गया. कृषि विज्ञान केंद्र के परिसर में रबी अभियान का शुभारंभ किया गया. इसका उद्घाटन पटना से आये कृषि निदेशालय के नोडल पदाधिकारी शंकर कुमार चौधरी सहित अन्य अधिकारियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया. इस दौरान निदेशक ने कहा कि फसल विविधीकरण, मक्का व दलहन, तेलहन के उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से कृषि विभाग कामकाज कर रही है. पीएम किसान योजना में किसानों को ईकेवाईसी कराना अनिवार्य है तथा अयोग्य पाये किसानों से राशि की रिकवरी कराने का निर्देश दिया गया है.
चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत खेती में लाना होगा बदलाव
जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत जलवायु के बदलते परिवेश को ध्यान में रखकर पारंपरिक फसलों की जगह मक्का, स्वीट काॅर्न, बेबी काॅर्न, चना, मसूर एवं राई सरसों फसलों के क्षेत्र विस्तार, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि करने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2023-24 में फसल विविधीकरण के तहत मक्का 4500 हेक्टेयर, चना 18100 हेक्टेयर, मसूर 22300 हेक्टेयर, राई/सरसों 7300 हेक्टेयर एवं तीसी 1800 हेक्टेयर आच्छादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
दो सीड हब की स्थापना करने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा प्रत्यक्षण के साथ-साथ अनुदानित दर पर प्रमाणित बीजों को वितरण गेहूं 18049 क्विंटल, चना 3805 क्विंटल, मसूर 2241 क्विंटल, मक्का 666 क्विंटल एवं राई/सरसों 158 क्विंटल कराया जा रहा है. रबी मौसम में मक्का, बेबी काॅर्न एवं स्वीट काॅर्न फसल पर किसान पाठशाला का आयोजन कर किसानों को प्रशिक्षित किया जायेगा. गुणवत्तापूर्ण बीजों की उपलब्धता हेतु जिले में दो सीड हब की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है.
गुरारू के डीहा, देवकली व अतरी के बैरका को किया गया चिह्नित
उन्होंने कहा कि गेहूं फसल के लिये गुरारु प्रखंड अन्तर्गत डीहा व देवकली गांव एवं चना फसल के लिये अतरी प्रखंड के बैरका ग्राम का चयन किया गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में आरएडी योजना अन्तर्गत बोधगया प्रखंड के गाफाखूर्द ग्राम पंचायत का चयन कलस्टर के रुप में किया गया है. इसके तहत फसल पद्धति आधारित कृषि प्रणाली में बायो फोर्टिफाईड बीज से आच्छादित कराने का लक्ष्य रखा गया है.
पहले आओ, पहले पाओ के सिद्धांत पर किसानों को मिलेगा लाभ
सहायक निदेशक ने कहा कि कृषि यांत्रिकीकरण योजना के तहत 108 प्रकार के कृषि यंत्रों पर अनुदान देने का प्रावधान है. पहले आओ, पहले पाओ के सिद्धांत पर आवेदकों को अधिक अनुदान वाले योजनान्तर्गत लाभ पहले दिया जायेगा. सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अत्याधिक एवं अनुचित रसायनों के प्रयोग से मृदा के सूक्ष्म जीवों का विनाश हो रहा है.