गया मगध मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थित नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर में एक बार फिर गंभीर मामला उजागर हुआ है. एक व्यक्ति की शिकायत पर मगध मेडिकल विश्वविद्यालय के अधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल ने एनटीएस के प्रभारी प्राचार्य को एक लड़की के पुलिस में होने के बाद भी यहां ट्रेनिंग करने के मामले में रिपोर्ट मांगी है. प्रभारी प्राचार्य नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में दो लड़कियों के बारे में जानकारी दी है. कोमल कुमारी ने आठ जनवरी व रश्मि शारदा सिन्हा ने 30 जनवरी 2021 को मूल प्रमाणपत्र बिहार पुलिस सेवा में जामा करने के लिए ले लिया है.
तीन दिन पहले प्रभारी प्राचार्या की जिम्मेदारी संभालने वाली कुमारी शोभा कुमारी ने अपने पत्र में कहा है कि उपस्थिति पंजी की जांच में सामने आया है कि कुछ में मूल प्रमाणपत्र ले चुकी छात्रा की हाजिरी बनी हुई है. अधीक्षक ने बताया कि एक व्यक्ति ने आवेदन देकर शिकायत की थी कि पुलिस में बहाल रहने के बाद भी यहां जीएनएम के द्वितीय वर्ष में ट्रेनिंग ले रही है. इसके साथ ही स्टाइपन का भुगतान भी किया जा रहा है. सोमवार को प्रभारी प्राचार्य ने इस संबंध में प्रतिविदेन दिया है. मगध मेडिकल यूनिवर्सिटी के अधीक्षक के जांच करने पर गड़बड़ी सामने आयी है.
इससे यह साफ हो जाता है कि मूल प्रमाणपत्र बिहार पुलिस सेवा में जाम करने के लिए सेंटर से लेने के बाद भी यहां हाजिरी बनायी गयी है. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है. इस मामले की जांच करने के लिए कमेटी का गठन किया जायेगा. फिलहाल अस्पताल से मिलाया जा रहा है कि पुलिस सेवा में बहाल होने के बाद स्टाइपन का भुगतान हुआ है या नहीं. स्टाइपन भुगतान की जांच मंगलवार तक पूरी कर ली जायेगी. जांच के दौरान जिनकी भी संलिप्तता सामने आयेगी, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी.
News Posted by: Radheshyam Kushwaha