Jharkhand News (बोआरीजोर/गोड्डा) : देश के दो बड़े NTPC में शामिल कहलगांव व फरक्का के पास अब मात्र एक दिन का कोयला बचा है. ECL की राजमहल कोल परियोजना, ललमटिया से वर्तमान में 10 रैक की जगह मात्र 4 रैक कोयले की आपूर्ति की जा रही है. इसके तहत 3 रैक कहलगांव तथा मात्र एक रैक कोयला फरक्का को आपूर्ति की वजह से दोनों NTPC के पास कोयले का अभाव हो गया है.
परियोजना के मुताबिक, कोयले के उत्पादन में कमी का असर पूरी तरह से दोनों ताप विद्युत परियोजना को पड़नेवाली है. राजमहल कोल परियोजना में लगातार दो साल से जमीन के कारण कोयले का उत्पादन कम हो रहा है. बताया जाता है कि प्रभावित क्षेत्र तालझारी गांव में जमीन अधिग्रहण के बावजूद ग्रामीणों के विरोध के कारण खनन कार्य शुरू नहीं कर पाया है.
जमीन की कमी के कारण राजमहल कोल परियोजना में अभी कोयले का उत्पादन घटकर मात्र 10 हजार टन प्रतिदिन रह गया है. जहां पहले हर दिन 60 हजार टन कोयले का उत्पादन होता था. इस वजह से कहलगांव व फरक्का NTPC को हर दिन 10 से 12 हजार टन कोयले की आपूर्ति प्रतिदिन की जा रही है.
Also Read: Jharkhand News: शादी का प्रलोभन देकर दो साल से महिला सिपाही का SIRB जवान ने किया यौन शोषण,6 लाख रुपये भी हड़पे
कोयले की आपूर्ति कम होने की वजह से दोनों ताप विद्युत परियोजना की स्थिति बेहद खराब हो गयी है. राजमहल परियोजना में हेड क्वार्टर के निदेशक व टेक्निकल पहुंच कर नजर बनाये हुए हैं. जमीन संकट से उबरने के लिए भरपूर कोशिश की जा रही है. परियोजना के महाप्रबंधक प्रभारी देवेंद्र कुमार नायक व परियोजना के पदाधिकारी जमीन समस्या से निजात पाने में लगे हैं.
Posted By : Samir Ranjan.