17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जिले में टिड्डियों के दल के पहुंचने की आशंका पर किया गया अलर्ट

कृषि निदेशक आदेश तीतरमारे ने गया, औरंगाबाद, रोहतास व कैमूर के जिला कृषि पदाधिकारियों एवं मगध प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (शष्य) आभांशु सी जैन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर इन जिलों में टिड्डियों के संभावित प्रकोप से बचने के लिए की गयी तैयारियों की जानकारी ली.

गया : कृषि निदेशक आदेश तीतरमारे ने गया, औरंगाबाद, रोहतास व कैमूर के जिला कृषि पदाधिकारियों एवं मगध प्रमंडल के संयुक्त निदेशक (शष्य) आभांशु सी जैन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर इन जिलों में टिड्डियों के संभावित प्रकोप से बचने के लिए की गयी तैयारियों की जानकारी ली. उन्होंने बताया कि टिड्डियों का एक दल उप्र के मिर्जापुर जिले में देखा गया है, जिसके आगे बढ़ने की दिशा पर नजर रखी जा रही है. कृषि निदेशक ने जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह टिड्डियों के संभावित प्रकोप से बचने के लिए राज्य स्तर से निर्गत एडवाइजरी व नियंत्रण के निर्देशों का अनुपालन कराना सुनिश्चित करें.

उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, कृषि समन्वयक, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक व किसान सलाहकार अपने पदस्थापित प्रखंडों एवं पंचायतों में 09 बजे पूर्वाह्न से 07 बजे संध्या तक रहना सुनिश्चित करें. वह प्रतिदिन संध्या 06 से 07 बजे तक भ्रमण करके टिड्डियों की गतिविधियों पर नजर रखें और किसी भी प्रकार के खतरे से समय रहते जिला और राज्य मुख्यालय को अवगत कराये.

प्रगतिशील व प्रबुद्ध किसानों को टिड्डियों के खतरे से अवगत कराया जाये एवं उनको भी टिड्डियों के दिखाई देने पर वाट्सएप एवं अन्य माध्यमों से सूचना देने के लिए तत्पर किया जाये. कृषि निदेशक ने जिला कृषि पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वह जिला में उपलब्ध फायर ब्रिगेड के बड़े व छोटे वाहनों को, प्रत्येक प्रखंड में ट्रैक्टर एवं अन्य माध्यम से कीटनाशक स्प्रे करने के वाहनों को आवश्यकतानुसार पावर स्प्रेयर चिह्नित कर लें.

जिलें में टिड्डियों को नियंत्रित करने के लिए छिड़काव किये जाने वाले रसायनों की आवश्यकता का आकलन कर उनकी उपलब्धता सुनिश्चित करा लें. स्प्रे कराने के लिए स्किल्ड एवं अनस्किल्ड व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें अलर्ट मोड में रखा जाये़ इस मौके परउपनिदेशक पौधा संरक्षण मुकेश कुमार जिला कृषि पदाधिकारी अशोक कुमार सिन्हा, उप परियोजना निदेशक, आत्मा, गया नीरज कुमार वर्मा, सहायक निदेशक पाैधा संरक्षण अभिषेक सिंह उपस्थित थे. रात 11 बजे से सुबह तक कर सकते हैं दवा का छिड़काव बैठक में उपस्थित पौधा संरक्षण वैज्ञानिक डाॅ प्रमोद ने टिड्डी के जीवन काल, उसके प्रकोप और बचाव की जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि टिड्डियों के मार्ग में रसायनिक छिड़काव का सर्वोत्तम समय रात्रि 11 बजे से सुबह सूर्योदय तक होता है. अतः इसी अवधि में छिड़काव की रणनीति बनानी चाहिए़, जिससे उस पर नियंत्रण किया जा सके. उन्होंने चार प्रकार के कीट नाशियों लैम्बडासायहेलोथ्रीन 5 ईसी की एक मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में अथवा क्लोरोपायरीफाॅस 20 ईसी की 2.5 से 3 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में अथवा फिपरोनिल 5 ईसी की एक मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में या डेल्टामेंथ्रीन 2.8 ईसी की 1 से 1.5 मिली मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव करने की बात कही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें