18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आग से बचाव के दीर्घकालिक उपाय ढूंढ़ रहा है मगध मेडिकल प्रशासन, पहले से हर जगह लगाये गये हैं अग्निशमन यंत्र

Bihar News अधीक्षक ने कहा कि सभी हालत को जल्द ठीक करने के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं. कोशिश है कि बहुत जल्द सारे इंतजाम कर लिये जाये. गौरतलब है कि अस्पताल में अधीक्षक कार्यालय के हॉल में ही बिजली का पैनल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. इसके कारण कई बार आग की घटना भी हो चुकी है.

Bihar News: गया में पिछले दिनों महाराष्ट्र के एक अस्पताल में हुए अग्निकांड के बाद यहां मगध मेडिकल अस्पताल प्रशासन भी व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुट गया है. गुरुवार को अस्पताल अधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल व जिला अग्निशमन अधिकारी अरविंद कुमार ने अस्पताल का निरीक्षण किया. फायर अधिकारी ने साफ तौर पर कहा कि अस्पताल में सबसे जरूरी है कि यहां के बिजली वायरिंग को सही कराया जाये. इसके साथ ही, नियम के अनुसार 200 से अधिक बेड वाले अस्पताल में अग्निकांड की घटना नहीं हो, इसके लिए फायर अधिकारी व दो ट्रेंड सहयोगी रखना जरूरी है. वहीं, अस्पताल के बाहरी हिस्से में पानी का इंतजाम करना होगा.

पानी का प्वाइंट हर 30 मीटर पर देना होगा, ताकि किसी भी विषम परिस्थिति में पानी को उपयोग में लाकर कंट्रोल किया जा सके. उन्होंने बताया कि अग्निशमन यंत्र महज तात्कालिक राहत के लिए लगाया जाता है. इसके साथ ही स्थायी इंतजाम भी करना जरूरी होता है. अधीक्षक ने कहा कि सभी हालत को जल्द ठीक करने के लिए प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं. कोशिश है कि बहुत जल्द सारे इंतजाम कर लिये जाये. गौरतलब है कि अस्पताल में अधीक्षक कार्यालय के हॉल में ही बिजली का पैनल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है. इसके कारण कई बार आग की घटना भी हो चुकी है.

तैनात होंगे फायर अधिकारी व दो सहयोगी

सरकार के नियम के अनुसार, 200 से अधिक की संख्या वाले बेडों के अस्पताल में फायर पर कंट्रोल के लिए फायर अधिकारी व दो ट्रेंड सहयोगी रखना अनिवार्य होता है. शुरू से ही मगध मेडिकल में निर्धारित संख्या से अधिक अस्पताल में बेड है. इसके बाद भी यहां किसी तरह के फायर अधिकारी या ट्रेंड सहयोगी की तैनाती नहीं की गयी है. अधीक्षक ने बताया कि सरकार के निर्देश के अनुसार यहां तैनाती की जायेगी. इसकी लिए विभाग से पत्राचार कर प्रक्रिया को पूरी की जा रही है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में अग्निशमन को दुरुस्त करना बहुत जरूरी है. किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए ज्यादा आवश्यक है.

Also Read: Bihar News: सहरसा दंड प्रणाम कर छठ घाट जाने के दौरान युवक की गयी जान, हरनाताड़ में व्रती महिला ने तोड़ा दम

नयी बिल्डिंग में करनी होगी व्यवस्था दुरुस्त

अस्पताल परिसर में कई नयी बिल्डिंग हाल के दिनों बनायी गयी है. यहां पर भी अग्निशमन यंत्र से ही तात्कालिक व्यवस्था आग से बचाव की हुई हैं, लेकिन अग्निशमन यंत्र से किसी बड़े हादसे को रोका नहीं जा सकता है. बिल्डिंगों के पास बड़े हादसे को रोकने के लिए पानी की व्यवस्था करनी सबसे जरूरी है. यहां पर अस्पताल प्रशासन की ओर नयी बोरिंग कर वाटर सप्लाइ का कई प्वाइंट बनाने की योजना बन रही है. फायर अधिकारी ने कहा कि पानी के इंतजाम के बिना किसी बड़े हादसे को रोकना या कंट्रोल करना संभव नहीं है.

Posted by: Radheshyam Kushwaha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें