Jharkhand News, गिरिडीह न्यूज : चकाई पुलिस और सीआरपीएफ ने लंबे समय से फरार चल रहे हार्डकोर नक्सली मनोज मरांडी को गिरफ्तार किया है. वर्ष 2012 में गिरिडीह में हुए जेल ब्रेक कांड में भी वह शामिल था. गिरफ्तारी की पुष्टि जमुई के एएसपी (अभियान) सुधांशु कुमार ने की. उन्होंने बताया कि चकाई थाना क्षेत्र के गोविंदपुर गांव निवासी हार्डकोर नक्सली मनोज मरांडी उर्फ प्रदीप मरांडी उर्फ अरुण संथाल उर्फ प्रताप मरांडी पिता बबुआ मरांडी लंबे समय से नक्सली संगठन भाकपा माओवादी से जुड़ा हुआ था. बताया जाता है कि वह 20 साल से नक्सली संगठन में सक्रिय था. पिछले तीन साल से वह गुजरात में छिपकर रह रहा था.
जमुई के एएसपी (अभियान) सुधांशु कुमार ने बताया कि वर्ष 2012 में गिरिडीह में पूर्व नक्सली कमांडर चिराग के नेतृत्व में भाकपा माओवादियों ने कैदी वाहन पर हमला कर कुख्यात नक्सली प्रवेश दा सहित अन्य नक्सलियों को पुलिस की गिरफ्त से छुड़ा लिया था. इधर, नक्सल मामले में नाम आने के बाद से वह फरार चल रहा था. पुलिस को लंबे समय से मनोज मरांडी की तलाश थी.
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पुलिस ने जिस नक्सली मनोज मरांडी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वह 9 नवंबर 2012 को गिरिडीह में हुए जेल ब्रेक कांड में मुख्य रूप से शामिल था. मनोज कोर्ट में पेशी के दौरान कैदी वाहन पर हमला कर शीर्ष नक्सली नेता प्रवेश दा को छुड़ाने की घटना में मुख्य रूप से शामिल रहा है. बताया जाता है कि पिछले तीन साल से वह गुजरात में रह रहा था. पूछताछ में उसने कई जानकारियां दी हैं, उसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करने में जुटी हुई है.
चकाई थाना क्षेत्र के गोविंदपुर स्थित घर पर आने की सूचना के बाद सीआरपीएफ ने चकाई पुलिस के सहयोग से उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी अभियान का नेतृत्व एएसपी (अभियान) कर रहे थे. मनोज मरांडी पिछले 20 सालों से नक्सली संगठन में सक्रिय था. उस पर चकाई सहित विभिन्न थानों में आठ से अधिक मामले दर्ज हैं. चकाई थाना में तीन, खैरा थाना में दो, चंद्रमंडी थाना में एक एवं बरहट थाना में दो मामले दर्ज हैं. उस पर हत्या, पुलिस पर हमला, लेवी जैसे संगीन आरोप से संबंधित मामले दर्ज हैं. पुलिस की पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि गिधेश्वर जंगल में ट्रेनिंग लेने के बाद उसने नक्सली संगठन ज्वाइन किया था.
Posted By : Guru Swarup Mishra