बिहार शिक्षा विभाग में फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षकों की बहाली का मामला नया नहीं है. गया जिले में ऐसे कई मामलों में कार्रवाई भी हुई है. अब ऐसा ही एक और मामला सामने आया है. इसमें एक ही शैक्षणिक प्रमाणपत्र के आधार पर गया व नवादा के स्कूलों में दो लोग शिक्षक बन कर अपनी डयूटी कर रहे हैं और आठ साल से वेतन भी उठा रहे. यह विभागीय जांच का विषय है कि दोनों शिक्षकों में किसने फर्जी कागजात के आधार पर नौकरी हासिल की है.
हालांकि, मोहड़ा प्रखंड में तैनात शिक्षक अनिरुद्ध प्रसाद ने संपर्क करने पर बताया कि वे स्थानीय प्रखंड के अभयपुर गांव के निवासी हैं. 2014 में बहाली हुई थी. उस समय कई नियोजन इकाइयों में आवेदन किया था, जिसमें नवादा जिले की कई पंचायत नियोजन इकाइयां भी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के साथ विभाग की सूचना पर सत्यापित करने के लिए तैयार हैं.
वहीं नवादा के शिक्षक अनिरुद्ध प्रसाद ने फोन पर बताया कि वे भी गया के रहने वाले हैं. मूल निवासी नवादा के केंदुआ के देदौर गांव के हैं. उन्होंने पिता, जन्मतिथि व पासिंग स्कूल एक समान बताया. इधर इस मामले में गया के डीपीओ (स्थापना) दुर्गा यादव ने बताया कि ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है, हालांकि इस तरह का मामला संज्ञान में आया है, तो जांच का विषय है. जांच के बाद कार्रवाई होगी.
गया के मोहड़ा मध्य विद्यालय जगतपुर में शिक्षक अनिरुद्ध प्रसाद की बहाली है, जो 2014 से शिक्षक के रूप में कार्यरत हैं. शैक्षणिक प्रमाण पत्र का फोल्डर नियोजन इकाई को उपलब्ध कराया गया है. मैट्रिक के अंकपत्र में पिता-सीताराम प्रसाद, जन्म तिथि-14/11/1987 व रजिस्ट्रेशन नंबर 0822/015/17607/07 दर्ज है. शिक्षक उत्क्रमित मध्य विद्यालय बैकुंठपुर से ट्रांसफर होकर मध्य विद्यालय मोहड़ा में कार्यरत हैं.
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नवादा के रजौली प्रखंड की पंचायत मुरैना के प्राथमिक विद्यालय कसियाडीह में भी एक शिक्षक अनिरुद्ध प्रसाद कार्यरत हैं. शिक्षक की 2014 में बहाली हुई है. जिनके मैट्रिक के अंक पत्र में पिता-सीताराम प्रसाद, जन्म तिथि 14/11/1987 व रजिस्ट्रेशन नम्बर 0822/015/17607/07 दर्ज है. उपरोक्त दोनों शिक्षकाें का प्रमाणपत्र एक ही है.