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CM हेमंत सोरेन की पहल पर माली में फंसे झारखंड के 33 श्रमिकों तक पहुंची मदद, खाने-पीने की समस्या हुई दूर

jharkhand news: सीएम हेमंत सोरेन की पहल पर माली में फंसे 33 श्रमिकों की जल्द वतन वापसी होगी. इन श्रमिकों ने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगायी थी. इस मामले को लेकर श्रम आयुक्त ने माली स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखा था. जिसपर दूतावास ने कार्रवाई की.

Jharkhand news: गिरिडीह और हजारीबाग जिले के 33 मजदूरों के अफ्रीकी देश माली में फंसे होने की सूचना पर भारतीय दूतावास द्वारा की गई पहल अब रंग लाने लगी है. वहां पर फंसे मजदूरों में बगोदर के तिरला निवासी दिलीप महतो ने बताया कि भारतीय दूतावास से संपर्क किये जाने के बाद हमलोगों को राहत मिल पाया है. साथ ही एक पखवारे के भीतर सभी प्रवासी मजदूरों की लौटने के आसार बढ़ गये हैं. वहीं, झारखंड सरकार की पहल पर भारतीय दूतावास ने खाने-पीने की व्यवस्था कंपनी के स्थानीय ठेकेदार के माध्यम से कराये जाने की बात भी कही.

प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए इस योजना की शुरुआत

पिछले दिनों SRMI(Safe Responsible Migration Initiative) योजना के लॉन्च करने के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यभर से दूसरे राज्यों एवं विदेशों तक काम की तलाश में जाने वाले श्रमिकों के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि कोरोना काल के दौरान प्रवासी श्रमिकों के साथ देशभर में हुई त्रासदी को देखते हुए राज्य सरकार इस समस्या के समाधान के लिए लगातार प्रयासरत है. साथ ही, प्रवासी श्रमिकों की समस्याओं के स्थायी समाधान के लिए इस योजना की शुरुआत की जा रही है.

सीएम श्री सोरेन ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि अगर हमारे राज्य का श्रमिक या कोई भी कामगार कमाने के लिए राज्य से बाहर किसी भी स्थान पर जाते हैं, तो वह निर्भीक एवं सुरक्षित महसूस करे कि उनके राज्य की सरकार किसी भी प्रकार की समस्या की स्थिति में उनके साथ है. साथ ही इस योजना की शुरुआत से पहले एवं योजना की शुरुआत के बाद भी ऐसे कई मौके आये जब राज्य के बाहर किसी विपरीत परिस्थिति में फंसे श्रमिकों ने राज्य सरकार से मदद की गुहार लगाई एवं मुख्यमंत्री ने उन मामलों में पूरी संवेदनशीलता दिखाते हुए श्रमिकों की सकुशल घर वापसी की व्यवस्था सुनिश्चित की.

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माली में फंसे 33 मजदूरों ने लगाई थी देश वापसी की गुहार

गिरिडीह और हजारीबाग के 33 प्रवासी मजदूरों के माली में फंसे होने की जानकारी मिलते ही सीएम हेमंत सोरेन तत्काल इसे संज्ञान में लिया. श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विभाग मंत्री सत्यानंद भोक्ता को मामले में त्वरित कार्रवाई कर श्रमिकों तक हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया. जिसपर त्वरित कार्रवाई करते हुए मंत्री श्री भोक्ता ने ट्विटर के जरिये ही मजदूरों का संपर्क सूत्र पता कर झारखंड के श्रम आयुक्त ए मुथूकुमार को माली स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करने का निर्देश दिया.

श्रम आयुक्त ने माली स्थित भारतीय दूतावास में राजनयिक को लिखा पत्र

मजदूरों से तत्काल संपर्क स्थापित कर एवं उनसे उनकी समस्या की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के बाद लेबर कमिश्नर, ने माली स्थित भारतीय दूतावास के राजनयिक अंजनी कुमार से संपर्क कर मजदूरों की समस्या के समाधान का आग्रह किया था.

दूतावास के जरिये मजदूरों तक पहुंची मदद

अफ्रीकी देश माली के बमाको स्थित भारतीय दूतावास ने राज्य सरकार द्वारा दी गई जानकारी पर संज्ञान लिया. भारतीय दूतावास ने मजदूरों एवं कंपनी से संपर्क स्थापित किया. दोनों ही पक्षों को मामले के समाधान के लिए 18 जनवरी को बैठक के लिए आमंत्रित किया गया. भारतीय दूतावास की मध्यस्थता में आयोजित बैठक के दौरान कंपनी के अधिकारियों ने मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान करने एवं सभी 33 मजदूरों के माली से रांची तक की फ्लाइट टिकट की व्यवस्था करने की जिम्मेवारी ली.

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साथ ही, फ्लाइट मिलने तक ये सभी मजदूर श्रमिक जब तक माली में रहेंगे. इस दौरान उनके रहने, खाने एवं किसी भी प्रकार की आपात व्यवस्था के लिए कंपनी जिम्मेवार होगी. इस मध्यस्थता पत्र पर श्रमिकों की तरफ से एक प्रतिनिधि एवं कंपनी की ओर से एक प्रतिनिधि ने हस्ताक्षर किया. साथ ही, भारतीय दूतावास के दो उच्च अधिकारियों ने इस पर सहमति जतायी. इसके अलावा दूतावास ने कंपनी को मजदूरों से नो ड्यूज सर्टिफिकेट प्राप्त कर उनकी घर वापसी की व्यवस्था पूरी कर सूचित करने का निर्देश भी दिया है.

Posted By: Samir Ranjan.

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