गिरिडीह, मृणाल कुमार : भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी मेंबर व 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा की गिरफ्तारी के विरोध में संगठन ने 22 जनवरी को 24 घंटे के झारखंड बंद का एलान किया है. संगठन की झारखंड रीजनल कमेटी के प्रवक्ता आजाद ने इस बाबत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. इसमें कहा है कि 13 जनवरी को पुलिस ने डुमरी के लुसियो गांव से कृष्णा हांसदा (सौरभ ) और एक अन्य साथी तथा देवघर जिला के जसीडीह थानांतर्गत चपरिया गांव से रेनुका मुर्मू को गिरफ्तार किया है. इन दोनों से पार्टी की गोपनीयता को खुलवाने के लिए पूछताछ के नाम पर उन्हें अलग-अलग तरीके से प्रताड़ित किया जा रहा है.
भाकपा माओवादी संगठन दोनों सदस्यों की गिरफ्तारी व बर्बरतापूर्ण पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में 22 जनवरी को 24 घंटे का झारखंड बंद का आह्वान करती है. आजाद ने बंद सफल बनाने की अपील की है. कहा गया है कि एंबुलेंस, दूध, पानी, पेपर, मेडिकल, अस्पताल आदि सेवा बंद से मुक्त रखी जायेगी. इधर, कृष्णा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस पूरी तरह मुस्तैद है. पुलिस को मालूम है कि गिरफ्तारी से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है. ऐसे में वे बौखलाहट में किसी घटना को अंजाम दे सकते हैं. पुलिस और सीआरपीएफ के जवान पारसनाथ के तराई वाले इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं.
मिली जानकारी के अनुसार, नक्सलियों के थिंक टैंक, पोलित ब्यूरो सदस्य व एक करोड़ के इनामी नक्सली प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद संगठन की पूरी कमान एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा उर्फ भास्कर उर्फ सागर ने संभाल रखी है. मिसिर बेसरा पीरटांड़ थाना क्षेत्र के मदनाडीह का रहने वाला है. फिलहाल इसी के कंधे पर नक्सलियों की पूरी कमान है. पारसनाथ, जो कि नक्सलियों का सबसे सेफ जोन माना जाता था, वहां पुलिस ने नक्सलियों की कमर लगभग पूरी तरह तोड़ दी है. वर्तमान में पूरे पारसनाथ एरिया की जिम्मेदारी कृष्णा हांसदा को शीर्ष नक्सलियों ने सौंप दी थी. अब कृष्णा की गिरफ्तारी के बाद पुन: पारसनाथ इलाके में कैसे संगठन को मजबूत किया जा सकता है.
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इसको लेकर 25 लाख के इनामी नक्सली अजय महतो उर्फ टाइगर और 15 लाख के इनामी रामदयाल महतो उर्फ बच्चन दा से शीर्ष नक्सलियों ने संपर्क साधना शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें तो कृष्णा की गिरफ्तारी के बाद अजय महतो और रामदयाल महतो को फिर से संगठन को मजबूत करने का निर्देश दिया गया है. इन दोनों नक्सलियों से शीर्ष नक्सलियों की बातचीत भी हुई है, जिसके बाद झारखंड बंद का ऐलान किया गया है. बंद के दौरान नक्सली संगठन अपनी उपस्थिति दर्ज कराने का प्रयास कर सकते हैं.