JAC 10th-12th Exam: मधुमक्खियों का आतंक क्षेत्र में इन दिनों काफी बढ़ गया है. इसके कारण लोग दहशत में हैं. एक ओर जहां मधुमक्खियां मित्र कीट हैं, जो किसानों के फसलों की ऊपर बढ़ाने के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा में मदद करती हैं, वहीं, दूसरी ओर उनके हमले से कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. ऐसी ही एक घटना गिरिडीह जिले के सरिया थाना क्षेत्र में घटी. मधुमक्खियों ने मैट्रिक की परीक्षा में शामिल होने जा रही चार छात्राओं सहित छह लोगों पर हमला कर घायल कर दिया. सभी घायलों का इलाज बगोदर के सीएचसी में कराया गया.
पिपराडीह जंगल के समीप मधुमक्खियों ने निशाना
बताया गया कि उच्च विद्यालय, बंदखारो की चार छात्राएं मैट्रिक परीक्षा देने प्लस टू एसआरएसएसआर उच्च विद्यालय, सरिया दोपहिया वाहनों से अपने अभिभावकों के साथ आ रही थी. इसी बीच पिपराडीह जंगल के समीप मधुमक्खियों ने उन्हें अपना निशाना बनाया. इसमें परीक्षार्थी एवं उनके अभिभावक घायल हो गये. इसके कारण वह आधा घंटा देर से परीक्षा केंद्र पहुंची. घायलों में परीक्षार्थी क्रमशः रबिया नाज, साइस्ता खातून, सलेहा खातून व सलमा खातून सहित उनके दो अभिभावक हैं. सभी घायलों को सीएचसी बगोदर पहुंचकर इलाज करवाया. परीक्षार्थियों ने केंद्राधीक्षक खूबलाल पंडित को इसकी सूचना दी. उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें आधा घंटा देर पर पहुंचने के बाद भी परीक्षा देने की अनुमति दी गयी. खूबलाल पंडित ने बताया कि पीड़ित हिंदी की परीक्षा में शामिल हुईं.
सरिया के कई स्थानों पर मधुमक्खियों का बड़ा-बड़ा छत्ता
मालूम हो कि सरिया क्षेत्र में अनुमंडल सह प्रखंड परिसर, विवेकानंद मार्ग में मायापुरी कोठी, बागोडीह, बाजारटांड़ व सरिया थाना के समीप तथा सरिया अस्पताल परिसर स्थित पानी टंकी समेत अन्य स्थानों पर मधुमक्खियों का बड़ा-बड़ा छत्ता लगा हुआ है.
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पूर्व में कई लोगों की गयी है जान
मधुमक्खियों के हमले से पूर्व में कई लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले 13 मार्च को अपने कार्य के लिए सरिया अनुमंडल आये बगोदर प्रखंड क्षेत्र के कुदर गांव निवासी 40 वर्षीय असरफ शेख की मौत मधुमक्खियों के काटने से हो गयी थी. इसके दो वर्ष पूर्व सबलपुर में भी एक 60 वर्षीय वृद्ध तथा लगभग पांच वर्ष पूर्व चंद्रमारणी की 55 वर्ष की महिला की मौत हो चुकी है.
क्यों हमला बोलती हैं मधुमक्खियां
इन दिनों मधुमक्खियों के बढ़े आतंक के संबंध में वन परिसर पदाधिकारी सरिया अंशु कुमार ने बताया कि मधुमक्खियां आत्मरक्षा के लिए हमला करती हैं. बसंत ऋतु में जब पेड़-पौधों में नये पत्ते या कलियां खिलती हैं और फूल लगते हैं तो उनका रस चूसकर मधुमक्खियां मधु संग्रह करती हैं. इस बीच जब लोगों को झुंड उधर से गुजरता है तो वह खतरा महसूस कर मनुष्यों पर टूट पड़ती हैं और उन्हें घायल कर देती हैं. उन्होंने बताया कि इन दिनों सरिया व बगोदर क्षेत्र के अड़वारा तथा खटैया पहाड़ में काफी संख्या में बंदर अपना डेरा जमाए हुये हैं. बंदरों द्वारा मधुमक्खियों के छत्ते को नुकसान पहुंचाने पर भी वह चिढ़कर लोगों पर हमला बोल देती हैं. उन्होंने लोगों से किसी भी जंगली जीव को छेड़छाड़ नहीं करने की अपील की है.