Jharkhand News: कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों. जी हां, इस कहावत को चरितार्थ किया है पश्चिम बंगाल के हुगली के सिंगुर के रहने वाले मिलन मांजी ने. पर्यावरण जागरूकता के लिए ये पैदल यात्रा कर रहे हैं. करीब 2.5 हजार किलोमीटर सफर तय कर वे झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर पहुंचे. उन्होंने बताया कि पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए वे पैदल यात्रा कर रहे हैं.
पर्यावरण जागरूकता को लेकर 30 वर्ष के मिलन मांजी पिछले दो माह से पैदल यात्रा पर हैं. इन्होंने हुगली से पैदल यात्रा की शुरुआत की थी. करीब 2.5 हजार किलोमाटर पैदल यात्रा करते हुए दो माह बाद मिलन झारखंड के गिरिडीह जिला पहुंचे. प्रभात खबर प्रतिनिधि से गिरिडीह जिले के बगोदर जीटी रोड पर इनसे मुलाकात हुई.
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मिलन मांजी अपनी पीठ पर करीब दस किलो का एयर बैग और एक तिरंगा लिए पूरे जोश से पैदल यात्रा कर रहे हैं. बातचीत के क्रम में मिलन मांजी ने बताया कि पैदल यात्रा करने का उद्देश्य पर्यावरण को नुकसान से बचाना है. इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 24 घंटे में कुछ ऐसा काम कर जायें कि प्रदूषण का खतरा कम हो सके.
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मिलन मांजी ने बताया कि बेहतर भविष्य के लिए पर्यावरण को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है, ताकि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को कुछ दे सकें. पैदल यात्रा के जरिए नया रिकॉर्ड बनाना भी है. लद्दाख घूमने के इरादे से भी पैदल यात्रा पर हैं. हर दिन करीब वे 30 किलोमीटर सफर तय करते हैं.
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मिलन मांजी बताते हैं कि वे सफर के दौरान सड़क के किनारे होटल, शेड या फिर गेस्ट हाउस में लोगों के सहयोग से रुक जाते हैं. सफर में उन्हें लोगों का साथ मिल रहा है. इससे उत्साह बना रहता है. इन्हें देखते ही लोग अवाक रह जाते हैं.
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रिपोर्ट: कुमार गौरव