बिहार के गया में 29 सितंबर से शुरू हो रहे पितृपक्ष महासंगम की सभी जानकारी अब आपको घर बैठे-बैठे मिल जाएगी. आपकी सभी समस्याओं का समाधान बस एक क्लिक में हो जाएगा. पिंडदानियों हर तरह की जरूरी सुविधा मिले इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है. गया के डीएम डॉ त्यागराजन खुद सभी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसी क्रम में डीएम डॉ त्यागराजन व प्रभारी एसएसपी हिमांशु ने आइवीआरएस नंबर 9266628168, मोबाइल ऐप PINDDDAAN GAYA तथा वेबसाइट www.pinddaangaya.bihar.gov.in को लॉन्च किया. इस दौरान डीएम ने कहा कि पहले की तुलना में वर्तमान वर्षों में तीर्थ यात्रियों की सुविधा को सरल बनाने के लिए राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन हमेशा तत्पर है. विभिन्न जानकारियां व शिकायतों अथवा यात्रियों की मदद के लिए जिला प्रशासन द्वारा काम किये जा रहे हैं.
वेबसाइट और एप पर उपलब्ध होगी सभी जानकारी
डीएम ने कहा कि पिंडदान एप व वेबसाइट का लोकार्पण किया गया. इसके अलावा IVRS का लोकार्पण भी किया गया है. इसमें घर बैठे-बैठे देश-विदेश के कोने-कोने के तीर्थयात्री अपनी जरूरत के अनुसार पूरी जानकारी ले सकेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि तीर्थयात्रियों को कम से कम समस्याएं अथवा परेशानी हो इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा लगातार काम किया जा रहा है. यात्रियों की सुविधा के लिए होटल, वाहनों की व्यवस्था, पंडाजी की सूची, परिवहन व्यवस्था पर्यटक स्थलों की सूची इत्यादि की पूरी जानकारी वेबसाइट, एप तथा आइवीआरएस पर उपलब्ध है. आइवीआरएस के तहत सीधे तौर पर कॉल फ्लो स्थापित कराने की व्यवस्था रखी गयी है, जिसके माध्यम से एक के बाद एक नंबर डाइवर्ट होते रहेगा और सीधे-सीधे संबंधित पदाधिकारियों से सीधा संवाद करते हुए अपनी शिकायतों का समाधान करवा सकते हैं. इसके अलावा कंट्रोल रूम में हंटिंग लाइन की भी व्यवस्था रखी गयी है, इसमें लोग अपने कॉल करके अपनी समस्या तथा जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं. कंट्रोल रूम का नंबर 0631- 2222500/ 501/502/503/ 505 है.
नौ अलग-अलग भाषाओं में बनाया गया है रेडिया जिंगल
डीएम ने बताया कि मे आइ हेल्प यू डेस्क भी पितृपक्ष मेला क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर स्थापित कराया जा रहा है. मे आइ हेल्प यू जैकेट पहनकर वालंटियर भी मेला क्षेत्र में क्रियाशील रहेंगे, जो विभिन्न तीर्थ यात्रियों को मदद करेंगे. इस वर्ष नौ अलग अलग भाषाओं में रेडियो जिंगल भी बनाया गया है, जहां यात्री अपनी भाषा में जानकारियां ले सकेंगे.
विश्व में पितृपक्ष मेला भी एक अलग छवि हासिल कर सकें, ऐसा हो प्रयास : डीएम
डीएम डॉ त्यागराजन ने अधिकारियों व विष्णुपद इलाके के पुरोहितों से कहा कि विश्व में पितृपक्ष मेला भी एक अलग छवि हासिल कर सके, इसके प्रति दृढ़संकल्पित हो. पूरे समर्पण भाव से अपने-अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. मेला क्षेत्र के वार्ड पार्षदों के साथ-साथ तमाम स्टेकहोल्डर स्वयंसेवी संस्था से अपेक्षा है कि काफी बढ़-चढ़ कर सहयोग करें, इससे इस पितृपक्ष मेला का नाम राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन होगा. पंडा समाज के पुरोहित में कहा कि पिछले कई दशकों से पितृपक्ष मेला देखते आ रहे हैं. परंतु इस वर्ष जिला पदाधिकारी के नेतृत्व में सभी व्यवस्थाओं को एक अलग रूप देने का कार्य किया गया है.
आवासन व्यवस्था उपलब्ध कराने को डीएम ने दिए निर्देश
डीएम ने कहा कि आवास समिति की पूर्ण जिम्मेदारी है कि यात्रियों को इस वर्ष और अच्छा आवासन व्यवस्था उपलब्ध करवाया जा रहा है. सभी आवासन स्थल एवं पुलिस स्थल पर पर्याप्त संख्या में टॉयलेट एवं पेयजल की व्यवस्था भी रखी जा रही है. इस वर्ष तीर्थ यात्रियों की और बेहतर सुविधा को देखते हुए गांधी मैदान में बनने वाले टेंट सिटी में आवासन क्षमता को बढ़ाकर 2500 कर दिया गया है. डीएम ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि पितृपक्ष मेला में प्रयोग में आने वाले उपकरण, दवा की उपलब्धता, चिकित्सकों की उपस्थिति इत्यादि की नियमित जांच करें. मेला अवधि में ड्रग इंस्पेक्टर लगातार दवाओं की जांच करेंगे.
इ-पिंडदान की भी सुविधा
व्यस्त रहने व आने में असमर्थ तीर्थयात्रियों के लिए बिहार टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा वर्ष 2018 में इ-पिंडदान पैकेज लॉन्च किया गया. तब से लेकर वर्ष 2022 तक इसके माध्यम से सात तीर्थयात्रियों ने पिंडदान किया है. इस पैकेज के अधिकृत पंडा सुनील कुमार भैया ने बताया कि पहले वर्ष में केवल एक तीर्थयात्री ने ही इस पद्धति के माध्यम से पिंडदान करवाया था. वर्ष 2019 में इसकी संख्या बढ़कर छह हो गयी थी. वर्ष 2020, 2021 2022 में एक भी तीर्थयात्री द्वारा पैकेज नहीं लिया गया था. वर्ष 2023 में 20 सितंबर तक नीदरलैंड के केवल एक यात्री द्वारा सुविधा ली गयी है. सुनील कुमार ने बताया कि इ-पिंडदान स्थानीय स्तर पर एक प्रतिनिधि रखकर कराया जाता है. उन्होंने बताया कि पिंडदान से जुड़े सामान की खरीदारी, पिंडदान का कर्मकांड सहित अन्य सभी काम की वीडियोग्राफी करवा कर कॉरपोरेशन के माध्यम से तीर्थयात्रियों के पास भेज दी जाती है. इस कर्मकांड के लिए किसी को भी प्रतिनिधि बनाया जा सकता है.
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