Delhi Meerut Rapid Rail RapidX : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को भारत के पहले क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) का उद्घाटन करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. वह गाजियाबाद में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता खंड का उद्घाटन करेंगे. गाजियाबाद के वसुंधरा रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रैपिड रेल का पहला टिकट खरीदकर इसके पहले यात्री भी बनेंगे.गाजियाबाद प्रशासन और एनसीआरटीसी तैयारियों में जुटा हुआ है. पहले चरण में साहिबाबाद से दुहाई तक रैपिड रेल सेवा शुरू होने जा रही है, जो करीब 17 किलोमीटर लंबी है. इस दौरान यह ट्रेन 5 स्टेशनों पर रुकेगी, जो साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई टर्मिनल हैं. दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस 2025 में पूरा होने पर केवल एक घंटे के समय में 82 किलोमीटर की दूरी तय करेगा. आरआरटीएस को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा विकसित किया जा रहा है. यह भारत सरकार और दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की राज्य सरकारों का एक संयुक्त उद्यम है. सूत्रों के अनुसार रैपिड रेल (रैपिडएक्स ) का किराया काफी मंथन के बाद आदमी की पहुंच का है. किराया सार्वजनिक कभी भी कर दिया जाएगा. यह दो से ढाई रुपये प्रति किलोमीटर हो सकता हैं. साहिबाबाद से दुहाई के बीच शुरू में 15 मिनट के अंतराल में रैपिडएक्स चलेगी.
यात्रियों की संख्या जैसे जैसे बढ़ेगी इसके फेरों का अंतराल कम किया जाएगा. बुधवार को जो ट्रायल भी 15 मिनट के अंतराल से हुआ. बताया जा रहा है कि दिल्ली से मेरठ तक 82 किमी. तक रैपिडएक्स शुरू होने के 5 से 10 मिनट के अंतराल में ट्रेनों का संचालन किया जाएगा. प्राथमिक खंड साहिबाबाद से दुहाई की दूरी तय करने में इस ट्रेन को 12 मिनट का समय लगेगा. प्रत्येक स्टेशन पर यह ट्रेन 30 सेकेंड के लिए रुकेगी. यात्री स्टेशन परिसर में प्रवेश कर टिकट लेने और जांच कराने के बाद दो मिनट में प्लेटफॉर्म पर पहुंच सकेंगे.
Also Read: हेलीकॉप्टर से देख सकेंगे दुधवा नेशनल पार्क, चूका टाइगर रिजर्व और कतर्नियाघाट , ईको टूरिज्म को लेकर बना प्लान– दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर का निर्माण 2019 में शुरू किया गया था. आरआरटीएस ट्रेन का पहला लुक एक साल बाद सामने आया था.
– ट्रेनों का लुक मेट्रो ट्रेनों जैसा ही है, लेकिन उनके कोच सामान वाहक और मिनी-स्क्रीन जैसी सुविधाओं से लैस हैं
– दिल्ली से मेरठ तक की 82 किमी की दूरी हाईस्पीड, हाई-फ़्रीक्वेंसी, सुरक्षित, विश्वसनीय, आरामदायक और हरित सार्वजनिक परिवहन द्वारा 60 मिनट से भी कम समय में तय की जाएगी.
– जहां तक टिकट की कीमत की बात है तो रैपिड रेल का न्यूनतम किराया 15 से 20 रुपये और अधिकतम किराया 160 रुपये तक रखा जा सकता है.
इस रैपिड रेल कॉरिडोर का सबसे छोटा मार्ग 2 से 5 किमी का है, और अधिकतम मार्ग 60 किमी अधिक तक फैला है. पीएम मोदी रैपिड रेल का पहला टिकट खरीदेंगे.
सभी स्टेशनों और ट्रेनों में विशेष रूप से विकलांग लोगों के लिए सार्वभौमिक पहुंच होगी। प्रत्येक ट्रेन में व्यापक सीटों, अधिक पैर रखने की जगह, कोट हैंगर और एक महिला कोच के साथ एक बिजनेस क्लास होगी. ट्रेनें वेंडिंग मशीन की सुविधा से भी सुसज्जित होंगी.
आरआरटीएस स्टेशनों को हवाई अड्डे, रेलवे, मेट्रो, आईएसबीटी आदि जैसे अन्य परिवहन साधनों के साथ निर्बाध रूप से एकीकृत किया जाएगा और यह सुनिश्चित करते हुए अंतर-परिचालन किया जाएगा कि एक आरआरटीएस कॉरिडोर से दूसरे तक जाने के लिए ट्रेन बदलने की आवश्यकता नहीं होगी.
आरआरटीएस योजना का मुख्य उद्देश्य यात्रियों के लिए आरआरटीएस प्रणाली को आसान और सुविधाजनक बनाना है, साथ ही लोगों को यथासंभव सार्वजनिक साधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना है.
रैपिड रेल देश की पहली रेलवे प्रणाली होने जा रही है, जो एक हाई-स्पीड रेल नेटवर्क है जिसकी गति 160 किमी से 180 किमी तक हो सकती है.
इस मॉडल को रैपिड रेल में उपयोग के लिए मल्टी-मॉडल इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम के तहत विकसित किया गया है. यह प्रयास पूरी तरह से भारत के गुजरात में बनाया गया है. इस रैपिड रेल में कुल छह कोच होंगे, जिनमें से एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है.