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बिहार के सरकारी स्कूल भी अब बनेंगे स्मार्ट, गया के 50 स्कूलों को मॉडल बनाने की योजना पर शुरू हुआ काम

गया जिले के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने का काम शुरू किया गया है. इस कार्य योजना के तहत चिह्नित 50 स्कूलों को अगले तीन महीने के भीतर शिक्षा तथा अन्य तरह की शिक्षकेतर गतिविधियों के मामले में बड़े पायदान पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है.

गया जिले के सरकारी स्कूल अब प्राइवेट स्कूल की तरह दिखेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन ने एक बड़ी कार्य योजना पर काम शुरू कर दिया है. इस कार्य योजना के तहत जिला के हर प्रखंड से दो-दो विद्यालय तथा नगर निगम क्षेत्र के दो विद्यालय इस प्रकार कुल मिलाकर 50 सरकारी स्कूलों का चयन करके, उन्हें मॉडल शिक्षण संस्थान की तरह विकसित किया जा रहा है. मॉडल विद्यालय बनाने का उद्देश्य है कि ड्रॉपआउट रेशियो में कमी लायी जाये, शिक्षा की गुणवत्ता में और तेजी से सुधार लाया जायेगा व ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा दिया जायेगा.

डिजिटल लिटरेटिंग को दिया जाएगा बढ़ावा

प्रोजेक्टर बेस्ड स्मार्ट क्लास के माध्यम से बच्चों की और बारीकी से पढ़ाई करायी जायेगी. कंप्यूटर लैब भी बनाये जायेंगे. साथ ही डिजिटल लिटरेटिंग को बढ़ावा दिया जायेगा. इसके लिए जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने जिला शिक्षा पदाधिकारी को संबंधित विद्यालयों को मॉडल विद्यालय के रूप में युद्ध स्तर पर विकसित करवाने का निर्देश दिया है. मॉडल स्कूल में विकसित करने के लिए कुल छह एक्टिविटी प्लान तैयार किये गये है. इनमें बाला (BALA) (शिक्षण सहायता के रूप में भवन) द्वारा वॉल पेंटिंग, कंप्यूटर लैब, प्रोजेक्टर बेस्ड स्मार्ट क्लास, अत्याधुनिक लाइब्रेरी, शिक्षकों का प्रशिक्षण और क्षमता का निर्माण एवं परियोजना का मूल्यांकन शामिल हैं.

सभी प्रखंडों से दो-दो स्कूलों को बनाया जाना है मॉडल

डीएम ने बताया कि गया जिले के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने का काम शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि इस कार्य योजना के तहत चिह्नित होने वाले इन 50 स्कूलों यथा उत्क्रमित विद्यालय व जो उत्क्रमित एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय को अगले तीन महीने के भीतर शिक्षा तथा अन्य तरह की शिक्षकेतर गतिविधियों के मामले में बड़े पायदान पर ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. उन्होंने बताया कि इस काम को मिशन के रूप में पूरा किया जायेगा. इसके लिए जिला के हर प्रखंड के दो-दो स्कूलों का चयन किया गया है. इन मॉडल विद्यालयों में बाला बिल्डिंग एज लर्निंग एड (BALA) के माध्यम से परिसर और कमरों में रंगीन पेंटिंग, दृश्य और ज्यामितीय (जियोमेट्रिक) आकार, दीवारों, दरवाजों सीढ़ियों इत्यादि पर अक्षर और शब्द तथा आंकड़े और सामाजिक संदेशों से संबंधित चित्रकारी करायी जायेगी.

इन स्कूलों में स्मार्ट क्लास व लाइब्रेरी होगी

आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में स्थापित होने वाले इन सरकारी स्कूलों में प्रोजेक्टर आधारित स्मार्ट क्लास व लाइब्रेरी की भी सुविधा छात्र-छात्राओं को दी जायेगी. उन्होंने बताया कि आदर्श शिक्षण संस्थान के रूप में स्थापित होने वाले चिह्नित 50 स्कूलों को विकसित किया जायेगा. इन स्कूलों के भवन के रंग-रोगन के साथ उसे इस तरह सजाया-संवारा जायेगा, जो वहां के बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने में सहायक हो. उन्होंने बताया कि इन स्कूलों के सभी वर्ग कक्ष को आनंदमयी बनाया जायेगा. स्कूलों में स्मार्ट क्लास व लाइब्रेरी की भी सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. इन स्कूलों में सभी जरूरी सुविधा भी उपलब्ध करायी जायेगी.

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ट्रेंड किये जायेंगे शिक्षक

इन मॉडल स्कूलों के शिक्षकों को भी जरूरी प्रशिक्षण दिया जायेगा. डीएम ने बताया कि इन मॉडल स्कूलों के छात्र-छात्राओं को बेहतर और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिले, इसके लिए इन स्कूलों के शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी विशेष तरह का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके लिए भी कार्य योजना तैयार करने के निर्देश जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है.

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