World Disability Day 2020 : गढ़वा (पीयूष तिवारी) : गढ़वा जिले में 10 हजार से ज्यादा दिव्यांग अभी भी सरकार की ओर से मिलनेवाली पेंशन योजना से वंचित हैं. आधिकारिक तौर पर दिव्यांगों का सही आंकड़ा मौजूद नहीं है, लेकिन विधानसभा चुनाव 2019 में सभी प्रखंडों में सर्वेक्षण कराकर दिव्यांग मतदाताओं की सूची बनायी गयी थी. इस सूची के हिसाब से जिले में 10872 दिव्यांग मतदाता हैं. कोरोना के कारण आज समारोह का आयोजन नहीं किया जायेगा.
आपको बता दें कि मतदाता 18 साल से अधिक उम्रवाले को बनाया जाता है. यदि इससे नीचे की उम्रवाले दिव्यांगों की अनुमानित संख्या को जोड़ दिया जाये, तो 15 हजार तक पहुंच सकती हैं, लेकिन जिले में मात्र 5570 दिव्यांगों को ही पेंशन का लाभ मिलता है. इसमें से इंदिरा गांधी नेशनल विकलांगता पेंशन से 2039 एवं स्वामी विवेकानंद विकलांगता पेंशन योजना से 3531 दिव्यांगों को पेंशन दी जाती है. वर्तमान पेंशन राशि एक हजार रूपये प्रतिमाह है. इस हिसाब से करीब 10 हजार दिव्यांग अभी भी पेंशन के लाभ से वंचित हैं. दिव्यांगता पेंशन से जुड़ी समस्या को लेकर प्रतिदिन समाहरणालय में दिव्यांग भटकते हुये देखे जाते है. दिव्यांगों की पेंशन आदि से संबंधित कार्य पहले समाज कल्याण विभाग एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के माध्यम से किया जाता था़. समाज कल्याण विभाग के माध्यम से स्वामी विवेकानंद विकलांगता पेंशन योजना से दिव्यांगों को पेंशन दी जाती थी, जबकि सामाजिक सुरक्षा विभाग के माध्यम से इंदिरा गांधी नेशनल पेंशन स्कीम के तहत पेंशन दिया जाता था, लेकिन अब इन दोनों योजनाओं को सामाजिक सुरक्षा विभाग के अधीन कर दिया गया है.
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गढ़वा जिले के दिव्यांगों को पिछले दो सालों से ट्राइसाइकिल व अन्य कृत्रिम अंग उपलब्ध नहीं कराये जा सके हैं. ट्राइसाइकिल व कृत्रिम अंग का वितरण समाज कल्याण विभाग के अधीन बाल विकास परियोजना कार्यालय की ओर से किया जाता है. इसके लिये सेविका-सहायिका के माध्यम से दिव्यांगों से आवेदन लिया जाता है. साल 2019 में इसके लिये सरकार की ओर से किसी प्रकार की राशि या राज्यादेश विभाग को प्राप्त नहीं हुआ था, जबकि इस साल 2020 में सरकार के निर्देश के बाद दिव्यांगों से आवेदन मांगा जा रहा है. आवेदन के हिसाब से डिमांड कर टेंडर किया जायेगा और कृत्रिम यंत्र मंगाया जायेगा, इसके बाद इसका वितरण किया जायेगा. ऐसे में इस साल के शेष बचे चार माह में इसका वितरण हो पायेगा, इसमें संदेह है. ट्राइसाइकिल के अलावा जो कृत्रिम अंग दिया जाता है, उसमें श्रवण यंत्र, कृत्रिम पैर, कृत्रिम हाथ आदि शामिल है.
जिला समाज कल्याण विभाग को प्रत्येक साल विश्व दिव्यांगता दिवस मनाने को लेकर एक लाख रूपये की राशि उपलब्ध करायी जाती रही है. इस राशि से तीन दिसंबर को जिला व प्रखंडस्तर पर दिव्यांगों के लिये कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं. इसमें खेलकूद आदि प्रतियोगितायें भी करायी जाती हैं. साथ ही दिव्यांगों के साथ सहभोज भी किया जाता है. लेकिन पिछले तीन सालों से यह राशि भी उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इससे दिव्यांगों में निराशा है. गढ़वा जिले में दिव्यांगों के लिये काम करनेवाला उनका स्वयं का जिलास्तरी संघ सदस्यों के बीच आपस में दो-चार हजार रूपये चंदा कर कार्यक्रम आयोजित करने लगा है, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से इस कार्यक्रम की कोई तैयारी नहीं है. सरकारी स्तर पर भी कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किये जायेंगे. इस संबंध में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कमल कुमार सिंह ने कहा कि विश्व दिव्यांगता दिवस को लेकर कोई फंड या गाइडलाइन उपलब्ध नहीं है. इस वजह से कोई कार्यक्रम नहीं किये जायेंगे़.
Posted By : Guru Swarup Mishra