IIT JAM Result 2022: बिहार के नवादा मंडल कारा में बंद एक विचाराधीन कैदी ने कमाल कर दिखाया है. उसने जेल में बंद रहते हुए भी अपना भविष्य तलाश लिया है. नवादा जेल में बंद कैदी सूरज कुमार ने देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक IIT JAM में सफलता पायी है. कैदी सूरज कुमार ने ऑल इंडिया में 54वां रैंक प्राप्त किया है. जानकारी के अनुसार युवक सूरज कुमार करीब 10 महीने से जेल में बंद है. सूरज कुमार ने जेल से ही सेल्फ स्टडी कर IIT क्वालीफाई कर लिया. IIT रुड़की द्वारा जारी रिजल्ट में सूरज कुमार को 54वां रैंक मिला है.
नवादा मंडल कारा में लगभग 10 महीने से सजा काट रहे सूरज कुमार ने जेल में रहते हुए उच्च शिक्षा पाने के सपने को साकार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है. ज्वाइंट एडमिशन टेस्ट फॉर मास्टर्स (जेएएम) की परीक्षा में सूरज कुमार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए मैथमेटिक्स से एमएससी करने के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की के लिए चयन किए गए हैं. अभिभावक अर्जुन यादव की ओर से बताया गया कि सूरज उच्च शिक्षा पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा था.
जेल में रहते हुए सूरज कुमार को ऑल इंडिया 54 रैंक प्राप्त हुआ है, जो पूरे जिला के लिए गौरव की बात है. मंडल कारा में बदले हुए माहौल का असर रहा कि पूर्व जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडे के कार्यकाल के दौरान किए गये तैयारी का असर रहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सफलता मिलने के साथ ही ऑल इंडिया रैंकिंग भी काफी बेहतर प्राप्त हुआ है. वारसलीगंज प्रखंड के रहने वाले पिता अर्जुन यादव के बेटे सूरज कुमार की सफलता पर लोगों ने हर्ष जताया है. पूर्व जेल अधीक्षक के कार्यकाल में ही सूरज कुमार ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की के लिए अपना एंट्रेंस टेस्ट दिया था.
सूरज कुमार करीब 10 महीने से जेल में बंद है. वह जेल में ही पूरी तैयारी कर IIT – JAM का परीक्षा दिया था. जब आईआईटी रुड़की द्वारा रिजल्ट जारी किया गया तो उसमें सूरज कुमार को 54वां रैंक मिला है. बता दें कि IIT के द्वारा हर साल जॉइंट इंडियन टेस्ट फॉर मास्टर ( IIT – JAM) का आयोजन करवाया जाता है. यह एक एंट्रेंस एग्जाम होता है, जिसके माध्यम से दो वर्षीय एमएससी प्रोग्राम कोर्स में दाखिला मिलता है.
बतादें कि सूरज कुमार नवादा जिले के वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के मोसमा गांव का निवासी है. वे 19 अप्रैल को मौसमा गांव में 45 वर्षीय संजय यादव की बुरी तरह पिटाई कर दी गयी थी, जिससे उसकी मौत हो गयी थी. परिजन बताते है कि सूरज का सपना वैज्ञानिक बनने का है. इस सफलता का श्रेय जेल अधीक्षक अभिषेक कुमार पांडे और अपने भाई वीरेंद्र कुमार को दिया है.