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गिरिडीह : महापारणा महोत्सव की तैयारी चरम में, 557 दिन बाद 28 जनवरी को मौन व्रत तोड़ेंगे प्रसन्न सागर जी महाराज

गिरिडीह के सम्मेद शिखर में आगामी 28 जनवरी से शुरू हो रहे महापारणा महोत्सव को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. इसी दिन प्रसन्न सागर जी महाराज 557 दिन बाद अपना मौन व्रत तोड़ेंगे. जगत कल्याण और अंतिम भूखे तक के लिए अनाज बचाने के उद्देश्य से प्रसन्न सागर जी महाराज पासरनाथ में तपस्या में लीन हैं.

पीरटांड़ (गिरिडीह), भोला पाठक : गिरिडीह के पारसनाथ स्थित सम्मेद शिखर में होने वाले महापारणा महोत्सव को लेकर मधुबन थाना मैदान में भव्य और आकर्षक पंडाल बनकर करीब-करीब तैयार हो गया है. इसके अलावा सौरभांचल संस्था परिसर, कच्छी भवन, हटिया मैदान समेत अन्य जगहों पर भी पंडाल बने हैं. 28 जनवरी से तीन फरवरी, 2023 तक आयोजित इस महापारणा महोत्सव में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला समेत कई गणमान्य लोग शिरकत करेंगे. इस महोत्सव को लेकर कार्यक्रम स्थल का जायजा लेने एसडीएम प्रेमलता मुर्मू, एसडीपीओ मनोज कुमार, बीडीओ दिनेश कुमार और सीओ विनय प्रकाश तिग्गा मधुबन पहुंचे. उन्होंने कई निर्देश भी दिये.

देश-विदेश के श्रद्धालु हो रहे जमा

मालूम हो कि जगत कल्याण और अंतिम भूखे तक के लिए अनाज बचाने के उद्देश्य से अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज कड़ाके की ठंड में भी पारसनाथ में 557 दिन की कठिन सिंघनिष्क्रीड़ित व्रत के तहत मौन साधना में लीन हैं. आचार्य के मौन साधना के महापरणा पर 28 जनवरी को देश-विदेश के श्रद्धालुओं जमा होंगे. इसकी तैयारी जोरों से चल रही है. भव्य पंडाल बनाया जा रहा है. मधुबन के सभी धर्मशाला बुक हो गये हैं. कई वीआईपी शामिल होंगे. मौन साधना के पूर्णाहूति में भव्य महापरणा एवं पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन होगा.

भगवान महावीर के बाद पहले दिगंबर संत बने प्रसन्न सागर जी महाराज

भगवान महावीर स्वामी के बाद कठिन तपस्या सिंघनिष्क्रीड़ित व्रत के साधक आचार्य पुष्पदंत सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य अंतर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी का 32 वर्षों में लगभग 3500 उपवास व लाखों किमी पैदल यात्रा का इतिहास है. आचार्य अपने गुरु के आशीर्वाद से चार साधु व चार साध्वी के संघ के साथ लगभग 32 प्रातों में भ्रमण कर चुके है. मुनि श्री पीयूष सागर जी महाराज ने बताया कि तीर्थराज सम्मेद शिखर के स्वर्ण भद्रकूट पर लगातार 10 माह से अधिक समय तक रहकर आचार्य श्री अद्वितीय व अद्भुत साधना करने वाले भगवान महावीर के बाद पहले दिगंबर संत हैं. व्रतों का महापारणा 28 जनवरी को सम्मेद शिखर की धरा पर होगा.

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28 जनवरी से तीन फरवरी तक होगा कार्यक्रम

मुनि श्री पीयूष सागर जी महाराज ने बताया कि जैन समाज के लोग अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज के व्रतों की अनुमोदना के लिए लाखों की संख्या में गुरुभक्त, प्रभु भक्त, आत्म कल्याण के साथ तीर्थराज सम्मेद शिखर में उपस्थित होंगे. अंर्तमना आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज के साथ संघ में मुनि श्री पीयूष सागर जी महाराज, मुनि श्री अप्रमत्त सागर जी महाराज ,मुनि श्री पर्व सागर जी महाराज, आर्यिका श्री ज्ञान प्रभा माता जी, आर्यिका श्री चारित्र प्रभा माता जी, ऐलक श्री परिमल सागर महाराज, क्षुल्लिका श्री दर्शन प्रभा माता जी और क्षुल्लिका तप प्रभा माता जी हैं. बताया गया कि 28 जनवरी से तीन फरवरी तक चलने वाले महापारणा महाप्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान मधुबन व आसपास के लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था रहेगी.

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