Sarkari Naukri: झारखंड की भाषा सूची में हिंदी, मगही व भोजपुरी को शामिल कराने के लिए स्थानीय युवाओं ने गढ़वा जिले के रमकंडा में एक दिवसीय धरना दिया और राज्यपाल के नाम तीन सूत्री मांग पत्र बीडीओ को सौंपा. युवा नेता लालमोहन पासवान ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार ने पलामू, गढ़वा, लातेहार में स्थानीय नियुक्तियों की भाषा सूची में मगही व भोजपुरी भाषा को शामिल तो किया है, लेकिन यह भाषा पूरे राज्य की भाषा है. इसलिए इस भाषा को पूरे राज्य की स्थानीय भाषा सूची में शामिल करने की जरूरत है.
धरना में नेताओं ने कहा कि फिलहाल राज्य स्तरीय नियुक्ति में हिंदी, मगही व भोजपुरी को स्थान नहीं देने से यहां के युवाओं को वंचित होना पड़ रहा है. उन पर अन्य दूसरी भाषा जान बूझकर थोपे जाने का काम किया गया है. ऐसे में यहां के युवाओं को नियुक्ति से दूर रखने का काम किया जा रहा है. इसे यहां के युवा बर्दाश्त नही करेंगे. मांग पत्र के माध्यम से युवाओं ने राज्य स्तरीय नियुक्तियों की भाषा सूची में मगही, हिंदी व भोजपुरी को शामिल करने की मांग की. प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष राजकिशोर यादव, उपाध्यक्ष श्रवण प्रसाद कमलापुरी व झामुमो प्रखंड सचिव विनोद यादव ने समर्थन देकर युवाओं की इस मांग को सरकार तक पहुंचाने की बात कही.
Also Read: Jharkhand News: राशन डीलर की मनमानी से नाराज लाभुकों ने ब्लॉक ऑफिस घेरा, कार्रवाई की मांग पर मिला आश्वासन
कार्यक्रम में युवा नेता रमन विश्वकर्मा, रामसेवक सिंह, आकाश कुमार, विनय कुमार, इम्तियाज अहमद, उपेंद्र पासवान, रोजिद मंसूरी, संजय यादव, नागेंद्र यादव, सुनील तिवारी, नारद पांडेय, कमालुद्दीन अंसारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे.
Also Read: झारखंड के मॉडल स्कूलों में हैप्पी करिकुलम लागू, जानें क्या है इसके पीछे का मकसद
रिपोर्ट: मुकेश तिवारी