Jharkhand Panchayat Chunav: गढ़वा जिला परिषद (Zilla Parishad Election) के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष दोनों पदों पर JMM नेताओं ने जीत हासिल की है. अध्यक्ष पद पर झामुमो नेत्री सह रमना से जिला परिषद सदस्य बनी शांति देवी ने आमने-सामने के मुकाबले में जीत हासिल की है, जबकि उपाध्यक्ष पद पर हुए त्रिकोणिय संघर्ष में रमकंडा के जिला परिषद सदस्य सह झामुमो नेता सत्यनारायण यादव ने जीत हासिल की. चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के पूर्व सभी नवनिर्वाचित जिप सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी. डीसी रमेश घोलप की देखरेख में पूरी चुनावी प्रक्रिया संपन्न हुई.
अध्यक्ष पद के लिए निर्वाचित शांति देवी को मिला 21 वोट
अध्यक्ष पद के लिए शांति देवी को गढ़वा मध्य से चुनी गयी जिला परिषद सदस्य सुमन देवी ने चुनौती दी. इस वजह से सर्वसम्मति नहीं बनी और चुनाव की नौबत आयी. चुनावी प्रक्रिया के तहत दोनों ने नामांकन दाखिल किया. जिसके बाद सभी 25 जिला परिषद सदस्यों ने वोटिंग में हिस्सा लिया. इसमें से 21 सदस्यों ने शांति देवी के पक्ष में वोट किया, जबकि सुमन देवी को मात्र चार जिप सदस्यों का वोट हासिल हुआ.
सत्यनारायण यादव बनें उपाध्यक्ष
इसी तरह उपाध्यक्ष पद के लिए झामुमो नेता सत्यनारायण यादव के उम्मीदवारी को गढ़वा पश्चिमी से चुने गये जिप सदस्य जयदुल्ला अंसारी तथा डंडा के जिप सदस्य अजय कुमार चौधरी ने चुनौती थी. इस वजह से इस पद के लिए भी चुनावी प्रक्रिया अपनायी गयी. जिसमें सत्यनारायण यादव को 15 मत प्राप्त कर विजयी घोषित हुए, जबकि जयदुल्ला अंसारी को आठ एवं अजय कुमार चौधरी को मात्र दो जिप सदस्यों का मत प्राप्त हुआ.
गृहणी शांति देवी बनीं अध्यक्ष
जिप अध्यक्ष बनीं शांति देवी एक गृहणी है. वह रमना प्रखंड के गम्हरिया गांव की रहनेवाली है. शांति ने निवर्तमान जिप सदस्य सह कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अरविंद कुमार तूफानी को बड़े अंतर से पराजित किया. शांति देवी पहली बार जिप सदस्य पद के लिए चुनी गयी है. शांति देवी की शादी साल 2005 में गम्हरिया निवासी अजय पासवान जैप-6 रांची के जवान के साथ हुई है. उसके दो लड़के हैं. पति अजय पासवान उर्फ टाइगर पिछले कई सालों से सामाजिक कार्यो में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया करते हैं.
दूसरी बार उपाध्यक्ष बने सत्यनारायण यादव
झामुमो नेता सत्यनारायण यादव दूसरी बार जिला परिषद के उपाध्यक्ष बने हैं. इसके पहले वे साल 2010 में भी रमकंडा से जिला परिषद सदस्य चुने गये थे और बाद में उपाध्यक्ष भी चुन लिए गए. सत्यनारायण यादव ने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था. उस वक्त अध्यक्ष पद के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था और सुषमा मेहता को हटाकर गीता देवी जिप अध्यक्ष बनी थी, लेकिन उपाध्यक्ष के पद पर पूरे पांच साल तक सत्यनारायण यादव बने रहे़ बाद में वे रमकंडा से जिप सदस्य का चुनाव साल 2015 में हार गये. सत्यनारायण यादव युवा कांग्रेस के गढ़वा जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. काफी दिनों तक कांग्रेस में रहने के बाद वे आजसू में भी कुछ समय तक रहे, लेकिन फिर कांग्रेस में वापस लौट आये. उनके जिप सदस्य के नामांकन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भी हिस्सा लिया था. पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के भाई भी उनके नामांकन के लिए आये थे, लेकिन ऐन वक्त पर जिप अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव के पूर्व सोमवार की रात्रि में उन्होंने सभी लोगों को चौंकाते हुए मंत्री मिथिलेश ठाकुर के समक्ष झामुमो की सदस्यता ग्रहण कर ली. इसके बाद से ही कयास लगाये जा रहे थे कि उनको इसके तोहफे के रूप में उपाध्यक्ष का पद मिलनेवाला है.
लोगों की आवाज बनने का काम करूंगी : शांति देवी
अध्यक्ष के पद पर जीतने के बाद शांति देवी ने कहा कि वे झामुमो नेत्री हैं और झामुमो का समर्थन उन्हें प्राप्त हुआ है. वो झामुमो के वायदे एवं एजेंडे पर काम करेंगी. उन्होंने कहा कि वे काम करके समाज के बीच इस स्तर पर आगे आना चाहती है, जिससे हर प्रखंड में उनका नाम रोशन हो. जहां के लोगों की आवाज नहीं उठ पायी है, वहां के लोगों की वे आवाज बनने का काम करेंगी. उन्होंने कहा कि वह सभी तरह के विकास कार्यों को करेंगी, ताकि किसी को शिकायत का मौका नहीं मिले.
जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे : सत्यनारायण यादव
उपाध्यक्ष सत्यनारायण यादव ने कहा कि उन्हें दूसरी बार उपाध्यक्ष बनने का मौका मिला है, वे विकास के कार्य करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. वे जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा उतरने का काम करेंगे.
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झामुमो नेताओं के साथ एकजुटता दिखाते हुए पहुंचे जिप सदस्य
जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की चुनावी प्रक्रिया मंगलवार की सुबह 11 बजे से निर्धारित थी. तय समय से करीब 10 मिनट देर से जिला परिषद सदस्य समाहरणालय पहुंचे. चुनावी गतिविधियों की जानकारी लेने समाहरणालय के पास जमा लोग उस समय चौंक गये जब एक साथ कई वाहन वहां आये और उसमें से जिप सदस्य पहुंचे. जिप सदस्यों के साथ झामुमो जिलाध्यक्ष तनवीर आलम, झामुमो नेता सह पूर्व विधायक अनंत प्रताप देव, पूर्व प्रत्याशी ताहिर अंसारी, कंचन साहू, पप्पू कुमार, मनोज ठाकुर आदि भी पहुंचे. इसके बाद भी जब अध्यक्ष का चुनाव संपन्न हुआ और कुछ देर के लिए जिप सदस्य बाहर निकले, तब भी उपरोक्त सभी झामुमो नेता जिप सदस्यों के साथ ही रहे.
समाहरणालय की सुरक्षा व्यवस्था रही कड़ी
जिप अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर समाहरणालय में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से कड़ी रही. समाहरणालय के मुख्य द्वार पर जिप सदस्यों को अलावे सिर्फ सरकारी कर्मियों, पदाधिकारियों एवं मीडियाकर्मियों को प्रवेश कराया गया. जिप सदस्यों को उनका ऑरिजनल प्रमाणपत्र देखकर ही प्रवेश कराया गया. समर्थक सहित अन्य लोगों को समाहरणालय के मुख्य द्वार पर ही रोक दिया गया. समाहरणालय का सभाकक्ष जहां चुनावी प्रक्रिया की गयी, वहां तक सिर्फ पहले से तय पदाधिकारियों को ही प्रवेश कराया गया. मीडिया कर्मियों के भी वहां तक जाने से रोक दिया गया. जिला परिषद अध्यक्ष का चुनाव दोपहर दो बजे से, जबकि उपाध्यक्ष का चुनाव संध्या करीब चार बजे संपन्न हुआ. समाहरणालय की सुरक्षा में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को लगाया गया था. चुनाव की वजह से अपने कार्यों को लेकर आम लोग समाहरणालय नहीं पहुंचे सके.
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रिपोर्ट : पीयूष तिवारी, गढ़वा.