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Bhadrapada Purnima 2022 Live: आज घर पर भी कर सकते है पिंडदान और तर्पण, स्नान दान के साथ जरूर करें ये काम

Bhadrapada Purnima 2022: आज 10 सितंबर दिन शनिवार को पितृपक्ष का पहला दिन है. आज भाद्रपद पूर्णिमा भी है. आज लाखों पिंडदानी गया में श्राद्ध कर रहे हैं. भाद्रपद पूर्णिमा को भादो पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन से श्राद्धपक्ष की शुरुआत हो जाती है. आइए जानते है पूर्णिमा के दिन कैसे श्राद्ध किया जाता है. भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व क्या है. भाद्रपद पूर्णिमा के दिन पिंडदान और तर्पण से जुड़ी हर अपडेट जानने के लिए बने रहे Prabhat khabar के साथ...

लाइव अपडेट

पितृपक्ष में इन चीजों का रखें ध्यान

पितृपक्ष में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए. आप जिस दिन पितरों की तिथि है उस दिन उनके नाम पर खीर बना सकते हैं. खीर को पितरों का भोजन माना गया है. इसलिए खीर का सेवन आप कर सकते हैं.

जानें तर्पण विधि

पितृपक्ष में नदी व तालाब के घाटों के अलावा लोग घरों पर अपने पूर्वजों को तर्पण व पिंडदान करते हैं. इस दौरान नदी में स्नान कर तपर्ण के लिए हाथ में जल, कुश, अक्षत व फूल लेकर दक्षिण दिशा में मुख करके जलांजलि दी जाती है.

आज घर पर भी कर सकते है पिंडदान और तर्पण 

आज भाद्रपद की पूर्णिम है. गयाजी में लोग श्राद्ध और तर्पण कर रहे है. वहीं, जो लोग गयाजी नहीं गये है वे अपने घर पर भी श्राद्ध कर सकते है. आज स्नान कर पिंडदान और तर्पण करने की मान्यता है.

आज भगवान शिव की करें पूजा

पूर्णिमा के दिन शिव जी की पूजा अवश्य करें. इसके लिए एक तांबे से जल चढ़ाएं. फिर ही ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. इसके साथ ही शिवलिंग में बेलपत्र, शमी, धतूरा, आक का फूल आदि चढ़ाएं.

आज हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें

आज शनिवार का दिन है. इसके साथ ही आज पूर्णिमा भी है. इसलिए आज हनुमान जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा. इसलिए आज हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करें.

आज हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें

आज शनिवार का दिन है. इसके साथ ही आज पूर्णिमा भी है. इसलिए आज हनुमान जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा. इसलिए आज हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करें.

आज स्नान करने के बाद इस मंत्र का करें जाप

आज सुबह स्नान जरूर करें. इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल भर कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दें. फिर ऊँ सूर्याय नम: मंत्र का जाप करें. आप चाहे तो सूर्य को चढ़ाए जाने वाले जल में थोड़ा सा सिंदूर और अक्षत भी डाल सकते हैं.

Bhadrapada Purnima 2022 Live: आज घर पर भी कर सकते है पिंडदान और तर्पण, स्नान दान के साथ जरूर करें ये काम
Bhadrapada purnima 2022 live: आज घर पर भी कर सकते है पिंडदान और तर्पण, स्नान दान के साथ जरूर करें ये काम 1

स्नान कर जरूर करें दान पुण्य

आज सुबह पवित्र नदी में स्नान आदि करने के बाद दान पुण्य करने की परंपरा है. इसलिए स्नान जरूर करें. अगर आप घर पर स्नान कर रहे है तो पानी में थोड़ा सा गंगाजल डाल लें. इसके बाद स्नान करते समय नदियों के नामों का स्मरण करें.

गयाजी में कब और कैसे पिंडदान करने पर मिलती हैं पूर्वज की आत्मा को मुक्ति, जानें श्राद्ध का रहस्य?

पितृ दोष निवारण उपाय

आज के दिन हनुमान जी की पूजा करने पर विशेष लाभ मिलेगा. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत हो गयी है. सुबह भगवान सूर्य को जल अर्पित करें. इसके बाद हुनमान चलिसा का पाठ करें.

Bhadrapada Purnima 2022 Live: आज घर पर भी कर सकते है पिंडदान और तर्पण, स्नान दान के साथ जरूर करें ये काम
Bhadrapada purnima 2022 live: आज घर पर भी कर सकते है पिंडदान और तर्पण, स्नान दान के साथ जरूर करें ये काम 2

पुनपुन नदी में माथा मुंडन का कार्य शुरू

पुनपुन नदी में माथा मुंडन कराने के बाद श्रद्धालु त्रिपाक्षिक पिंडदान के लिए गयाजी आते हैं. धार्मिक ग्रंथों व पुराणों के अनुसार माथा मुंडन कराने वाले श्रद्धालुओं को तीर्थ के समान फल की प्राप्ति होती है. पुनपुन नदी में माथा मुंडन का कार्य शुरू हो गया है.

Pitru Paksha 2022 Gaya Shradh Live: गया में आज से श्राद्ध शुरू, जानें पिंडदान से जुड़ी संपूर्ण जानकारी

मृत्यु की तिथि के अनुसार करें श्राद्ध

पितृ पक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध किया जाता है. आज पूर्णिमा तिथि पर श्राद्ध किया जाएगा. अगर किसी मृत व्यक्ति की तिथि की जानकारी न हो तो ऐसी स्थिति में अमावस्या तिथि पर श्राद्ध किया जाता है.

पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां

  • पूर्णिमा और प्रतिपदा श्राद्ध - 10 सितंबर 2022

  • द्वितीया श्राद्ध - 11 सितंबर 2022

  • तृतीया श्राद्ध - 12 सितंबर 2022

  • चतुर्थी श्राद्ध - 13 सितंबर 2022

  • पंचमी श्राद्ध - 14 सितंबर 2022

  • षष्ठी श्राद्ध - 15 सितंबर 2022

  • सप्तमी श्राद्ध - 16 सितंबर 2022

  • अष्टमी श्राद्ध- 18 सितंबर 2022

  • नवमी श्राद्ध - 19 सितंबर 2022

  • दशमी श्राद्ध - 20 सितंबर 2022

  • एकादशी श्राद्ध - 21 सितंबर 2022

  • द्वादशी श्राद्ध- 22 सितंबर 2022

  • त्रयोदशी श्राद्ध - 23 सितंबर 2022

  • चतुर्दशी श्राद्ध- 24 सितंबर 2022

  • अमावस्या श्राद्ध- 25 सितंबर 2022

आज लाखों श्रद्धालु गया में करेंगे पिंडदान

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है. आज से श्राद्धपक्ष शुरू हो गया. आज से श्राद्ध कार्य भी शुरू हो जाएगा. लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि करेंगे. गया में लाखों श्राद्धालु आज पिंडदान और तर्पण करेंगे.

आज है भाद्रपद मास की पूर्णिमा

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 09 सितंबर दिन शुक्रवार की शाम 06 बजकर 07 मिनट से शुरू हो चुकी है. भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर दिन शनिवार को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी, इसलिए इस वर्ष 10 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी.

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आज है भाद्रपद मास की पूर्णिमा

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 09 सितंबर दिन शुक्रवार की शाम 06 बजकर 07 मिनट से शुरू हो चुकी है. भाद्रपद पूर्णिमा तिथि 10 सितंबर दिन शनिवार को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी, इसलिए इस वर्ष 10 सितंबर को भाद्रपद पूर्णिमा मनाई जाएगी.

आज से श्राद्धपक्ष शुरू

आज भादो मास की पूर्णिमा तिथि है. आज से श्राद्धपक्ष की शुरुआत होती है. इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए विधि के अनुसार श्राद्ध और तर्पण किया जाता है.

आज भगवान विष्णु और शनिदेव की एक साथ होगी पूजा

आज पितृपक्ष और श्राद्धपक्ष की शुरुआत हो गयी. गयाजी में लाखों पिंडदानी श्राद्ध करने पहुंचे हुए है. इस बार शनिवार के दिन पूर्णिमा तिथि पड़ने के कारण भगवान विष्णु के साथ शनिदेव की पूजा होगी. आज भगवान विष्णु और शनिदेव की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होगी.

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