गया. इंसान का शरीर नश्वर है मृत्यु के बाद इसे कोई नहीं ले जाता. इससे अच्छा है कि देहदान के जरिए यह मेडिकल की पढ़ाई करने वाले बच्चों के कुछ काम आ सके. उक्त बातें मगध मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण के चैंबर में चांदचौरा के रहने वाले सुनील कुमार ने कही. वो अपनी पत्नी मंजू सिन्हा के साथ देहदान करने बुधवार को अस्पताल पहुंचे थे.
परिचितों ने घोषणा नहीं करने की दी थी सलाह
सुनील कुमार ने कहा कि परिचित को इस बात की जानकारी मिली, तो सभी ने भावुक होकर इस तरह की घोषणा नहीं करने की सलाह दी. पति-पत्नी दोनों ही इसके लिए दृढ़ इच्छा शक्ति से तैयार हो गये हैं. इस फैसले को अब बदलने का सवाल ही नहीं खड़ा होता है.
सुनील को आंखों से देखने में हो रही थी दिक्कत
बता दें कि सुनील कुमार की उम्र 71 वर्ष व उनकी पत्नी मंजू सिन्हा की उम्र 64 वर्ष है. पति को आंख से देखने में थोड़ी दिक्कत हो रही थी. लेकिन, उनको अधीक्षक के चैंबर तक लाने से लेकर कुर्सी पर बैठाने में उनकी पत्नी भरपूर सहयोग कर रही थीं.
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मेडिकल छात्रों को पढ़ाई के लिए मृत देह की होती है जरूरत
अधीक्षक ने कहा कि कॉलेज में मृत देह की जरूरत पढ़ाई में पड़ती है. मृत देह का इंतजाम लावारिस शव से पूरा होता है. इस बार एक बुजुर्ग दंपती ने इसके लिए आगे आकर अपना शरीर दान करने का फैसला लिया है. यह बहुत बड़ी बात है. इस बुजुर्ग दंपती से अन्य लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल में आइ बैंक का संचालन किया जाता है. यहां भी लोगों को आगे आकर आंख दान करना चाहिए.