Jharkhand News: गोड्डा जिला अंतर्गत महागामा में 300 बेड के अस्पताल की जरूरत नहीं थी. पहले से महागामा में सब कुछ है. राजमहल कोल परियोजना क्षेत्र में बोआरीजोर आता है. अस्पताल की जरूरत बोआरीजोर के लोगों को थी, जिससे आसपास के दो जिले के लोगों को लाभ मिलता. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अस्पताल की स्वीकृति महागामा में दी है. इसका गंभीर परिणाम मुख्यमंत्री के साथ-साथ सांसद विजय हांसदा को भी महंगा पड़ेगा. उक्त बातें स्थानीय किसान भवन में बोरियो विधायक लोबिन हेंब्रम ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही.
बोआरीजोर की जगह महागामा में सरकार की स्वीकृति पर बिफरे लोबिन
बातचीत के दौरान कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले बोआरीजोर के आसपास तीन-चार चिह्नित गांवों में हिजुकित्ता, तेलगांवा, रानीडीह में इसीएल के सीएसआर की राशि से बनने वाले अस्पताल के लिए स्थान तय कर स्वीकृति दी थी. मुख्यमंत्री के साथ-साथ राजमहल सांसद विजय हांसदा से भी उनकी बात हुई थी. इसके बावजूद महागामा में सरकार ने स्वीकृति देकर क्षेत्र के साथ अन्याय किया है. बोआरीजोर क्षेत्र के लोगों की जमीन ईसीएल में जा रही है, कोयले का पैसा क्षेत्र को ना मिलकर महागामा में जाना, कहां का न्याय है.
न्याय के लिए खटखटाएंगे कोर्ट का दरवाजा
श्री हेंब्रम ने कहा कि जमीन हमारी, विस्थापित व परेशान हम, लड़ाई करें हम और विकास योजनाओं का लाभ किसी दूसरी जगह, ऐसा नहीं चलने देंगे. न्याय के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. वैसे भी जनता-जनार्दन सब कुछ देख रही है. कहा कि महागामा में सब कुछ और बोआरीजोर में कुछ नहीं, चुनाव में इसका असर पडेगा. पार्टी में रहकर सरकार का विरोध किये जाने पर कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनकी जमीन की लड़ाई नहीं है. मुख्यमंत्री ने जिस बात की घोषणा पहले की है, उसके पूरा नहीं होने पर ही बातें उठा रहा हूं. चाहे स्थानीयता का मामला हो, 1932 का मामला हो, बेरोजगारों को नौकरी की बात हो या पेशा कानून की बात…आज तक मुख्यमंत्री ने किसी भी घोषणा को पूरा नहीं किया है.
अगर जनता चाहेगी, तो लोकसभा के लिए भी हैं तैयार
विधायक श्री हेंब्रम ने कहा कि चुनाव में कहां व किससे लड़ना है, यह बात जनता तय करेगी. जनता जर्नादन चाहेगी, तो विधानसभा क्या लोकसभा के लिए भी तैयार हैं. दौरान झामुमो नेता अनिरूद्ध साह, राजेश महतो मुख्य रूप से शामिल थे.
मोंटे कार्लो के खिलाफ होगा जोरदार आंदोलन : लोबिन
वहीं, विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि परियाेजना क्षेत्र के हुर्रासी में मोंटे कार्लो कंपनी ने कोयला उत्खनन कर नियम-कानून को ताक पर रख दिया है. क्षेत्र में करीब 50 हजार पेड़ों को काटा गया है. इसके बावजूद आज तक एक भी पेड़ नहीं लगाया गया है. उन्हाेंने आरोप लगाया कि वन विभाग के साथ कंपनी ने मिलकर नियमों को ताक पर रखकर सभी पेड़ों को कटवा दिया है. कहा कि जल्द ही इस मामले को लेकर जोरदार आंदोलन किया जायेगा. आंदोलन कई दिनों तक चलाया जायेगा, ताकि क्षेत्र के लोगों की मांग व पानी आदि की समस्या का समाधान किया जा सके.