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Gaya, Bihar Vidhan Sabha Chunav 2020: भयमुक्त मतदान की तैयारी पूरी, जिले की 10 सीटों पर इन दिग्गजों के भाग्य का होगा फैसला

जिले में गुरुआ, टिकारी, गया टाउन, बेलागंज, वजीरगंज, इमामगंज, शेरघाटी, बाराचट्टी, अतरी एवं बोधगया विधानसभा क्षेत्र है.

गया, बिहार विधान सभा चुनाव 2020: भयमुक्त मतदान की तैयारी पूरी, जिले की 10 सीटों पर इन दिग्गजों के भाग्य का होगा फैसला गया जिले में दस विधानसभा सीटों के लिए 28 अक्तूबर को मतदान होना है. जिले में गुरुआ, टिकारी, गया टाउन, बेलागंज, वजीरगंज, इमामगंज, शेरघाटी, बाराचट्टी, अतरी एवं बोधगया है. बिहार इलेक्शन 2020 से जुडी लेटेस्ट न्यूज़ के लिए बने रहे www.prabhatkhabar.com par.

गया नगर, टिकारी, अतरी, इमामगंज व गुरुआ विस सीटों के लिए कड़ा मुकाबला है. जिले में कुल 172 उम्मीदवारों की एक लंबी फेहरिस्त है. जिले में तीन सीटें सुरक्षित हैं. इनमें इमामगंज, बोधगया और बाराचट्टी विधानसभा हैं.

10 विधानसभाओं में कुल 4430 मतदान केंद्र हैं. जिले में कुल मतदाताओं की संख्या 29 लाख 691 हजार है. जिनमें 1500844 और महिला 1399775 है. सेवा मतदाता 7791 और अन्य मतदाताओं की संख्या 92 है.

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बिहार विधानसभा चुनाव को स्वच्छ, निश्चपक्ष, भयमुक्त और सुरक्षित बनाए रखने के लिए चुनाव आयोग ने कई कदम उठाए हैं. जिले के हर बूथ पर पैरा मिलिट्री फोर्स के जवान तैनात किए गए है. हर बूथ पर हथियारबंद जवान तैनात होंगे. नक्सलग्रस्त जिलों के अति संवेदनशील मदतान केन्द्रों पर मतदान समय में बदलाव किया गया है.

सामान्य विधानसभा सीट पर सुबह सात बजे से मतदान शुरु होकर शाम छह बजे तक मतदान चलेगा. गया जिले के शेरघाटी, इमामगंज, बाराचट्टी, बोधगया, टिकारी और रजौली में मतदान शाम 4 बजे होगा.

टिकारी विधानसभा सीट पर 25 उम्मीदवार हैं. वर्तमान विधायक जदयू के अभय कुशवाहा ने इस चुनाव में अपने लिए बेलागंज से टिकट सुनिश्चित किया. हम के एनडीए में शामिल होने से यह सीट हम के कोटे में आ गयी, हम ने इस क्षेत्र में पूर्व विधायक रहे अनिल कुमार को मैदान में उतार दिया है. कांग्रेस ने पूर्व जिला पार्षद सुमंत कुमार को टिकट दिया गया.

गया नगर हमेशा से ही हॉट सीट माना जाता रहा है. कारण है 1990 से भाजपा के डॉ प्रेम कुमार लगातार जीत हासिल करना. अब इस बार इस सीट से 27 उम्मीदवार मैदान में हैं. मुख्य मुकाबला भाजपा के डॉ प्रेम कुमार व कांग्रेस से अखैारी ओंकार नाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव के बीच है.

अतरी विधानसभा सीट के लिए 11 प्रत्याशी मैदान में हैं. इस सीट पर पूर्व विधायक राजेंद्र प्रसाद यादव व उनके परिवार का दबदबा रहा है. उनके बाद उनकी पत्नी कुंती देवी से यहां विधायक हैं. इस बार उनके पुत्र अजय यादव उर्फ रंजीत कुमार यादव मैदान में हैं. इस सीट से 2010 में एक बार कृष्णनंदन यादव विधायक रहे. लेकिन, 2015 में फिर से कुंती देवी ने इस सीट को जीत लिया. जदयू ने इस सीट के लिए मनोरमा देवी को अपना प्रत्याशी बनाया है. मनोरमा देवी जिला पर्षद पूर्व अध्यक्ष व मगध की राजनीति में मजबूत उपस्थिति रखने वाले स्वर्गीय बिंदी यादव की पत्नी हैं.

जिले में इमामगंज विधानसभा सीट को सबसे हॉट सीट माना जा रहा है. कारण है कि यहां मैदान में दो राजनीतिक दिग्गजों के बीच मुकाबला होगा. राजद ने बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को मैदान में उतारा है. दूसरी ओर से एनडीए ने हम प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को मुकाबले के लिए भेजा है. 2015 में भी दोनों आमने-सामने थे. इस सीट से मैदान में कुल 10 प्रत्याशी मैदान में हैं.

गुरुआ विधानसभा सीट अभी भाजपा के खाते में है. भाजपा ने अपने सिटिंग एमएलए राजीव नंदन दांगी को ही मैदान में उतारा है. दूसरी और महागठबंधन की ओर से यह सीट राजद के पास है. राजद ने विनय कुमार को टिकट दिया है. इस सीट से चुनाव लड़ने के लिये कुल 23 प्रत्याशी मैदान में हैं.

बोधगया सुरक्षित सीट पर कुल 17 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. 2015 में भाजपा प्रत्याशी श्यामदेव पासवान चुनाव हार गए थे. उनकी जगह भाजपा ने इस बार पूर्व सांसद हरि मांझी को उम्मीदवार बनाया है, जबकि राजद से कुमार सर्वजीत मैदान में हैं. कुमार सर्वजीत निवर्तमान विधायक हैं. वे इससे पहले भी उपचुनाव जीत चुके हैं.

बाराचट्टी में पूर्व सीएम की समधन और सांसद की बहन सामने-सामने जिले की सुरक्षित बाराचट्टी विधानसभा सीट से 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. इनमें राजग की ओर से हम ने ज्योति देवी को उम्मीदवार बनाया है. वह पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की समधन हैं. वहीं महागठबंधन की ओर से राजद की निवर्तमान विधायक समता देवी मुकाबले में हैं. समता देवी जदयू सांसद विजय कुमार मांझी की बहन हैं.

वजीरगंज सीट से 22 उम्मीदवार मैदान में है. कांग्रेस विधायक अवधेश कुमार सिंह के पुत्र डॉ. शशि शेखर को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने पुराने सिपाही वीरेंद्र सिंह को फिर से चुनाव मैदान में उतारा है. वीरेंद्र 2010 में भाजपा के विधायक रहे हैं. 2015 में वह अवधेश सिंह से चुनाव हार गए थे. इस बार उनका मुकाबला पिता की जगह पुत्र से होगा.

बेलागंज में इस बार 13 उम्मीदवार मैदान में है. करीब तीन दशक से डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव काबिज हैं. पहले दो बार जनता दल और उसके बाद से लगातार राजद के टिकट पर निर्वाचित होते आए हैं. ऐसे में जदयू ने युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष अभय कुशवाहा को मैदान में उतारा है. वैसे लोजपा ने यहां से रामाश्रय शर्मा को उम्मीदवार बनाया है.

शेरघाटी में इस बार 11 उम्मीदवार हैं. यहां भी मुकाबला जदयू व राजद के बीच है. निवर्तमान जदयू विधायक विनोद प्रसाद यादव फिर से मुकाबले में हैं. राजद की ओर से मंजू अग्रवाल और लोजपा के मुकेश कुमार यादव भी उम्मीदवार हैं. ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं. जन अधिकार पार्टी के उम्मैर खां भी ताल ठोक रहे हैं.

जिला निर्वाची पदाधिकारी ने कहा कि एक बूथ पर अधिकतम 1 हजार मतदाता हैं. कोविड-19 के अनुपालन को लेकर इस बार अधिक सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं. सभी जगहों पर शारीरिक दूरी का पालन कराते हुए मतदान कराया जाएगा.

Posted by Ashish Jha

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