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रेलवे का सफर अब होगा सुरक्षित, ट्रैक में खराबी आने पर GPS देगा जानकारी, तुरंत पहुंचेगी टीम

रेल लाइनों पर काम करने वाले कर्मचारियों को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) उपकरण उपलब्ध कराया गया है. इस उपकरण में शार्टकट बटन होते हैं. संबंधित बटन दबाते ही रेलवे कंट्रोल, पीडब्लूआइ व वरिष्ठ अधिकारियों को मैसेज मिलता है.

रोहित कुमार सिंह, गया. रेल परिचालन को और सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे ने एक महत्वपूर्ण योजना धरातल पर उतारी है. इसे देखते हुए ट्रैकमैन व पैट्रोलिंगमैन को जीपीएस ट्रैकर से लैस किया जा रहा है. जीपीएस ट्रैकर में एक उच्च तकनीक की डिवाइस लगी है, जो रेलकर्मियों को पैट्रोलिंग के दौरान पटरी में गड़बडी की जानकारी मुहैया करायेगी. ट्रैक में खराबी होने की सूचना पर जीपीएस का बटन दबाते ही अधिकारियों की टीम तुरंत घटनास्थल पर पहुंच जायेगी. यहीं नहीं, ट्रैक पर कहां खराबी आयी है, इसका भी पता आसानी से लग जायेगा. इससे तत्काल खराबी को दुरुस्त कर रेलयात्रा को सुरक्षित बनाया जा सकेगा. पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल के अंतर्गत आनेवाले रेलवे स्टेशनों के ट्रैकमैन को जीपीएस ट्रैकर से लैस किया जा रहा है.

तीन शिफ्टों में अलग-अलग पैट्रोलिंग

गर्मी में आये दिन रेल पटरियों में दरार होने की घटना सबसे ज्यादा होती है. इसे देखते हुए सभी रेल सेक्शनों पर गैंगमैन और ट्रैकमैन को पैट्रोलिंग करने का निर्देश रेल मंडल मुख्यालय ने दिया है. सुबह से दोपहर, दोपहर से रात और रात से सुबह तक तीन शिफ्टों में टीम अलग-अलग पैट्रोलिंग की जा रही है. एक से दूसरे स्टेशनों के बीच दो किमी पर टीम तैनाती की गयी है. किसी भी सेक्शन पर गड़बड़ी मिलने पर सभी संबंधित स्टेशन को सूचना देंगे. सभी को टाॅर्च, लाल व हरी झंडी के साथ अलर्ट किया गया है. एक-दूसरे और स्टेशन के संपर्क में रहने को कहा गया है. इसके लिए पैट्रोलिंगमैन व ट्रैकमैन को पीपीइ किट, सेफ्टी हेलमेट, माइनर लाइट, सेफ्टी शूज, हाइ विजिबिलिटी विंटर जैकेट, ल्यूमिनस वेस्ट, टूल किट बैग (10 फॉग सिगनल, ट्राइ कलर टॉच, दो झंडी लाल व हरी, तीन सेल इलेक्ट्रिक टाॅर्च, नंबर प्लेट, स्पैनर, पेट्रोल चार्ट आदि दिये गये हैं.

क्या कहते हैं सीपीआरओ

इस संबंध हाजीपुर के जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) वीरेंद्र कुमार ने बताया कि रेल लाइनों पर काम करने वाले कर्मचारियों को ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) उपकरण उपलब्ध कराया गया है. इस उपकरण में शार्टकट बटन होते हैं. संबंधित बटन दबाते ही रेलवे कंट्रोल, पीडब्लूआइ व वरिष्ठ अधिकारियों को मैसेज मिलता है. इसके आधार पर संबंधित अधिकारी डिवाइस पर कॉल कर वस्तुस्थिति से अवगत हो सकते हैं. पैट्रोलिंगमैनों की मॉनीटरिंग वेबसाइट के माध्यम से की जाती है. यहीं नहीं, रेल दुर्घटनाओं में भी कमी आयेगी. इसके लिए हर कर्मचारी को एक-एक बिंदु को समझाया गया है, ताकि कोई लापरवाही नहीं हो.

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रेलवे ने उठाये मुख्य कदम

  • पैट्रोलिंग में लापरवाही नहीं हो, इसके लिए दिया गया जीपीएस ट्रैकर.

  • हर डिविजन में दो सिस्टम का एक कंट्रोल रूम बनाया गया.

  • पैट्रोलिंग कर रहे कीमैन व ट्रैकमैन का हर लोकेशन सेव होगा.

  • ट्रैकमैन के गायब होने पर रूट के लिए जारी होगा कॉशन ऑर्डर.

  • एहतियात के साथ ट्रेनों को आगे बढ़ाने का आदेश दिया जायेगा.

  • समय ट्रैकमैन की ड्यूटी का लोकेशन जान सकेंगे.

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