Prabhat Khabar Explainer: आजादी के 75 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में केंद्र सरकार ने भू-जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गांवों में अमृत सरोवर बनाने का निर्देश दिया है. इसके लिए गिरिडीह जिले में 75 गांव चिह्नित हुए हैं. 17-18 लाख की लागत से गांवों में अमृत सरोवर बनाये जा रहे हैं. अभी तक 16 गांवों में अमृत सरोवर का काम शुरू हो गया है. जबकि, शेष गांवों में जमीन का चयन कर लिया गया है.
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अमृत सरोवर से किसान होंगे खुशहाल
सरोवर 200 गुणा 200 स्क्वायर फीट लंबी-चौड़ी और 12 फीट गहरा होगा. सरोवर का काम पूरा होने के बाद तटबंध पर पौधरोपण किया जायेगा. इमारती और फलदार पौधे लगाये जायेंगे. फल बेचकर किसान अपनी आमदनी को बढ़ायेंगे और उनका परिवार खुशहाल भी होगा. इसके साथ ही सरोवर पर सीढ़ी बनाकर सौंदर्यीकरण भी किया जा रहा है.
अमृत सरोवर को दिया जा रहा मॉडल रूप
जल संचयन के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं भू-जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अमृत सरोवर का निर्माण शुरू हुआ है. सभी तालाब का चयन रिमोट सेंसिंग से हुआ है. वर्तमान में इसे मॉडल रूप में दिया जा रहा है. अधिकारियों का कहना है कि काम पंचायतों के मुखिया को करना है. वहीं, मॉनीटरिंग बीडीओ और बीपीओ करेंगे. हालांकि, सरोवर निर्माण के लिए सरकार ने राशि आवंटित नहीं की है. इसके कारण जो लोग सरोवर का निर्माण किये हैं, उनकी राशि सरकारी फाइलों में फंस गयी है.
सदर प्रखंड के मटरूखा में अमृत सरोवर बनकर तैयार
सरोवर से सिंचाई की सुविधा और मछली पालन को बढ़ावा देने का निर्देश भी दिया गया है. इसे भी रोजगार से जोड़कर देखा जा रहा है. मनरेगा से सरोवर के तटबंध पर पौधरोपण होगा. लाभुकों को सरकारी स्तर से पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे. सदर प्रखंड के मटरूखा में अमृत सरोवर बनकर तैयार है. वहीं, इसी प्रखंड के बदगुंदाखुर्द, चुंजका, बुढ़ियाडीह, पहाड़पुर, सेनादोनी व सिंदवरिया में सरोवर बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गयी है. बारिश के बाद इस पर काम शुरू होगा. पीरटांड़ प्रखंड के बासोटांड़, बेंगाबाद के मोहनपुर व तिलोबानी, तिसरी प्रखंड के सिरसिया, बेंगाबाद के असगंदो, बिरनी के खेदवारा व बेराहीटांड़, डुमरी के मधगोपाली, गांडेय के भगतिया लोहारी समेत अन्य गांवों में सरोवर का निर्माण पूरा कर लिया गया है. अन्य 59 गांवों में सरोवर बनाने की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गयी है.