदस्यों को सरकारी स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिलने के कारण इन्हें मामूली बीमारी में भी स्थानीय स्तर पर मोटी रकम खर्च करके निजी अस्पताल में ग्रामीण चिकित्सक के पास इलाज करना पड़ता है. इसके बावजूद भी यहां के ग्रामीणों की सबसे महत्वकांक्षी सरकारी स्वास्थ्य सुविधा दिलाने को लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा ठोस पहल नहीं की जा रही है.
क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि
इस संबंध में प्रखंड प्रमुख चंद्रावती देवी ने कहा कि उक्त अस्पताल को चालू करने के लिए उनके द्वारा पेयजल मंत्री एवं जिले की बैठक में आवाज उठायी गयी थी. जिसके बाद अस्पताल के साफ-सफाई हुई थी. परंतु बाद में ठंडा बस्ते में पड़ गया. वहीं जिला परिषद ज्वाला प्रसाद ने कहा कि मेरे द्वारा जिला की बैठक में आवाज उठाया गया था. जहां सिविल सर्जन के द्वारा अस्पताल चालू करने की बात कही गयी थी. परंतु अभी तक नहीं कराया गया.
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क्या कहते हैं प्रभारी चिकित्सा प्रभारी
इस संबंध में भवनाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजन दास ने बताया कि उक्त पीएचसी में चिकित्सक की पदस्थापना को लेकर गढ़वा सीएस को पत्राचार किया गया है. उन्होंने कहा कि उक्त भवन को अब पुनः रिपेयर कराने की भी आवश्यकता है. साथ ही जब तक चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति नहीं हो जाती सुरक्षा के मद्देनजर मुख्य गेट को बंद कराया जायेगा.
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