Jharkhand News: गोड्डा स्थित ईसीएल के हुर्रासी परियोजना में कार्यरत आउटसोर्सिंग कंपनी के खिलाफ लोगों ने मोर्चा खोला है. बुधवार को ग्रामीणों ने एक बैठक की. जिसके बाद इसीएल के महाप्रबंधक के नाम एक मांग पत्र सौंपा है. जिसमें कंपनी के कारगुजारियों का जिक्र किया है. ग्रामीणों ने आक्रोशित होकर बताया कि जिस उत्साह से हुर्रासी परियोजना को प्रारंभ करने में ग्रामीणों द्वारा सहयोग किया गया था. वह बेकार साबित हुआ है.
75 प्रतिशत स्थानीय को मिले रोजगार
महाप्रबंधक प्रभारी को पत्र सौंपकर कहा है कि 15 मार्च को कंपनी द्वारा खनन नियम के विरुद्ध लोगों को डराने व धमकाने का कार्य किया गया है. महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किये जाने की जानकारी से भी अवगत कराया. बताया कि डंपर चालक के रूप में रह रहे कंपनी के असामाजिक तत्वों द्वारा आये दिन महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार व्यवहार किया जा रहा है. डराने व धमकाने का काम किया जा रहा है. बताया कि राज्य में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत रोजगार देने का प्रावधान है. जबकि इसका अनुपालन निजी कंपनी द्वारा नहीं किया जा रहा है.
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महाप्रबंधक प्रभारी को पत्र भेजकर दिया अल्टीमेटम
सुरक्षा प्रहरियों को भी कंपनी में सुरक्षा की गारंटी नहीं है. मिट्टी खनन कार्य से स्थानीय लोग प्रदूषण व धूलकण से परेशान हैं. इसके नियंत्रण का कोई उपाय नहीं किया गया है. साथ ही बीते 14 दिसंबर को परियोजना के उदघाटन के दौरान हुए बंधपत्र का एक भी बात का अनुपालन नहीं किया गया है. इसको लेकर स्थानीय लोग आंदोलित हैं तथा कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं. महाप्रबंधक प्रभारी को पत्र भेजकर अल्टीमेटम दिया है कि यदि कंपनी द्वारा ग्रामीणों के साथ दमनात्मक कार्रवाई की जाती है. नियम के विरुद्ध काम लिया जाता है. नियोजन नीति को दरकिनार किया जाता है तो मजबूरन हुर्रासी परियोजना को बंद करने का काम किया जायेगा. इससे होने वाले नुकसान की सारी जवाबदेही इसीएल प्रबंधन की होगी. मौके पर दाउद हांसदा, जतन हांसदा, अमोद कुमार, मानु मुर्मू, दानियल मुर्मू, विनोद हांसदा, पटवारी हेंब्रम, रमेश कुमार मुर्मू आदि मौजूद थे.