Navratri 2021, गिरिडीह न्यूज (कुमार गौरव) : झारखंड के गिरिडीह जिले के बगोदर में दुर्गोत्सव का इतिहास काफी पुराना है. यूं कहा जाये कि अंग्रेजों के शासन काल से ही मां दुर्गा की आराधना की जा रही है. बगोदर थाना से कुछ दूरी पर जीटी रोड के किनारे स्थित श्री श्री दुर्गा शक्ति मंदिर की स्थापना 1920 में हुई थी. आजादी से पहले से यहां दुर्गा पूजा हो रही है. नवरात्रभर माता के दरबार में महिलाएं व लड़कियों द्वारा दीप जलाया जाता है.
एक जमाने में दुर्गा पूजा का आयोजन तिरपाल घेर कर किया जाता था. आज भव्य दुर्गा मंदिर बनाया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि एक समय बगोदर प्रखंड में कहीं पर दुर्गा पूजा नहीं होता थी. सिर्फ बगोदर से सटे डुमरी प्रखंड में पूजा व मेला का आयोजन होता था. बगोदर के ही सोहन राम के परिवार डुमरी की दुर्गा पूजा में शामिल होने गये थे. जिसकी जानकारी सोहन राम को नहीं थी. अपने परिवार के सदस्यों का घर पर नहीं होना व पूजा के लिए डुमरी जाना उन्हें नागवार गुजरा और सोहन राम ने अपने पूर्वजों की जमीन पर थाना के बगल साहू मुहल्ला के समीप अपने परिवार के साथ पूजा पाठ आरंभ कर दिया.
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धीरे-धीरे मंदिर को सार्वजनिक कर दिया गया. श्री श्री दुर्गा शक्ति मंदिर कमेटी गठित कर बड़े पैमाने पर दुर्गा पूजा की जा रही है. कलश स्थापना के साथ ही मंदिर में वैष्णवी पूजा की जाती है. नवरात्रभर माता के दरबार में महिलाएं व लड़कियों के द्वारा दीप जलाया जाता है. इसके साथ ही सप्तमी तिथि से पट खुलते ही पूजा-अर्चना आरंभ कर दी जाती है. एकादशी तिथि को बगोदर में भव्य शोभा यात्रा के साथ मां भगवती की प्रतिमा का विसर्जन शिवाला तालाब में किया जाता है. इस बाबत पूजा कमेटी के अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार उर्फ मन्नू ने बताया कि पूजा को लेकर तैयारी चल रही है. कोविड-19 को लेकर सरकारी गाइडलाइन के तहत पूजा-अर्चना की जा रही है.
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Posted By : Guru Swarup Mishra