मगध विश्वविद्यालय की परीक्षा शाखा द्वारा नये वर्ष में एमयू के छात्रों को उनके कॉलेजों में ही मूल प्रमाणपत्र उपलब्ध कराये जायेंगे. इसके लिए परीक्षा शाखा द्वारा तैयार डिग्रियों की स्कैनिंग की जा रही है. डिग्रियों की स्कैनिंग के बाद संबंधित कॉलेजों को पत्राचार कर सूचित किया जायेगा व तैयार डिग्रियों को उनके हवाले कर दिया जायेगा. अपने मूल प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किये छात्र-छात्राएं इसके बाद संबंधित कॉलेजों से ही अपनी डिग्री प्राप्त कर सकेंगे.
फिलहाल मगध विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के छात्र-छात्राओं के 40 हजार के करीब डिग्रियों को तैयार कर रखा गया है. इनकी स्कैनिंग की जा रही है ताकि एमयू के परीक्षा शाखा में डिग्रियों के रेकॉर्ड रखा जा सके और जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके. एमयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ गजेंद्र प्रसाद गदकर ने बताया कि पूरी तरह से तैयार व कुलपति के हस्ताक्षरयुक्त करीब 40 हजार डिग्रियों की स्कैनिंग की जा रही है.
अब तक पांच हजार डिग्रियां स्कैन कर ली गयी हैं. उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक सभी डिग्रियों को स्कैन कर लिया जायेगा और उसके बाद प्रक्रिया के तहत संबंधित कॉलेजों को डिग्रियां उपलब्ध करा दी जायेंगी. आवेदन किये छात्र-छात्राएं संबंधित कॉलेजों से अपने मूल प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे. नये वर्ष में कॉलेजों को डिग्रियां उपलब्ध होने लगेंगे. उन्होंने बताया कि डिग्रियों को स्कैन करने में चार कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त किया गया है.
मगध विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों के स्नातक पार्ट वन व पार्ट टू के छात्र-छात्राओं को अपने लंबित रिजल्ट के लिए फिलहाल इंतजार करना होगा. उनके रिजल्ट को तैयार करने के लिए एमयू प्रशासन द्वारा एजेंसियों को निविदा के माध्यम से आमंत्रित किया गया था और उसके आलोक में दो एजेंसियों ने टेंडर डाला है. लेकिन, लगभग एक महीना गुजरने वाला है और टेंडर खुलने की प्रक्रिया पूरी नहीं की गयी है. इसके कारण किसी एजेंसी का चयन नहीं हो पाया है और इसके कारण रिजल्ट तैयार होने में फिलहाल देर होने की पूरी संभावना है.
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उल्लेखनीय है कि स्नातक पार्ट वन सत्र 2018-22 व पार्ट टू सत्र 2018-21 का परीक्षाफल प्रकाशित नहीं हो सका है. इसके कारण छात्रों का अगली कक्षा में नामांकन व परीक्षाएं नहीं हो पा रही है. परीक्षाफल के प्रकाशन को लेकर छात्रों का आंदोलन भी किया जाता रहा है. इसके बाद भी एमयू प्रशासन एजेंसी के चयन में सक्रियता नहीं बरत रहा है और रिजल्ट प्रकाशित नहीं हो पा रहा है. इस संबंध में एमयू के परीक्षा नियंत्रक डॉ गजेंद्र प्रसाद गदकर ने बताया कि परीक्षाफल तैयार करने के लिए फिलहाल एजेंसी का चयन नहीं हो पाया है. टेंडर खोले जाने की प्रक्रिया जारी है.