गया. आने वाले समय में अगर आपने डस्टबीन के बाहर कचरा फेंका, तो डस्टबीन आपको अल्टीमेटम देगा. बावजूद इसके अगर आप नहीं माने, तो वही डस्टबीन आपका फोटो खींच कर स्थानीय नगर निकाय के अधिकारी के पास भेज देगा. इसके बाद आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. प्लस- टू जिला स्कूल स्थित अटल टिकरिंग लैब (एटीएल) में बच्चे कुछ ऐसी ही मशीन तैयार कर रहे है. नीति आयोग की ओर से संचालित इस लैब के इंचार्ज डॉ देवेंद्र सिंह की देखरेख में स्कूल की कक्षा नौ के तीन बच्चे आदित्य कुमार, अनुराग कुमार व सन्नी कुमार इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है.
स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित इस प्रोजेक्ट पर अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कंपनी एडोबी सहयोग कर रही है. कंपनी के विशेषज्ञ हर रोज ऑनलाइन बच्चों को प्रोजेक्ट के लिए गाइड कर रहे है. इस प्रोजेक्ट का नाम मैन लर्निग मशीन रखा गया है. 21 दिसंबर को प्रोजेक्ट का ऑनालाइन प्रेजेटेशन दिया जायेगा. लैब के इंचार्ज ने बताया कि प्रेजेटेशन में मौजूद विशेषज्ञों द्वारा एप्रूव्ड किये जाने के बाद यह प्रोजेक्ट पेटेंट के लिए भेज दिया जायेगा.
सभी पक्रिया समय के अनुसार होती रही, तो 2022-23 तक यह मशीन बाजार में उपलब्ध होगी. इससे पहले जिला स्कूल एटीएल में ही डॉ देवेद सिंह के निर्देशन में तीन बच्चों ने ड्यू एयर वाटर जेनेरेटर प्रोजेक्ट तैयार किया था.
ऐसे काम करेगी मशीन
मैन लर्निग मशीन का डिजाइन एक जेसीबी की तरह है. यह डस्टबीन के साथ अटैच होगी. कोई भी व्यक्त अगर कचरा डस्टबीन में न डाल कर उसके बाहर ही फेंकेगा, तो इस मशीन में लगा सेसर उसे रीड कर लेगा और उक्त व्यक्ति को सायरन बजा कर अल्टीमेटम देगा. बावजूद इसके अगर व्यक्ति ने कचरे को उठा कर डस्टबीन में नहीं डाला, तो मशीन में लगा लोडर कचरे को उठा कर डस्टबीन में डाल देगा.
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मशीन मे एक कैमरा भी लगा होगा, जो उसी वक्त उस व्यक्ति का फोटो स्कैन कर लेगा. कचरे को बाहर फेकने वाला व्यक्ति अगर दोबारा पहुंचा और फिर से उसने कचरा बाहर ही फेंक दिया, तो इस बार मशीन उक्त व्यक्त का फोटो खीच लेगी और लोकेशन स्थानीय नगर निकाय के अधिकारी के पास भेज दी जायेगी.
Posted by: Radheshyam Kushwaha