गिरिडीह-जामताड़ा मुख्य मार्ग पर गांडेय से फुलजोरी भाया कारोडीह सड़क से सटी चरघरा-गोंदलीटांड़ रोड कभी भी ध्वस्त हो सकती है. सड़क के नीचे मिट्टी का कटाव हो गया है. गार्डवाल की स्थिति काफी खराब हो गयी है. जानकारी के अनुसार गांडेय-फुलजोरी भाया चरघरा मार्ग पर कारोडीह-गोंदलीटांड़ जाने वाली सड़क पर कारोडीह पुल के पास नदी किनारे सड़क के जमीन नीचे कट गयी है. इसके कारण सड़क व गार्डवाल के धंसने की आशंका बढ़ गयी है. पूर्व मूखिया पवन राय, यूथ कांग्रेस के मो.मुख्तार, सामाजिक कार्यकर्ता मो.मुर्शिद, आजसू नेता प्रमोद राय ने विभाग से नदी के किनारे गार्डवाल, सड़क मरम्मत की मांग की है.
आजादी के अमृत काल में भी धनवार प्रखंड की करगाली खुर्द पंचायत के लोग बुनियादी समस्याओं से जूझ रहे हैं. पंचायत के जटहा, भुतहा, दलदल, बैजूडीह, करगाली और कुस्माई तक आने-जाने का रास्ता जर्जर हो चुका है. कई पुलिया भी क्षतिग्रस्त हैं. इन मार्गों पर बड़े-बड़े वाहनों का परिचालन होने के लिए हरवक्त हादसे का अंदेशा बना रहता है. खासकर बरसात में मार्ग कीचड़मय हो जाता है और पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है. कई मुहल्लों में पेयजल की भी समस्या है. मुखिया असगर इमाम ने बताया कि पंचायत चुनाव हुए लगभग सवा साल हो चुका है, पर फंड के अभाव में रोड, नाली, पुल-पुलिया का काम नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि पंचायत में कई जगह 10-20 घर की आबादी है जहां जल संकट है, पर नया चापाकल लगाने पर भी रोक लगा दी गयी है. नल-जल योजना का काम भी तेजी से नहीं हो पा रहा है. मुखिया ने सरकार से पंचायत के विकास के लिए पर्याप्त फंड मुहैया कराने की मांग की.
देवरी के चतरो (घासीडीह) स्थित लकड़गढ़ा महादेव मंदिर जाने वाली कच्ची सड़क की स्थिति में कीचड़ पसरने से खराब हो गयी है. इससे मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है. इसको देखते हुए सड़क के पक्कीकरण की मांग का जा रही है. मंदिर के पुजारी आदित्य तिवारी, प्रबंध समिति के कैलाश राय, कैलाश सिंह, रूप नारायण सिंह, बबलू साव, ग्रामीण आनंद सिंह, बच्चू नारायण राय, मंजय साव आदि ने चतरो-खिजुरी मुख्य मार्ग में घासीडीह गांव से मंदिर तक जाने वाली एक किमी कच्ची सड़क के जल्द पक्कीकर कर समस्या से निजात दिलाने की मांग की है.
क्षेत्र में प्रसिद्ध है मंदिर
लकड़गढ़ा महादेव मंदिर इस इलाके में सबसे प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है. यहां श्रद्धालु हर दिन काफी संख्या में पहुंचते हैं. सोमवार और पूर्णिमा के दिन श्रद्धालुओं की भीड़ काफी बढ़ जाती है. मंदिर तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क ही एकमात्र साधन है.
वहीं, बेंगाबाद स्थित भलकुदर पंचायत के नैयाडाबर और बिजलीबथान गांव की नदी पर बने पुल पांच वर्ष पूर्व भारी बारिश में बह गया था. इसका निर्माण अभी तक नहीं हुई. पुल नहीं बनने से ग्रामीणों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. सबसे विकट स्थिति बरसात के मौसम में होती है. ग्रामीण जान जोखिम में डालकर जरूरी कामों के लिए उफनती नदी पार करते हैं. वहीं, प्रखंड व जिला मुख्यालय जाने के लिए बाइक चालकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है. जिप सदस्य प्रमिला देवी ने जिला परिषद की बैठक में कई बार मामला उठायी, लेकिन अभी तक पुल के निर्माण की कोई पहल शुरू नहीं हुई है. झामुमो नेता नुनूराम किस्कू, सामाजिक कार्यकर्ता पवन राम आदि का कहना है कि आदिवासी बहुल इलाका होने के बावजूद इसे उपेक्षित छोड़ दिया गया है. खासकर प्रखंड मुख्यालय को जोड़ने वाली सड़क पर पुल टूटने से लोगों को काफी नुकसान हो रहा है. स्कूली बच्चों को उच्च शिक्षा में परेशानी हो रही है. ग्रामीणों ने सरकार से जनता की समस्या को देखते हुए जल्द पुल निर्माण कराने की मांग की है.
विभाग से किया गया है पत्राचार : डॉ. अहमद
इस संबंध में गांडेय विधायक डॉ सरफराज अहमद ने कहा कि गांडेय-फुलजोरी भाया चरघरा सड़क निर्माण का डीपीआर बन चुका है. इस सड़क से सटे गोंदलीटांड़ सड़क की मरम्मत को ले विभाग को पत्राचार किया गया है.