Jharkhand News: सीएम हेमंत सोरेन की पहल पर कतर की राजधानी दोहा से गोविंद महतो (50 वर्ष) का पार्थिव शरीर गिरिडीह जिला अंतर्गत बगोदर थाना क्षेत्र के घाघरा गांव पहुंचा. गांव में शव पहुचते ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया. मृतक गोविंद महतो की मौत गत 24 मार्च को दोहा में ट्रांसमिशन लाइन में काम करने के दौरान हो गयी थी.
सीएम हेमंत सोरेन ने लिया संज्ञान
दोहा में गोविंद महतो की मौत की जानकारी सीएम श्री सोरेन को दी गयी. सीएम ने इस मामले में संज्ञान लिया. इस दौरान बताा गया कि जिस कंपनी में गोविंद काम कर रहा था, उसके प्रबंधक बचे राशि देने में आनाकानी कर रहा था. लेकिन, सीएम के संज्ञान के बाद उक्त कंपनी ने बीमा, सैलेरी, मुआवजा आदि की राशि के करीब 13 लाख रुपये देने पर अपनी सहमति जतायी.
मृतक के गांव पहुंचे पूर्व विधायक नागेंद्र महतो
इधर, शव के पहुंचते ही पूर्व विधायक नागेंद्र महतो घाघरा गांव पहुंचकर परिजनों को हिम्मत देने का काम किया. इस बाबत उन्होंने घटना दुखद बताया और सरकार से झारखंड में रोजगार और प्रवासी मजदूरों के लिए एक नीति बनाने की मांग की. इधर, सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने कहा कि झारखंड के गिरीडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के अधिकतर मजदूर पलायन कर चुके हैं और अधिकतर मजदूर विदेशों में काम करते हैं, जहां प्रवासी मजदूरों की मौत लगातार हो रही है, जो एक चिंता का विषय है.
मृतक अपने पीछे पत्नी सहित चार बच्चों को छोड़ गया
मृतक गोविंद महतो अपने पीछे पत्नी बसंती देवो, पुत्री देवंती कुमारी (21 वर्ष), पुत्री उमा कुमारी (18 वर्ष) , सूरज कुमार (15 वर्ष) और पुत्र नवनित कुमार (12 वर्ष) को छोड़ गया. मौके पर सांसद प्रतिनिधि छोटेलाल यादव, संदीप जयसवाल, बीरू सिंह, शंकर पटेल, सन्नी कुमार, चेतलाल महतो, राजेन्द्र महतो मौजूद थे.
रिपोर्ट : कुमार गौरव, बगोदर, गिरिडीह.