Ghaziabad: भारतीय किसान यूनियन (BKU) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने दिल्ली में पहलवानों के समर्थन में उन्हें दिल्ली जाने से रोकने पर सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने यूपी गेट पर शुरू हुई किसानों की पंचायत में केंद्र सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि देश में तानाशाही चल रही है और भारत के लिए जीतने वाले पहलवानों के मेडल की कीमत लगाई जा रही है. किसान सरकार की इस तानाशाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहाकि 2024 से पहले नए आंदोलन की शुरुआत होगी.
पंचायत में मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, मुरादाबाद अमरोहा सहित उत्तराखंड और अन्य जगहों के किसान यूपी गेट पर पहुंचे. किसानों को दिल्ली की ओर न जाने देने को लेकर बैरिकेडिंग लगाई गई है और पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है.
इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि यह पहलवान और किसानों का भारी अपमान है. सरकार की इस तानाशाही के खिलाफ 2024 से पहले नए आंदोलन की शुरुआत होगी. भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि पंचायत से पहले किसानों को सरकार पुलिस फोर्स लगाकर जगह-जगह रोक रही है. इसके साथ ही कई किसानों को घरों में भी नजरबंद किया गया है.
Also Read: राकेश टिकैत दिल्ली जाने पर अड़े, बॉर्डर सील किए जाने के बीच फोर्स हटाने की दी धमकी, UP पुलिस के लिए कही ये बातउन्होंने कहा कि किसानों को थाने में खड़े होकर फोटो खिंचवाने से ज्यादा आंदोलन में शामिल होना चाहिए. इसके साथ ही पंचायती स्थल पर किसानों को अपने मुद्दों पर अड़े रहने की भी अपील की. राकेश टिकैत ने एक बार फिर जंतर मंतर पर चल रहे पहलवानों के धरने को समर्थन का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि पहलवानों की जब तक मांगे पूरी नहीं होंगी किसानों का समर्थन उन्हें मिलता रहेगा.
इससे पहले राकेश टिकैत का काफिला एनएच-9 से होते हुए दिल्ली गाजीपुर सीमा पर पहुंचा तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें आगे जाने की इजाजत नहीं दी. इस पर राकेश टिकैत ने अफसरों से इसकी वजह पूछी. उन्होंने पुलिस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं देने का आरोप लगाया. इसके बाद टिकैत ने यूपी गेट फ्लाईओवर के नीचे ही किसानों से पंचायत के लिए बैठने को कहा.
वहीं राकेश टिकैत के दिल्ली जाकर पहलवानों के कार्यक्रम में शामिल होने की घोषणा के बाद से ही यूपी पुलिस अलर्ट दिखी. पश्चिमी यूपी में कई जगह भाकिूय से जुड़े पदाधिकारियों और अन्य नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. कई को नजरबंद किया गया. वहीं दिल्ली जाने को लेकर सिंघू और टिकरी बॉर्डर को बड़े पत्थरों के साथ सील कर दिया गया. इस वजह से लोगों का काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा.