मगध विश्वविद्यालय के कॉलेजों में स्नातक व स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का भविष्य अंधकार में जाता दिख रहा है. यहां तीन साल के कोर्स में पांच साल लग जा रहे हैं, तब भी कोर्स पूरा नहीं हो रहा है. वहीं, दो साल का कोर्स तीन से चार साल में कंप्लीट हो रहा है. स्नातक के छात्रों की न तो समय से परीक्षा ली रही है और न ही उनके परिणाम समय से घोषित किये जा रहे हैं.
स्थिति यह है कि 2018 में पार्ट वन में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों का अब तक कोर्स पूरा नहीं हो सका है, जबकि स्नातक का कोर्स मात्र तीन साल का ही होता है. इसी तरह 2019 और 2020 में भी पार्ट वन में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स की परीक्षा नहीं ली गयी है, जिसके कारण वे अगली कक्षा में नामांकन नहीं करा पाये हैं.
इंटरमीडिएट पास करने के बाद छात्रों का लक्ष्य था कि तीन साल का कोर्स करने के बाद पीजी में या फिर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ कर नौकरी की तलाश करेंगे. लेकिन, विवि की व्यवस्था से छात्रों का भविष्य अंधकारमय दिख रहा है. अभिभावक चिंतित हैं, बच्चों का कोर्स पूरा नहीं हो पा रहा है और इस कारण वे किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठ नहीं पा रहे हैं.
मगध विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर ब्रजेश राय का कहना है कि दो सत्रों के यानी पार्ट वन और पार्ट टू के परीक्षा परिणाम लंबित रहने के कारण स्थिति गड़बड़ा गयी है. परीक्षा परिणाम प्रकाशित होने के बाद नामांकन और परीक्षा का आयोजन किया जायेगा और सत्र विलंब की दिक्कतें भी दूर हो जायेंगी.
कोर्स पूरा नहीं, प्रतियोगी परीक्षा में भी नहीं दे सकते
गया कॉलेज की छात्रा काजल सिंह ने बताया कि 2019 में उसने पार्ट वन में नामांकन कराया था, अब 2022 खत्म होने वाला है, लेकिन अब तक पार्ट वन की परीक्षा नहीं ली गयी है. इस कारण उसका न तो स्नातक का कोर्स पूरा हो सका है और न वह किसी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल हो सकती है. ऐसे में असंतोष भी बढ़ता जा रहा है.
प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होना बना सपना
एएम कॉलेज का छात्र अंकित कुमार ने बताया कि 2020 – 23 सत्र में उसने नामांकन कराया था. अब तक परीक्षा नहीं ली गयी है, जिसके कारण उसकी आगे की पढ़ाई में ब्रेक लग गया है. अब उसे समझ में नहीं आ रहा है कि स्नातक का कोर्स कब पूरा होगा और वह विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में कैसे शामिल हो पायेगा. उसका लक्ष्य सिविल सर्विसेज में जाने का है, लेकिन लचर व्यवस्था के कारण सब चौपट होता दिख रहा है.
Also Read: बिहार के विश्वविद्यालयों में सत्र लेट, भंवर में लाखों छात्रों का भविष्य, नौकरी के लिए पार कर रही उम्र
-
स्नातक पार्ट वन व पार्ट थर्ड सत्र 2018-21
-
स्नातक पार्ट वन सत्र 2019-22
-
स्नातक पार्ट वन सत्र 2020-23
-
स्नातक पार्ट वन 2021-24
-
स्नातकोत्तर थर्ड सेमेस्टर सत्र 2018-20
-
स्नातकोत्तर फर्स्ट सेमेस्टर सत्र 2020-22
-
बीएड फर्स्ट सेमेस्टर सत्र 2020-22
-
विभिन्न वोकेशनल कोर्सों के सत्र भी विलंब हैं