गया. नीरा का उत्पादन कीजिए, सरकार प्रत्येक परिवार को एक लाख रुपये तक मदद करेगी. जरूरत पड़ी तो और भी सहायता दी जायेगी. उक्त बातें मुख्यमंत्री ने समाधान यात्रा के क्रम में बोधगया प्रखंड के इलरा गांव में नीरा उत्पादक समूह द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी का निरीक्षण करने के बाद कही. उन्होंने कहा कि बिहार में वर्ष 2019 में नीरा का उत्पादन शुरू कराया गया. इसके बाद कोरोना का संक्रमण शुरू होने के कारण नीरा का उत्पादन प्रभावित हुआ.
सीएम ने कहा पिछले वर्ष जब यात्रा पर थे, सभी लोगों से बातचीत कर कहा कि नीरा का उत्पादन होना चाहिए. अब सभी जगहों पर नीरा उत्पादन का काम हो रहा है. सूर्योदय के पहले ही नीरा को पेड़ से निकालना है. नीरा काफी स्वादिष्ट होता है. नीरा से मिठाई सहित कई तरह की चीजें बनती हैं, यहां पर खजूर के पेड़ से नीरा निकालकर कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाये जा रहे हैं. नीरा के उत्पादन पर शुरू से जोर देते रहे हैं. यहां पर काफी अच्छा काम हो रहा है. इससे लोगों की आमदनी बढ़ रही है.
नीतीश कुमार ने कहा कि लोगों से पहले ही कह दिया गया था कि ताड़ी का काम छोड़कर नीरा का उत्पादन कीजिए. नीरा उत्पादन के लिए लोगों को लगातार प्रेरित किया जा रहा है. लोग काफी प्रेरित हुए हैं, यहां का लगा स्टॉल इसका उदाहरण है. नीरा का उत्पाद देखकर काफी खुशी हुई है. बिहार के कई इलाकों में भी ताड़ व खजूर के काफी पेड़ हैं. इनसे काफी मात्रा में नीरा का उत्पादन हो सकता है. सभी जब नीरा का उत्पादन करने लगेंगे तो उनकी आमदनी बढ़ेगी. परिवार के साथ साथ राज्य का भी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. वहीं, इसके उपयोग से लोगों का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा.
समाधान यात्रा के क्रम में बोधगया प्रखंड के इलरा में नीरा उत्पादक समूह द्वारा लगायी गयी नीरा उत्पादन चक्र की जीवंत प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को नीरा से बने उत्पादों का ठीक ढंग से प्रचार-प्रसार कराने का निर्देश दिया. अधिकारियों से सीएम ने कहा कि कारोबार ठीक होने से इनकी और अधिक आमदनी बढ़ेगी. ताड़ के पेड़ से भी कई तरह की चीजें बन रही हैं उन्होंने कहा कि नीरा उत्पादक बहुत ही बेहतर ढंग से काम कर रहे हैं. इन्हें सरकार की तरफ से हरसंभव मदद उपलब्ध करायी जाये. गरीबी निवारण के लिए सरकार की पहल पर आजीविका संवर्द्धन के तहत लगायी गयी इस प्रदर्शनी में नीरा उत्पादक समूह द्वारा नीरा से पेड़ा, तिलकुट, लाई व बनायी जा रही अन्य मिठाइयों की प्रक्रिया से मुख्यमंत्री अवगत हुए. प्रदर्शनी स्थल पर स्थित नीरा वितरण केंद्र व जीविका दीदियों द्वारा ताड़ के पेड़ से बनी चटाई, मौनी, पंखा व अन्य सामानों के लगे स्टॉल का भी सीएम ने निरीक्षण किया.
निरीक्षण के क्रम में नीरा उत्पादकों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पहले ताड़ के पेड़ से ताड़ी उतारने का काम करते थे. इस काम में प्रतिष्ठा नहीं मिलती थी. इतना सब कुछ सहने के बाद भी विकल्प के अभाव में परिवार के भरण-पोषण के लिए इस काम को करना मजबूरी बनी हुई थी. शराबबंदी के बाद राज्य सरकार के निर्देश पर अब ताड़ी से नीरा बनाने का काम कर रहे हैं. इस काम से मान-सम्मान के साथ आमदनी भी बढ़ी है. मुख्यमंत्री के समक्ष नीरा उत्पाद के काम में लगी जीविका दीदियों ने शराबबंदी व नीरा उत्पादन से जीवन में आये बदलाव से जुड़े गीत की प्रस्तुति भी दी. इस गांव में नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन का समयाभाव के कारण सीएम द्वारा उद्घाटन नहीं किये जाने से स्थानीय कुछ ग्रामीणों द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी.